दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जेल में हैं. ऐसे में 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस पर राजधानी के छत्रसाल स्टेडियम में आयोजित मुख्य कार्यक्रम में तिरंगा कौन फहराएगा? ये सवाल पिछले कई दिनों से दिल्ली सरकार और आम आदमी पार्टी में घूम रहा था. जेल से ही केजरीवाल ने एलजी के पत्र लिखकर अपनी अनुपस्थिति में दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी को झंडा फरहाने के लिए नामित किया था. उस वक्त केजरीवाल की इस सलाह पर सवाल उठा था, क्योंकि उनके मंत्रिमंडल में वरिष्ठता की दृष्टि से गोपाल राय सबसे सीनियर मंत्री हैं. हालांकि, दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने केजरीवाल की सलाह खारिज कर दी. उन्होंने अब दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत को झंडा फहराने के लिए नामित किया गया है.
अब सवाल यह है कि एलजी ने यह फैसला किस आधार पर लिया. आमतौर पर मुख्यमंत्री की अनुपस्थिति में मंत्रिमंडल में सबसे वरिष्ठ सदस्यों को यह जिम्मेदारी मिलती है. लेकिन, एक तरह से केजरीवाल ने पहले पत्र लिखकर इस परंपरा को तोड़ा और आतिशि को नामित करने का अनुरोध किया.
दरअसल, दिल्ली के राज्यपाल ने केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली में मुख्यमंत्री की अनुपस्थिति में ध्वजारोहण के बारे में केंद्रीय गृह मंत्रालय से सलाह मांगी थी. इसको लेकर उन्होंने नौ अगस्त को पत्र लिखा था. इस पत्र के जवाब में गृह विभाग में अवर सचिव सीपी विनोद कुमार का पत्र आया, जिसमें उन्होंने एलजी को निर्देशित किया है कि वह अपने विवेक से दिल्ली सरकार के किसी भी मंत्री को ध्वजारोहण के लिए नामित कर सकते हैं.
गोपाल राय का विभाग आयोजित करेगा कार्यक्रम
इसी पत्र के आधार पर एलजी ने कैलाश गहलोत को नामित किया है. कैलाश गहलोत दिल्ली सरकार में प्रशासनिक सुधार, परिवहन, रेवेन्यू, कानून और न्याय, विधायी कार्य, महिला और बाल विकास और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के मंत्री हैं. दिल्ली में स्वतंत्रता दिवस का मुख्य कार्यक्रम छत्रशाल स्टेडियम में आयोजित होता है. इस कार्यक्रम का आयोजन दिल्ली सरकार का सामान्य प्रशासन विभाग करता है. इस विभाग के मंत्री गोपाल राय हैं.
इससे पहले केजरीवाल की ओर से दिल्ली के एलजी को लिखे गए पत्र को लेकर भी बवाल खड़ा हो गया था. तिहाड़ जेल प्रशासन ने भी केजरीवाल की ओर से चिट्ठी लिखे जाने पर आपत्ति जताई था. फिर दिल्ली सरकार में सामान्य प्रशासन विभाग के एडिशनल सेक्रेटरी नवीन कुमार चौधरी ने भी गोपाल राय को लिखा कि आतिशी को नामित करने के बारे में केजरीवाल का निर्देश कानूनी रूप से अवैध है और उसका क्रियान्वयन नहीं हो सकता.
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FIRST PUBLISHED : August 13, 2024, 18:05 IST