नई दिल्ली (Govt School). ज्यादातर अभिभावक अपने बच्चों का एडमिशन प्राइवेट स्कूलों में करवाते हैं. उन्हें लगता है कि उनके बच्चों को सरकारी स्कूल की तुलना में प्राइवेट में बेहतर शिक्षा मिलेगी. लेकिन देश में दो ऐसे सरकारी स्कूल भी हैं, जहां एडमिशन हासिल करने का सपना हर किसी का होता है. हम बात कर रहे हैं केंद्रीय विद्यालय और जवाहर नवोदय विद्यालय की. इन दोनों सरकारी स्कूलों में एडमिशन की प्रक्रिया काफी कठिन है लेकिन फीस और शिक्षा के मामले में टॉप पर हैं.
केंद्रीय विद्यालय (Kendriya Vidyalaya) और जवाहर नवोदय विद्यालय (Jawahar Navodaya Vidyalaya) की गिनती देश के बेस्ट स्कूलों में की जाती है. केंद्रीय विद्यालय और जवाहर नवोदय विद्यालय में कई समानताएं हैं लेकिन इनमें कुछ ऐसे अंतर भी हैं, जिनकी जानकारी सभी को होनी चाहिए. केंद्रीय विद्यालय से जुड़ी हर डिटेल केवीएस की ऑफिशियल वेबसाइट kvsangathan.nic.in पर और जवाहर नवोदय विद्यालय की जानकारी nvsadmission.co.in पर चेक कर सकते हैं.
Top Govt Schools in India: टॉप सरकारी स्कूल में क्या समानता है?
अगर आप अपने बच्चे का एडमिशन देश के टॉप सरकारी स्कूल में करवाना चाहते हैं लेकिन कंफ्यूज हो रहे हैं तो जानिए केंद्रीय विद्यालय और जवाहर नवोदय विद्यालय के बीच की हर समानता-
1- दोनों देश के टॉप सरकारी स्कूल हैं.
2- दोनों का संचालन केंद्रीय सरकार द्वारा किया जाता है.
3- दोनों सीबीएसई बोर्ड से संबद्ध हैं.
4- दोनों में एडमिशन मिलना आसान नहीं है.
5- दोनों में ही एडमिशन लेकर प्राइवेट स्कूलों वाले एक्सट्रा खर्च से बचा जा सकता है.
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Difference between KVS and JNV: केंद्रीय विद्यालय और जवाहर नवोदय विद्यालय में क्या अंतर है?
स्टूडेंट्स को एडमिशन से पहले केंद्रीय विद्यालय और जवाहर नवोदय विद्यालय के बीच के सभी बड़े फर्क भी पता होने चाहिए-
1- भारत में 600 से ज्यादा नवोदय विद्यालय हैं, जबकि केंद्रीय विद्यालय की संख्या 1254 है.
2- आपको अपने होमटाउन के पास केंद्रीय विद्यालय आसानी से मिल जाएगा, जबकि नवोदय विद्यालय ढूंढना थोड़ा मुश्किल हो सकता है.
3- केंद्रीय विद्यालय की ब्रांचेस भारत के साथ ही 3 अन्य देशों में भी है, जबकि एनवीएस सिर्फ भारत में है.
4- केंद्रीय विद्यालय में सरकारी नौकरी में कार्यरत लोगों के बच्चों को पहली प्राथमिकता दी जाती है, जबकि NVS में ऐसा नहीं है.
5- केंद्रीय विद्यालय का सिलेबस तय होता है, जिसका मतलब है कि लोकल रीति-रिवाजों पर सीमित ध्यान दिया जाता है.
6- केंद्रीय विद्यालय की ट्यूशन फीस सस्ती है लेकिन ट्रांसपोर्टेशन, यूनिफॉर्म और कॉपी-किताबों जैसे एक्सट्रा खर्च की वजह से शिक्षा की कुल लागत ज्यादा हो जाती है. वहीं, नवोदय विद्यालय फ्री एजुकेशन को सपोर्ट करता है. सीनियर क्लासेस के बच्चों से कुछ फीस ली जाती है.
7- केंद्रीय विद्यालय की तुलना में नवोदय विद्यालय में एक्सट्रा करिकुलर एक्टिविटीज सीमित होती हैं.
8- सीमित संख्या में सीटें उपलब्ध होने के कारण नवोदय विद्यालयों का माहौल ज्यादा कॉम्पिटिटिव होता है. जो बच्चे तनाव के आदी नहीं होते हैं, उनके लिए यह परेशानी का कारण बन सकता है.
9- दोनों के टीचर्स को भी अलग-अलग सुविधाएं मिलती हैं. अगर पति-पत्नी केंद्रीय विद्यालय संगठन के स्कूलों में हैं तो वह एक ही राज्य में म्यूचुअल ट्रांसफर के लिए अप्लाई कर सकते हैं. लेकिन एनवीएस में ऐसी कोई सुविधा नहीं है.
10- अगर हम काम के घंटों की बात करें तो केवीएस में आपको 6-7 घंटे काम करना पड़ता है, लेकिन एनवीएस 24 घंटे काम करने वाला संस्थान है.
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Tags: Govt School, Jawahar Navodaya Vidyalaya, School Admission, School education
FIRST PUBLISHED : August 17, 2024, 08:11 IST