अंतरिक्ष में भारत एक और कारनामा करने जा रहा है. इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (ISRO) प्रमुख एस सोमनाथ ने गगनयान को लेकर बड़ा अपडेट दिया है. उन्होंने बताया कि इसरो का लक्ष्य दिसंबर तक गगनयान प्रोजेक्ट का पहला मिशन लॉन्च करना है. इस अभियान के लिए रॉकेट के 3 चरण श्रीहरिकोटा के शार रेंज पहुंच चुके हैं. इसरो चीफ का यह बयान एसएसएवी की तीसरी सफल उड़ान के बाद आया है, जिसे शुक्रवार को धरती की कक्षा में स्थापित कर दिया गया.
इसरो ने अपने गगनयान मिशन के तहत चार अंतरिक्ष यात्रियों का चयन किया है. इनमें से एक को अंतरिक्ष की यात्रा पर भेजा जाएगा. चारों एस्ट्रोनॉट को अंतरिक्ष पर जाने के लिए खास ट्रेनिंग दी जा रही है. चारों एस्ट्रोनॉट वायुसेना के ट्रेंड पायलट हैं. गगनयान पर बड़ा अपडेट देते हुए सोमनाथ ने कहा, हम गगनयान के पहले मिशन पर काम कर रहे हैं. इसे G1 कोड दिया गया है. यह मानव रहित मिशन होगा. यानी इसमें कोई इंसान नहीं जाएगा. इसके बाद S200, L1 और C32 फेज पूरे किए जाएंगे.
दूसरा रॉकेट प्रक्षेपण केंद्र भी बन रहा
सोमनाथ ने कहा, हमें वायरिंग और टेस्टिंग पूरी करनी है. हमारा लक्ष्य नवंबर तक पूरा सिस्टम तैयार कर लेना है, ताकि दिसंबर में हम पहली उड़ान पर जा सकें. वीएसएससी त्रिवेंद्रम में क्रू मॉड्यूल को एक करने का काम चल रहा है. क्रू एस्केप हार्डवेयर भी पूरी तरह तैयार है. कोई दिक्कत नहीं आई, तो हम तय वक्त पर लक्ष्य पूरा करेंगे. इसरो प्रमुख ने ये भी बताया कि तमिलनाडु के थूथुकूडी जिले के कुलसेकरपट्टिनम में दूसरे रॉकेट प्रक्षेपण केंद्र के निर्माण का काम भी शुरू हो गया है. इसके 2 साल में पूरा होने की उम्मीद है.
कंपनियों के साथ टेक्नोलॉजी ट्रांसफर
इसरो प्रमुख ने कहा, नई सुविधा का उपयोग एसएसएलीव रॉकेट प्रक्षेपण में किया जाएगा. SSLV मिशन के सफल परीक्षण के बारे में उन्होंने कहा, हमारे लिए यह बहुत बड़ी उपलब्धि है. इसका उपयोग हम इंडस्ट्री के तौर पर कर सकते हैं. कुछ उद्योगपतियों से बात भी हुई है. मुझे उम्मीद है कि जल्द इसरो इन कंपनियों को टेक्नोलॉजी ट्रांसफर करेगा. इसके लिए आरएफआई जारी किया गया है.
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FIRST PUBLISHED : August 16, 2024, 20:08 IST