कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर के साथ बर्बरता के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. संदीप घोष को लेकर सीबीआई के खुलासे ने वैसे ही सरकार की दिक्कतें बढ़ा दी हैं, अब स्टूडेंट्स ने ‘नबन्ना मार्च’ का ऐलान कर उनकी मुसीबत और बढ़ा दी है. मंगलवार को हजारों की संख्या में स्टूडेंट एक बार फिर सड़क पर उतरने का ऐलान कर चुके हैं. बीजेपी का उन्हें समर्थन मिल रहा है. उनकी सिर्फ एक ही डिमांड है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इस्तीफा दें. इससे कम कुछ भी मंजूर नहीं है. वहीं, ममता सरकार इसमें साजिश देख रही है. पुलिस को इस मार्च में गोलियां चलने का डर सता रहा है. कोलकाता पुलिस ने कहा, एक बार फिर माहौल बिगाड़ने की कोशिश हो रही है. आइए जानते हैं कि पूरा मामला आखिर क्या?
कोलकाता पुलिस ने कहा, नबन्ना अभियान के नाम पर उपद्रवी भीड़ में शामिल होकर हिंसा फैला सकते हैं. हमें जानकारी मिली है कि जिस ‘पश्चिमबंगा छात्र समाज’ संगठन ने नबन्ना अभियान का ऐलान किया है, उसके एक नेता ने शहर के एक फाइव स्टार होटल में विपक्ष के एक नेता के साथ बैठक की है. एडीजी लॉ एंड ऑर्डर मनोज कुमार वर्मा ने दावा किया कि इतनी बड़ी रैली के लिए पुलिस से कोई अनुमति नहीं मांगी गई है. उन्होंने आम जनता और छात्रों से इस रैली से दूर रहने की अपील की है. एडीजी सुप्रतिम सरकार ने भी कहा, इस साजिश के जाल में मत फंसिए. यह राज्य में उपद्रव फैलाने की बहुत बड़ी साजिश है.
किसने बुलाई रैली
नबन्ना रैली ‘पश्चिमबंगा छात्र समाज’ संगठन और संगमरी समिता मंच ने बुलाई है. इसमें राज्य के सभी छात्रों से शामिल होने की अपील की गई है. सोशल मीडिया में इसे लेकर खूब अभियान चलाए जा रहे हैं. छात्रों का कहना है कि वे नबन्ना तक मार्च करेंगे. यानी राज्य सचिवालय तक जाएंगे. वहां से तब तक नहीं लौटेंगे, जब तक मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इस्तीफा नहीं दे देतीं.
किस बात का डर
पुलिस ने खुफिया जानकारी के आधार पर इस दौरान हिंसा और अराजकता की आशंका जताई है. एडीजी सुप्रतिम सरकार ने सनसनीखेज आरोप लगाते हुए कहा, कहा जा रहा कि यह संगठन और कार्यक्रम गैर राजनीतिक है लेकिन हमारे पास खबर है कि पश्चिम बंगाल छात्र समाज के एक नेता ने शहर के एक फाइव स्टार होटल में एक नेता से मुलाकात की. वहीं पर साजिश रची गई. हम सबूत इकट्ठा कर रहे हैं और इसे अदालत में पेश करेंगे. ‘पश्चिमबंगा छात्र समाज’ फेसबुक पर एबीवीपी की पश्चिम बंगाल ईकाई और सिलीगुड़ी के भाजपा विधायक शंकर घोष को फॉलो करता है. इससे साफ है कि ये सब कहां से हो रहा है.
पुलिस के तीन सवाल
1. सबसे बड़ा सवाल कि जिस दिन शहर में सबसे बड़ी परीक्षा होनी है, उस दिन मार्च क्यों निकाला जा रहा है?
2. बार-बार दोनों संगठनों से संपर्क किया जा रहा.मार्च के बारे में जानकारी मांगी जा रही, लेकिन कोई जवाब क्यों नहीं मिली?
3. अब तक दोनों संगठनों ने मार्च की इजाजत के लिए आवेदन क्यों नहीं दिया, सोशल मीडिया पर मुहिम के बारे में भी नहीं बता रहे.
टीएमसी ने जारी किए वीडियो
तृणमूल कांग्रेस ने भी दो वीडियो जारी किए, जिसमें आरोप लगाया गया कि नबन्ना अभियान के दौरान राज्य में हिंसा फैलाने की साजिश हो रही है. तृणमूल नेता कुणाल घोष ने यहां तक आरोप लगाया है कि पुलिस की वर्दी में आने वाले लोगों पर गोली चलाई जा सकती है. हालांकि न्यूज 18 इस वीडियो की सत्यता की पुष्टि नहीं करता.
कार पूल संगठन ने क्या कहा?
स्कूल-दफ्तर पहुंचाने वाले कार पूल संगठन ने एक बड़ा फैसला लिया है. कहा, नबन्ना अभियान की वजह से सुबह 9 बजे से सड़क पर भीड़ उतरेगी. सुबह तो कारें चलेंगी, लेकिन अगर हालात खराब होते हैं, तो हम सेवा नहीं दे पाएंगे. माता-पिता अपने जोखिम पर बच्चों को स्कूल भेजें. कोशिश करें कि न भेजें तो ज्यादा ठीक रहेगा. यह फैसला इसलिए बेहद अहम है क्योंकि मंगलवार को ही कोलकाता में यूजीसी नेट की परीक्षा है. ऐसे में वाहनों में भारी भीड़ होगी.
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FIRST PUBLISHED : August 26, 2024, 19:31 IST