नेटफ्लिक्स पर हाल ही में रिलीज हुई वेब सीरीज ‘आईसी 814: द कंधार हाईजैक’ रिलीज के बाद से ही विवादों में घिरी हुई है। शो को लगातार बैन किए जाने की मांग हो रही है और अब वेब शो की मुश्किलें बढ़ती हुई नजर आ रही हैं। इस शो पर प्रतिबंध लगाने की मांग को लेकर सोमवार (3 सितंबर) को दिल्ली हाई कोर्ट में एक पीआईएल दायर की गई है। याचिका में कहा गया है कि वेब सीरीज में अपहरणकर्ताओं की वास्तविक पहचान के तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है। इस याचिका के मुताबिक, वेब सीरीज में हाईजैकर्स के नाम ‘भोला’ और ‘शंकर’ दिखाए गए हैं, जिससे हिंदू समुदाय की भावनाएं आहत हुई हैं।
दिल्ली हाई कोर्ट पहुंचा IC 814 में बदले नाम का विवाद
यह याचिका हिंदू सेना के अध्यक्ष और किसान सुरजीत सिंह यादव ने दायर की है। इसमें केंद्र और महाराष्ट्र सरकार से केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) का सर्टिफिकेट रद्द करने और सीरीज पर प्रतिबंध लगाने का निर्देश देने की मांग की गई है। याचिका के अनुसार, वेब सीरीज में अपहरणकर्ताओं की वास्तविक पहचान के बारे में महत्वपूर्ण तथ्यों को विकृत करने से न केवल ऐतिहासिक घटनाओं को गलत तरीके से पेश किया गया है बल्कि गलत सूचना भी फैल रही है।
क्या है सच?
हालांकि, ऐसा लगता है कि बदले हुए नामों को लेकर विवाद अनावश्यक है। 6 जनवरी 2000 को केंद्रीय गृह मंत्री के आधिकारिक बयान में यह स्पष्ट रूप से बताया गया है कि आईसी 814 के अपहरणकर्ताओं ने अपनी पहचान छुपाने के उद्देश्य से डॉक्टर, बर्गर, भोला और शंकर थे। फिल्म समीक्षक और यूट्यूबर, अनमोल जामवाल ने भी अपने एक्स अकाउंट पर आधिकारिक बयान साझा किया और सीरीज पर बैन की मांग को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है।
केंद्र सरकार ने नेटफ्लिक्स इंडिया के हेड को तलब किया है
वहीं, केंद्र सरकार भी इस वेब सीरीज को लेकर छिड़े विवाद पर गंभीर नजर आ रही है। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने मंगलवार को ओटीटी प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स के कंटेंट हेड को समन जारी किया है। बताया जा रहा है कि सीरीज के कथित विवादास्पद पहलुओं पर उनसे स्पष्टीकरण मांगा गया है।
कब हाजैक हुआ था IC 814?
अनुभव सिन्हा द्वारा निर्देशित सीरीज 29 अगस्त को नेटफ्लिक्स पर रिलीज हुई थी। इसमें विजय वर्मा, नसीरुद्दीन शाह, पंकज कपूर, मनोज पाहवा, दीया मिर्जा, पत्रलेखा और अरविंद स्वामी जैसे कलाकारों ने काम किया है। ये सीरीज 1999 को इंडियन एयरलाइंस के विमान आईस 814 के हाईजैक किए जाने की सत्य घटना पर आधारित है।