नई दिल्ली. एयरपोर्ट को पूरी तरह से सिक्योर करने के लिए मल्टीलेयर सिक्योरिटी की व्यवस्था की जाती है. इसका उद्देश्य किसी भी तरह की आतंकी घटनाओं को रोकने के साथ ही गैरकानूनी गतिविधियों पर लगाम लगाना भी है. एयरपोर्ट पर अक्सर ही तस्करी की घटनाएं सामने आती रहती हैं. दिल्ली स्थित आईजीआई एयरपोर्ट (इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट) पर ऐसा ही एक मामला सामने आया है, जिससे सुरक्षा एजेंसियां भी हैरान रह गईं. एयरपोर्ट पुलिस ने फेक वीजा रैकेट का भंडाफोड़ करने का दावा किया है. इस मामले में गिरफ्तारी भी की गई है.
जानकारी के अनुसार, IGI एयरपोर्ट पर पुलिस टीम को बड़ी सफलता हाथ लगी है. पुलिस टीम ने एक एजेंट को गिरफ्तार किया है. एजेंट पर फेक वीजा मुहैया कराने का आरोप है. आरोपी एजेंट एक पैसेंजर को बहरीन भेजने के लिए फर्जी वीजा की व्यवस्था की थी. छानबीन में उसकी चालाकी पकड़ी गई. इसके बाद सुरक्षा एजेंसियों ने बड़ा कदम उठाया. आरोपी की पहचान बिक्रमजीत सिंह उर्फ विकी के तौर पर की गई है. वह पंजाब के गुरदासपुर का रहने वाला बताया गया है.
बहरीन से किया गया डिपोर्ट
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पीड़ित पैसेंजर को बहरीन से इंडिया डिपोर्ट कर दिया. छानबीन में उनका वीजा फर्जी पाया गया था. दरअसल, बिहार के भागलपुर निवासी राकेश (29) को फेक वर्क वीजा के आधार पर बहरीन से भारत डिपोर्ट कर दिया गया था. राकेश जब IGI एयरपोर्ट पर पहुंचे तो पता चला कि उनका वीजा ही फर्जी है. इसके बाद विभिन्न धाराओं के साथ ही पासपोर्ट एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया. राकेश ने बताया कि उन्होंने वीजा के लिए 1.10 लाख रुपये का भुगतान किया था. इनमें से 70 हजार रुपया एजेंट अभिनंदन के पास गया था.
साठगांठ कर फर्जीवाड़ा
छानबीन में पता चला है कि बिक्रमजीत सिंह उर्फ विकी अभिनंदन का सहयोगी है. मामले की जांच के दौरान इसका खुलासा हुआ, जिसके बाद दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया. बिक्रमजीत ने पूछताछ के दौरान फेक वीजा की व्यवस्था करने की बात कबूल की है. बता दें कि इससे पहले भी फर्जी तरीके से वीजा की व्यवस्था करने की बात सामने आ चुकी है. सुरक्षा एजेंसियां यात्रियों को समय-समय पर ऐसे नक्कालों से बचने की सलाह देती रहती है. इसके लिए जागरुकता अभियान भी चलाया जाता रहता है.
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FIRST PUBLISHED : August 22, 2024, 17:30 IST