नई दिल्ली. केंद्रीय कर्मचारियों को मोदी सरकार ने तोहफा दिया है. सरकार ने कर्मचारियों के लिए यूनिफ़ाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) की घोषणा की है. यह स्कीम 1 अप्रैल 2025 से लागू होगी. सरकार के इस फैसले पर कांग्रेस ने रविवार को तंज कसा और कहा कि यूनिफ़ाइड पेंशन स्कीम में ‘यू’ का मतलब मोदी सरकार का ‘यू-टर्न’ है.
इस योजना से केंद्र सरकार के लगभग 23 लाख कर्मचारियों को लाभ होगा. राज्य सरकारों को भी ‘यूपीएस’ चुनने का विकल्प दिया जाएगा. यदि राज्य सरकारें यूपीएस का विकल्प चुनती हैं, तो लाभार्थियों की संख्या लगभग 90 लाख होगी. सरकार के मुताबिक एरियर पर 800 करोड़ रुपये का खर्च आएगा. पहले वर्ष में वार्षिक खर्च लगभग 6,250 करोड़ रुपये होगा.
सरकार पर कटाक्ष करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, “यूपीएस में ‘यू’ का मतलब मोदी सरकार का ‘यू-टर्न’ है. चार जून के बाद जनता की शक्ति प्रधानमंत्री के सत्ता के अहंकार पर हावी हो गई है.” खरगे ने कहा, “दीर्घ अवधि के पूंजीगत लाभ/सूचकांककरण के बारे में बजट में कदम वापस लिया, वक्फ विधेयक को संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के पास भेजा गया, प्रसारण बिल और ‘लेटरल एंट्री’ वापस ली गई.”
कांग्रेस प्रमुख ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर अपने पोस्ट में कहा, “हम जवाबदेही सुनिश्चित करते रहेंगे और 140 करोड़ भारतीयों को इस निरंकुश सरकार से बचाएंगे!” उन्होंने कहा कि इस वैकल्पिक योजना से 23 लाख केन्द्र सरकार के कर्मचारियों को लाभ मिलेगा और यदि राज्य सरकारें इस योजना में शामिल होती हैं, तो यह संख्या 90 लाख तक बढ़ सकती है.
कांग्रेस का यह कटाक्ष ऐसे समय में आया है जब एक दिन पहले ही केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) के तहत एक जनवरी 2004 के बाद सेवा में शामिल होने वालों के लिए वेतन के 50 प्रतिशत के बराबर पेंशन की गारंटी को मंजूरी दी थी.
हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनावों से पहले सरकारी कर्मचारियों की लंबे समय से लंबित मांगों को पूरा करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस) को मंजूरी दी गई, जो गारंटीकृत पेंशन का भरोसा देती है.
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FIRST PUBLISHED : August 25, 2024, 17:14 IST