कोलकाता: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल हॉस्पिटल में ट्रेनी डॉक्टर से गैंगरेप और मर्डर की गुत्थी उलझती जा रही है. आरोपी दरिंदा संजय रॉय सीबीआई की गिरफ्त में है. कोलकाता डॉक्टर कांड में हर दिन हो रहे नए खुलासों ने मर्डर मिस्ट्री को और उलझा दिया है. सीबीआई की 6 दिनों की जांच में भी ट्रेनी डॉक्टर की हत्या का रहस्य नहीं सुलझा है. सीबीआई सूत्रों की मानें तो पिछले 6 दिनों की जांच और पूछताछ में आरजी कर अस्पताल कांड के पीछे एक बड़ी और गहरी साज़िश नजर आ रही है. इस बीच सीबीआई को आरोपी संजय रॉय का पॉलीग्राफ टेस्ट कराने की मंजूरी मिल गई है.
सीबीआई सूत्रों की मानें तो मौका-ए-वारदात को सुरक्षित नहीं रखा गया. यह इस वारदात में अस्पताल की अब तक की सबसे बड़ी लापरवाही है. सेमीनार हॉल पर मल्ट्रीपल फुटप्रिंट मिले हैं, क्योंकि वारदात के बाद सेमीनार हॉल के पास रिनोवेशन करवा दिया गया था. यही वजह है कि 10 से ज्यादा बार सीबीआई की अलग-अलग टीमें अस्पताल का निरीक्षण करने सेमीनार हॉल से सबूत जुटाने पहुंच चुकी हैं. इतना ही नहीं, सीबीआई ने दो बार 3 D लेजर स्कैनिंग भी की है. और यही वजह है कि अब मुख्य आरोपी का साइकॉलजिकल टेस्ट के बाद अब पॉलीग्राफ टेस्ट करवाया जाएगा.
सीबीआई सूत्रों का मानना है कि शक की सुई पूर्व प्रिंसिपल घोष पर भी है. अब सवाल उठता है कि आखिर पूर्व प्रिंसिपल से क्या जानना चाहती है सीबीआई और आखिर ऐसा क्या सच है, जो पूर्व प्रिंसिपल क्या छुपा रहे हैं, जिसके चलते उनसे पिछले चार दिनों से कई कई घण्टों की पूछताछ जारी है. यहां जानना बेहद जरूरी है कि आरजी कर अस्पताल ने पहले ट्रेनी डॉक्टर की हत्या को सुसाइड बताया था. अब ट्रेनी डॉक्टर के साथ क्या हुआ, इस हकीकत का प्रदाफाश पॉलीग्राफ टेस्ट से होगा. सीबीआई को उम्मीद है कि इससे दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा.
इस बीच कोलकाता की अदालत ने सीबीआी को आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में ट्रेनी महिला डॉक्टर के बलात्कार एवं हत्या के आरोपी संजय रॉय का ‘पॉलीग्राफ टेस्ट’ कराने की सोमवार को अनुमति दे दी. एक अधिकारी ने बताया कि सीबीआई ने अभी इस टेस्ट के लिए तारीख तय नहीं की है. उन्होंने कहा कि नियमों के हिसाब से आरोपी को मजिस्ट्रेट के सामने पेश करना होता है जो उससे पूछेगा कि क्या वह ‘पॉलीग्राफ टेस्ट’ के लिए सहमत है.
दरअसल, कोलकाता पुलिस के नागरिक स्वयंसेवक संजय रॉय को आरजी कर अस्पताल के सेमिनार हॉल में पीजी ट्रेनी डॉक्टर का शव मिलने के एक दिन बाद नौ अगस्त को गिरफ्तार किया गया था. अदालत ने रॉय को 14 दिनों की पुलिस हिरासत में भेज दिया था. हालांकि कलकत्ता उच्च न्यायालय ने 14 अगस्त को सीबीआई को कोलकाता पुलिस से इस मामले की जांच अपने हाथ में लेने का आदेश दिया था.
ट्रेनी डॉक्टर के माता-पिता शुरू से कहते आ रहे हैं कि इस वारदात के पीछे अकेला संजय रॉय नहीं है. ट्रेनी डॉक्टर के माता-पिता ने सीबीआई को बताया है कि इस अपराध में उसी कॉलेज के कुछ इंटर्न और चिकित्सक शामिल हैं. माता-पिता ने सीबीआई कोो उन लोगों के नाम भी उपलब्ध कराए हैं, जिन पर उन्हें सरकारी अस्पताल में उनकी बेटी की हत्या से जुड़े होने का संदेह है. सीबीआई सूत्रों की मानें तो कम से कम 30 नामों पर ध्यान केंद्रित किया है, जिन्हें जांच एजेंसी पूछताछ के लिए बारी-बारी से बुलाी रही है.
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FIRST PUBLISHED : August 20, 2024, 06:17 IST