सीबीआई की टीम ने रविवार को आरजी कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल डॉ. संदीप घोष के घर छापेमारी की. आठ घंटे तक उनके घर का कोना कोना छान मारा. और जब सीबीआई के अधिकारी उनके घर से लौटने लगे, तो मीडिया ने उनसे सवाल पूछे. जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्हें कुछ ठोस सबूत मिले हैं’, तो एक अधिकारी ने कहा, ‘बहुत कुछ है, प्रेस रिलीज में आप सभी को मिल जाएगा.’ ये भी पता चला है कि होटल बुक करके संदीप घोष पार्टियां करते थे. इसके लिए पैसा उनके करीबी देते थे.
कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर मर्डर केस की जांच कर रही सीबीआई की टीम रविवार सुबह करीब 6.45 बजे पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष के घर पहुंच गई. कई बार कॉल किया, लेकिन कोई जवाब नहीं आया. 2 घंटे इंतजार के बाद खुद संदीप घोष ने आकर गेट खोला.तब तक सीबीआई अधिकारियों ने बेलाघाट पुलिस को सूचना दे दी. उन्हें डर लगने लगा कि कहीं संदीप घोष ने कोई कांड तो नहीं कर दिया. संदीप घोष को गेट खोलने में इतनी देर क्यों लगी? सीबीआई इसका जवाब तलाश रही है. लेकिन जब टीम बाहर लौटी तो अफसरों के हाथ में काफी सामान था. जब उनसे पूछा गया कि क्या मिला, तो एक अधिकारी ने कहा, ‘इनमें बहुत कुछ है.’ लगभग 13 घंटे की पूछथाछ के बाद सीबीआई की टीम पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष के घर से निकली.
जानिए कैसे होता था खेल
सीबीआई की टीम अपने साथ प्रिंटर भी ले गई थी. इसके बाद अटकलें लगाई जाने लगीं कि क्या सीबीआई को भ्रष्टाचार की जांच से जुड़े कोई अहम दस्तावेज सीबीआई के हाथ लगे हैं? लेकिन अब तक इसका उत्तर नहीं मिल पाया. बाद में पता चला कि सीबीआई हावड़ा के सांकराइल स्थित बिप्लब सिंह के घर की भी तलाशी ले रही है. बिप्लब आरजी कर अस्पताल से जुड़ा हुआ था और वहां तमाम तरह के सामानों की आपूर्ति करता था. सूत्रों के मुताबिक आरजीके अस्पताल में दो वेंडर थे, सुमन हाजरा और बिप्लब सिंह. ये दोनों इंजेक्शन से लेकिन तमाम तरह की दवाओं की सप्लाई करते थे. आरोप तो ये भी है कि बिप्लब और सुमन सरकारी दवाओं को रिसाइकिल कर बाहरी बाजार में बेचते थे. इस खेल में संदीप घोष इनका साथ देते थे. बदले में ये लोग संदीप घोष के लिए होटलों में पार्टियों का इंतजाम करते थे. दावा ये भी है कि बिप्लब और सुमन कमीशन भी देते थे.
इन लोगों तक भी जांच
सीबीआई की टीम ने आरजी कर के अधीक्षक संजय वशिष्ट के एंटाली स्थित घर पर भी छापेमारी की. उन पर टेंडर में करप्शन और वित्तीय धोखाधड़ी में शामिल होने का आरोप है. आरजी कर के एनाटॉमी विभाग के डॉक्टर देबाशीष सोम के घर की भी तलाशी ली गई.ये डॉक्टर संदीप घोष के काफी करीबी थे. इस मामले में शिकायतकर्ता डॉक्टर अख्तर अली ने भी इस डॉक्टर के खिलाफ कई बार शिकायत की थी. देबाशीष सोम के घर की भी सीबीआई द्वारा तलाशी ली जा रही है.
न्यूज18 के पास FIR की कॉपी
आरजी कर मेडिकल कॉलेज में हुए करप्शन को लेकर हुई सीबीआई की FIR की कॉपी न्यूज18 के पास मौजूद है. एफआईआर में आरोपी के तौर पर आरजी कर मेडिकल कालेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष का नाम दर्ज है. उनके अलावा हावड़ा की कंपनी तारा टेडर्स ,कोलकाता के ईशान कैफे और खामा लोहा एमएस कंपनी का नाम है. एफआईआर भष्ट्राचार निरोधक अधिनियम साजिश और धोखाधड़ी के तहत दर्ज हुई है. पश्चिम बंगाल सरकार के स्पेशल सेक्रेटरी हेल्थ देवाल कुमार घोष ने यह एफआईआर दर्ज कराई है.
Tags: CBI Probe, Doctor murder, Kolkata News, West bengal
FIRST PUBLISHED : August 25, 2024, 20:30 IST