वाशिंगटन: अमेरिका में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में ईरान भी बड़ा मुद्दा बनता जा रहा है। अमेरिका के खुफिया अधिकारियों की ओर से बड़ी बात कही गई है। खुफिया अधिकारियों ने इस बात को लेकर विश्वास जताया है कि डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति चुनाव के लिए प्रचार अभियान में हस्तक्षेप करने को लेकर ईरान जिम्मेदार है। इसे अमेरिकी चुनाव के नतीजों को संभावित रूप से बदलने और देश की राजनीति में दखल देने के ईरान के प्रयास के तौर पर देखा जा रहा है। राष्ट्रपति पद के लिए रिपब्लिकन पार्टी की ओर से उम्मीदवार ट्रंप के प्रचार दल ने कुछ दिन पहले कहा था कि उनके अभियान को ईरान के जरिए हैक कर लिया गया है।
हैकिंग के लिए ईरान जिम्मेदार
संघीय जांच ब्यूरो (FBI) और अन्य संघीय एजेंसियों के आकलन में पहली बार अमेरिकी सरकार ने हैकिंग के लिए ईरान को जिम्मेदार ठहराया है जिससे चुनाव में विदेशी हस्तक्षेप के खतरे को लेकर चिंता बढ़ गई है। अधिकारियों का मानना है कि ईरान ने ट्रंप के अभियान के अलावा कमला हैरिस के राष्ट्रपति चुनाव के लिए प्रचार अभियान को भी हैक करने की कोशिश की है।
ईरान ने किया इनकार
संयुक्त राष्ट्र में ईरान के मिशन ने हैकिंग से इनकार करते हुए कहा कि ईरान का चुनाव में हस्तक्षेप करने का ना तो उद्देश्य है और ना ही इरादा है और उसने अमेरिका को सबूत उपलब्ध कराने की चुनौती दी है। यह बयान ऐसे वक्त में दिया गया है जब अमेरिका हमास चीफ इस्माइल हनिया की हत्या को लेकर इजराइल पर बदले की कार्रवाई के खतरे को रोकने की उम्मीद कर रहा है। इसे लेकर अमेरिका और तेहरान के बीच तनाव बढ़ गया है। (एपी)
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