नई दिल्ली. अमेरिका की रिसर्च एवं इन्वेस्टमेंट कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च की नई रिपोर्ट आने के बाद सवालों के घेरे में आईं भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच को लेकर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने रविवार को कहा कि उन्होंने अब तक इस्तीफा क्यों नहीं दिया. इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि क्या सुप्रीम कोर्ट इस मामले में स्वतः संज्ञान लेगा.
दरअसल, हिंडनबर्ग रिसर्च ने आरोप लगाया है कि उसे संदेह है कि अडाणी समूह के खिलाफ कार्रवाई करने में सेबी की अनिच्छा का कारण यह हो सकता है कि बुच की अडाणी समूह से जुड़े विदेशी फंडों में हिस्सेदारी थी. हिंडनबर्ग ने शनिवार देर रात जारी अपनी एक रिपोर्ट में कहा कि सेबी की प्रमुख बुच और उनके पति धवल बुच के पास उस विदेशी कोष में हिस्सेदारी है, जिसका इस्तेमाल अडाणी समूह में धन की कथित हेराफेरी के लिए किया गया था.
राहुल गांधी ने एक्स पर लिखा, “छोटे खुदरा निवेशकों की संपत्ति की सुरक्षा का जिम्मा संभालने वाले प्रतिभूति नियामक सेबी की ईमानदारी के साथ इसके अध्यक्ष के खिलाफ आरोपों से गंभीर समझौता हुआ है.” उन्होंने कहा, यह मामला सामने आने के बाद देश भर के ईमानदार निवेशकों के पास सरकार से पूछने के लिए ये तीन जरूरी सवाल हैं: 1. सेबी अध्यक्ष माधवी पुरी बुच ने अभी तक इस्तीफा क्यों नहीं दिया? 2. यदि निवेशक अपनी गाढ़ी कमाई खो देते हैं, तो किसे जवाबदेह ठहराया जाएगा? 3. सामने आए नए और बेहद गंभीर आरोपों के आलोक में क्या सुप्रीम कोर्ट एक बार फिर इस मामले पर स्वत: संज्ञान लेगा?”
राहुल गांधी ने आगे लिखा, “अब यह बिल्कुल स्पष्ट हो गया है कि जेपीसी जांच से सरकार क्यों इतना डरी हुई है और इससे क्या खुलासा हो सकता है.” हालांकि, सेबी चेयरपर्सन ने इन आरोपों को बेबुनियाद करार दिया है और रिसर्च एजेंसी पर ही निशाना साधा है. बुच और उनके पति धवल ने आरोपों को निराधार बताया था. दंपति ने कहा कि हिंडनबर्ग पूंजी बाजार नियामक की विश्वसनीयता पर हमला कर रही है और चेयरपर्सन के चरित्र हनन का भी प्रयास कर रही है.
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FIRST PUBLISHED : August 11, 2024, 20:42 IST