Kakori Conspiracy: 99 साल पहले किसने लूटा था अंग्रेजों का खजाना? जानिए काकोरी कांड से जुड़े 10 Facts


नई दिल्ली (Facts about Kakori Conspiracy 1925). काकोरी षड्यंत्र को काकोरी कांड, काकोरी षड्यंत्र केस या काकोरी ट्रेन डकैती के नाम से भी जाना जाता है. यह एक सशस्त्र डकैती थी, जिसने अंग्रेजों को सकते में डाल दिया था. काकोरी ट्रेन डकैती 9 अगस्त, 1925 को मध्य उत्तर प्रदेश में एक ट्रेन में हुई थी. स्वतंत्रता संग्राम का महत्वपूर्ण हिस्सा रही यह डकैती लखनऊ से लगभग 16 किमी दूर काकोरी शहर में हुई थी.

यूपीएससी मेंस, एसएससी समेत विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के आधुनिक भारतीय इतिहास (Modern Indian History) सेक्शन में ‘काकोरी षड्यंत्र’ एक महत्वपूर्ण विषय है. सरकारी नौकरी के लिए होने वाली परीक्षाओं के जनरल नॉलेज व क्विज सेक्शन में भी काकोरी कांड से जुड़े सवाल व फैक्ट्स जरूर पूछे जाते हैं. जानिए 99 साल पहले हुई इस डकैती से जुड़े कुछ रोचक तथ्य, जिसने अंग्रेजी हुकूमत को हिलाकर रख दिया था और भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों में जोश भर दिया था.

1- काकोरी कांड कब और कहां हुआ था?
काकोरी रेल षड्यंत्र एक राजनीतिक डकैती थी. यह घटना 9 अगस्त 1925 को लखनऊ से करीब 16 किमी दूर एक छोटे से शहर काकोरी में घटित हुई थी.

2- काकोरी कांड का षड्यंत्र क्यों रचा गया था?
भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों को ब्रिटिश अत्याचारों के खिलाफ क्रांतिकारी कार्रवाई के लिए धन की जरूरत थी. इसीलिए काकोरी ट्रेन कांड की साजिश रची गई थी.

3- काकोरी ट्रेन डकैती का षड्यंत्र किसने रचा था?
यह डकैती क्रांतिकारी संगठन, हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन (एचआरए) द्वारा आयोजित की गई थी. इसका गठन राम प्रसाद बिस्मिल के नेतृत्व में किया गया था. अशफाकउल्ला खान, राजेंद्र लाहिड़ी, चंद्रशेखर आज़ाद, सचिंद्र बख्शी, केशव चक्रवर्ती, मन्मथनाथ गुप्ता, मुरारी लाल गुप्ता (मुरारी लाल खन्ना), मुकुंदी लाल (मुकुंदी लाल गुप्ता) और बनवारी लाल ने इसका समर्थन किया था.

4- काकोरी षड्यंत्र क्यों रचा गया था?
काकोरी षड्यंत्र ब्रिटिश सरकार के खजाने को लूटने के लिए रचा गया था. इसमें लगभग 8,000 रुपये थे.

5- काकोरी ट्रेन कांड में किस पिस्तौल का इस्तेमाल किया गया था?
काकोरी ट्रेन कांड सशस्त्र डकैती थी. इसमें जर्मन निर्मित माउजर पिस्तौल का इस्तेमाल किया गया था. दुर्भाग्यवश एक यात्री की गोली लगने से मौत हो गई थी.

6- काकोरी ट्रेन कांड में कितने लोगों पर आपराधिक मामला दर्ज हुआ था?
काकोरी ट्रेन घटना के बाद अंग्रेजों ने गहन तलाशी अभियान शुरू किया था. फिर हिंदुस्तान रिपब्लिक एसोसिएशन के 40 सदस्यों पर डकैती और हत्या का मामला दर्ज किया था.

7- काकोरी कांड में किसे क्या सजा मिली थी?
काकोरी कांड के अंतिम फैसले के बाद राम प्रसाद बिस्मिल, ठाकुर रोशन सिंह, राजेंद्र नाथ लाहिड़ी और अशफाकउल्ला खान को मौत की सजा दी गई थी. वहीं, अन्य लोगों को काला पानी (पोर्ट ब्लेयर सेल्युलर जेल) और 14, 10, 7, 5 और 4 साल की सामान्य कारावास की सजा सुनाई गई.

8- चंद्रशेखर आजाद के साथ क्या हुआ था?
चंद्रशेखर आजाद फरवरी 1931 में ब्रिटिश पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारे गए थे.

9- काकोरी ट्रेन एक्शन के तहत फांसी की सजा कब हुई थी?
मदन मोहन मालवीय ने काकोरी ट्रेन कांड का षड्यंत्र रचने वालों को बचाने की कोशिश की थी. इसके लिए तत्कालीन वायसराय एवं भारत के गवर्नर जनरल एडवर्ड फ्रेडरिक लिंडले वुड को केंद्रीय विधानमंडल के 78 सदस्यों के हस्ताक्षरों के साथ एक ज्ञापन भेजा था. लेकिन ब्रिटिश सरकार उन्हें फांसी देने का निर्णय ले चुकी थी. इसलिए दया याचिका को कई बार ठुकरा दिया गया. राम प्रसाद बिस्मिल, ठाकुर रोशन सिंह, राजेंद्र लाहिड़ी और असफाकउल्ला खान को दिसंबर 1927 में फांसी दी गई थी.

10- काकोरी ट्रेन एक्शन का क्या रिजल्ट रहा?
ब्रिटिश भारतीय सरकार ने ‘काकोरी षड्यंत्र’ के मुख्य साजिशकर्ताओं को फांसी दे दी थी. लेकिन, इस मामले ने स्वतंत्रता संग्राम को नई दिशा दे दी थी. इसके बाद सैकड़ों अन्य लोगों को स्वतंत्रता के लिए अपना सर्वस्व अर्पण करने के लिए प्रेरणा मिली थी.

Tags: British Raj, History of India, Independence day



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