Mobile Users in India
TRAI ने देश के करोड़ों मोबाइल यूजर्स को बड़ी राहत देते हुए फर्जी SMS को रोकने वाले नए नियम लागू करने की डेडलाइन को बढ़ा दिया है। पहले दूरसंचार नियामक इसे 1 सितंबर 2024 से लागू करने वाला था। एक्सेस सर्विस प्रोवाइडर्स और अन्य स्टेकहोल्डर्स की मांग पर नियामक ने इस डेडलाइन को एक्सटेंड करने का फैसला लिया है। पिछले दिनों ट्राई ने टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स और टेलीमार्केटर्स को फर्जी SMS और कॉल पर रोक लगाने के लिए URL, APK और OTT लिंक वाले मैसेज को व्हाइटलिस्ट कराने के लिए 31 अगस्त 2024 तक की डेडलाइन दी थी।
बढ़ा दी डेडलाइन
दूरसंचार विभाग के नए नियम लागू होने से फर्जी लिंक वाले मैसेज और कॉल पर लगाम लगाया जा सके। हालांकि, अभी तक कई टेलीमार्केटर ने अपने मैसेज टेम्पलेट को व्हाइटलिस्ट नहीं कराया है, जिसकी वजह से नया नियम लागू होने के बाद यूजर्स को OTP वाले मैसेज मिलने में दिक्कत आ सकती थी और ऑनलाइन पेमेंट आदि करने में परेशानी होती। दूरसंचार नियामक ने यूजर्स की दिक्कत को देखते हुए अब इसकी डेडलाइन को 1 महीने यानी 30 दिनों के लिए बढ़ा दी है। अब यह नियम 1 अक्टूबर 2024 से लागू होंगे।
TRAI ने इस महीने की शुरुआत में 8 अगस्त को टेलीकॉम ऑपरेटर्स, टेलीमार्केटर्स और अन्य स्टेकहोल्डर्स के साथ मीटिंग की थी, जिसमें मार्केटिंग वाले मैसेज और कॉल को लेकर दिशा-निर्देश जारी किया था।
TRAI ने दिया सख्त आदेश
TRAI ने अपने निर्देश में कहा था कि अगर कोई एंटिटी स्पैम कॉल करने के लिए अपनी एसआईपी/पीआरआई लाइनों का दुरुपयोग करती है, तो एंटिटी के सभी दूरसंचार संसाधनों को उसके दूरसंचार सेवा प्रदाता (टीएसपी) द्वारा काट दिया जाएगा और इकाई को ब्लैकलिस्ट कर दिया जाएगा।
यह जानकारी टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर (TSP) द्वारा अन्य सभी टीएसपी के साथ साझा की जाएगी, जो बदले में, उस इकाई को दिए गए सभी दूरसंचार संसाधनों को काट देंगे और उसे दो साल तक की अवधि के लिए ब्लैकलिस्ट कर देंगे। ब्लैकलिस्टिंग की अवधि के दौरान किसी भी टीएसपी द्वारा उसे कोई नया दूरसंचार संसाधन आवंटित नहीं किया जाएगा।
1 सितंबर 2024 से, ऐसे किसी भी SMS को डिलीवर करने की अनुमति नहीं दी जाएगी, जिसमें ऐसे स्पैम वाले URL/APK लिंक हैं, जो व्हाइटलिस्ट में शामिल न हों। ट्राई ने अब इस डेडलाइन को 30 दिनों के लिए आगे बढ़ा दिया है। यानी अब 1 अक्टूबर से बिना व्हाइटलिस्ट वाले मैसेज यूजर्स को रिसीव नहीं होंगे। इसके अलावा नियामक ने टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स को एंटिटी और टेलीमार्केटर के बीच चेन बाइंडिंग को इंप्लिमेंट करने के लिए 31 अक्टूबर 2024 तक का समय दिया गया है ताकि इस तरह के मैसेज फ्लो का पता लगाया जा सके।
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