CJI चंद्रचूड़ को क्यों याद आई मुन्नाभाई MBBS? NEET बवाल पर ये क्या बोले?


चंडीगढ़. सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने शनिवार को मशहूर फिल्म ‘मुन्ना भाई एमबीबीएस’ के एक सीन का हवाला देते हुए युवा डॉक्टरों में अपने मरीजों के प्रति सहानुभूति और करुणा की जरूरत पर जोर दिया. सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि इलाज का अंतिम उद्देश्य मानवता का उत्थान करना है. चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने यह भी कहा कि भारत नवाचार में आगे देशों में से एक है. फिर भी इसके लाभ बहुत कम लोगों तक सीमित हैं. उन्होंने डॉक्टरों से हेल्थ की फील्ड में हुए विकास को सभी के लिए सुलभ बनाने की अपील की.

पीजीआईएमईआर के 37वें दीक्षांत समारोह में युवा डॉक्टरों की एक सभा को संबोधित करते हुए सीजेआई चंद्रचूड़ ने इस बात पर रोशनी डाली कि पीजीआईएमईआर भारत में हेल्थ के सेक्टर में कई नवाचारों की आधारशिला रहा है, जो पिछले 62 साल से उत्कृष्टता के प्रतीक के रूप में खड़ा है. उन्होंने कहा कि ‘आज जब आप ग्रेजुएट हो रहे हैं, तो आप उन दिग्गजों के कंधों पर खड़े हैं, जो मेडिकल साइंस के विकास में अग्रणी रहे हैं.’ उन्होंने कहा कि मेडिकल और कानून दोनों पेशे एक समान लक्ष्य साझा करते हैं और वो है समर्पित सेवा के जरिये लोगों और समुदायों की भलाई को बढ़ाना.

‘मुन्ना भाई MBBS’की ‘जादू की झप्पी’ फायदेमंद
सीजेआई चंद्रचूड़ ने डॉक्टरों के बीच करुणा और सहानुभूति की जरूरत को पेश करने के लिए संजय दत्त की फिल्म ‘मुन्ना भाई एमबीबीएस’ के एक सीन को याद किया. उन्होंने कहा कि मेडिकल के शब्दजाल पर भरोसा करने के बजाय फिल्म में ‘मुन्ना भाई’ ने एक युवा रोगी को गर्मजोशी और आराम से गले लगाया. जिसे उन्होंने ‘जादू की झप्पी’ कहा क्योंकि रोगी इलाज के एक तरीके से बहुत दुखी था. सीजेआई ने कहा कि दयालुता का यह काम असली स्नेह और आश्वासन से भरा था, जो एक अस्पताल में इलाज के ठंडे वातावरण के विपरीत था.

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मेडिकल कॉलेजों के प्रवेश में नैतिकता की बड़ी भूमिका
सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि संजय दत्त द्वारा निभाए गए चरित्र ‘मुन्ना भाई’ के गले लगाने के बाद रोगी की चिंता दूर हो गई. उन्होंने कहा कि यह सीन एक महत्वपूर्ण बिंदु- शक्ति सहानुभूति और निजी जुड़ाव की भावना को उजागर करता है. उन्होंने कहा कि मेडिकल और कानून दोनों फील्ड में हम सभी को यह याद रखना चाहिए कि हमारा अंतिम उद्देश्य मानवता की सेवा करना और उसका उत्थान करना है. सीजेआई चंद्रचूड़ ने राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET) पर हाल ही में दिए गए फैसले का भी हवाला दिया. उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश हासिल में नैतिकता एक बड़ी भूमिका निभाती है.

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