दिल्ली प्रीमियर लीग (DPL) का 17 अगस्त से आगाज हुआ तो कई सवाल सामने थे। सबसे बड़ा सवाल ये था कि क्या DPL अन्य स्टेट लीग TNPL और UPT20 लीग की तरह सफल हो पाएगी? हालांकि, इनमें से अधिकतर सवालों के जवाब तब मिल गए जब टूर्नामेंट के पहले मैच में साउथ दिल्ली सुपरस्टार्स ने पुरानी दिल्ली 6 को हरा दिया। इस हाई-स्कोरिंग मैच में आयुष बदोनी (29 गेंदों पर 57 रन) और प्रियांश आर्य (30 गेंदों पर 57 रन) की तूफानी बल्लेबाजी की बदौलत साउथ दिल्ली भले ही जीत गई लेकिन पुरानी दिल्ली का एक बल्लेबाज अपनी छोटी लेकिन धुआंधार पारी से सभी का दिल जीतने में कामयाब रहा।
हम बात कर रहे हैं वंश बेदी की जिनके बल्ले से पहले ही मैच में 19 गेंदों पर 47* रनों की शानदार पारी निकली। इसके बाद वंश ने सातवें मैच में वेस्ट दिल्ली लायंस के खिलाफ 18 गेंदों पर 30* रन बनाकर टीम को जीत दिलाई। हालांकि इस विकेटकीपर-बल्लेबाज के हाथ पहली बड़ी पारी 29 अगस्त को ईस्ट दिल्ली राइडर्स के खिलाफ उस वक्त लगी, जब उन्होंने 41 गेंदों पर 96 रन बनाकर सनसनी मचा दी।
ऐसे मिला DPL में मौका
आपको जानकर हैरानी होगी कि DPL से पहले वंश ने दिल्ली के लिए किसी भी तरह का एज-क्रिकेट नहीं खेला था और अब बल्ले से दिल्ली की पहली T20 लीग में बल्ले से कमाल कर रहे हैं। वंश ने इंडिया टीवी को दिए खास इंटरव्यू में कहा कि लोकल लीग में मेरे प्रदर्शन के आधार पर मुझे दिल्ली प्रीमियर लीग (डीपीएल) में खेलने के लिए चुना गया। उन्होंने साल 10 मैचों (लीग गेम) में 550 रन बनाए। पिछले साल उनके बल्ले से हॉट वेदर टूर्नामेंट में 6 मैचों में लगभग 550 रन निकले थे। यही वह वक्त था जहां से वह थोड़ा चर्चा में आए और डीपीएल में खेलने के लिए उनके नाम पर विचार किया गया। उन्होंने बताया कि लोकल लीग में अच्छा प्रदर्शन करने के बाद उन्हें ललित भैया (उपाध्याय) का फोन आया और उन्होंने कहा कि ‘मैंने तुम्हें चुना है और अब तुम्हें खुद को साबित करना है।
मां की वजह से बने क्रिकेटर
दिल्ली के लिए कोई एज-ग्रुप क्रिकेट नहीं खेलने के बावजूद वंश को आखिरकार डीपीएल के रूप में अपना लॉन्चपैड मिल गया है और अब वह पीछे मुड़कर नहीं देखना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि यह जीवन का एक हिस्सा है। जब से उन्होंने खेलना शुरू किया है, तब से दिल्ली के लिए खेलना उनके दिमाग में था। वंश ने बताया कि उनकी मां ने उन्हें पेशेवर क्रिकेट खेलने के लिए प्रेरित किया और वह हमेशा अपने मामा को अपना आदर्श मानते थे, जो दिल्ली के लिए खेलते थे। उन्होंने कहा कि वह पिछले 15 सालों से क्रिकेट खेल रहे हे। जब वह 6 साल के थे, तो उनकी मां उन्हें क्रिकेट एकेडमी ले गईं और कहा- तुम्हें यही करना है। वंश ने बताया कि उनकी मां शुरू से ही बहुत स्पष्ट थीं कि उन्हें अपने बेटे को क्रिकेटर ही बनाना है।
DPL का लेवल बहुत हाई
वंश DPL को को एक सुनहरे अवसर के रूप में देखते हैं और रोहन जेटली को धन्यवाद जिन्होंने पहल की और दिल्ली के क्रिकेटरों के लिए इस बड़ी लीग के रुप में बड़ा मौका दिया। उन्होंने कहा की DPL का स्तर बहुत ऊंचा है। खिलाड़ी बेहद पेशेवर हैं और खिलाड़ियों के पास हर तरह की सुविधा है। वंश ने न्यूजीलैंड के पूर्व विकेटकीपर बल्लेबाज ब्रेंडन मैकुलम और भारत के ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या को अपना आइडल मानते हैं और उन्होंने अपने खेल को उसी शैली में ढाला है। उन्होंने बताया कि ब्रेंडन मैकुलम शुरू से ही उनके आइडल रहे हैं। उन्हें मैकुलम की और हार्दिक पांड्या की आक्रामकता बेहद पसंद है। उन्होंने कहा कि अगर आपके पास हार्दिक जैसी ताकत है तो आप किसी भी मैदान पर बड़े हिट लगा सकते हैं। वंश अपने शानदार प्रदर्शन को जारी रखते हुए दिल्ली की अंडर-23 टीम में जगह बनाना चाहते हैं और अपने करियर में तेजी से आगे बढ़ने के लिए और मौके मिलने की उम्मीद कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनका अगला लक्ष्य अंडर-23 में दिल्ली का प्रतिनिधित्व करना है और अगर वह अच्छा प्रदर्शन करते हैं तो उन्हें उम्मीद है कि दिल्ली की टीम उन्हें खुद को साबित करने के और भी ज्यादा मौके देगी।
यह भी पढ़ें: