AIIMS छोड़ इस मेडिकल कॉलेज में दाखिले के लिए तरसते थे बच्चे, अब बदल गए हालात..


NIRF Ranking 2024: दिल्ली का मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज की रैंकिंग इस बार भी सुधर नहीं सकी. एनआईआरएफ रैंकिंग-2024 के टॉप 20 की बात करें तो एम्स (AIIMS) के अलावा सफदरगंज यानी वर्धमान महावीर मेडिकल कॉलेज अस्पताल ही इस दायरे में हैं. लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज की रैंकिंग 29वीं आई है. इसके बाद यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंसेज 32वें नंबर है. आईएलबीएस 34वें नंबर पर आया है. जामिया हमदर्द भी इस बार 37वें नंबर पर चला गया है.

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने यह लिस्ट जारी किया है. सोमवार को देश की टॉप यूनिवर्सिटीज, कॉलेज, इंजीनियरिंग कॉलेज, मेडिकल कॉलेज, डेंटल कॉलेज और फॉर्मेसी कॉलेज समेत कुल 11 कैटेगरीज की लिस्ट जारी हुई है. देश के सर्वश्रेष्ठ शिक्षण संस्थान का ताज इस बार भी आईआईटी मद्रास के सर बंधा है. वहीं, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस, बेंगलुरु दूसरे और आईआईटी बॉम्बे तीसरे नंबर पर रहा. मेडिकल कॉलेज की रैंकिंग की बात करें तो ओवरऑल टॉप-10 रैंकिंग में सिर्फ एक ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (एम्स) दिल्ली को ही जगह मिली है. जबकि, कुछ साल पहले तक टॉप-10 रैंकिंग में मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज का भी नाम हुआ करता था.

मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज एनआईआरएफ के मानदंडों पर लगातार पिछड़ता ही जा रहा है.

NIRF रैंकिंग में कौन मेडिकल कॉलेज अव्वल
दिल्ली सरकार के अधीन आने वाले मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज की बात करें तो यह कॉलेज एनआईआरएफ के मानदंडों पर लगातार पिछड़ता ही चला जा रहा है. इस कॉलेज से जुड़े छात्रों की मानें तो बीते कुछ सालों में पढ़ाई कई कारणों से बाधित रही है. इसके साथ ही मैनेजमेंट का छात्रों के साथ रवैया भी असंतोषजनक है. पढ़ाई से लेकर रिसर्च की बात करें तो सब किसी न किसी कारण बाधित रहता है. लेकिन, कुछ साल पहले तक यह कॉलेज छात्रों की पहली पसंद हुआ करती थी. पढ़ाई के साथ-साथ फीस भी यहां काफी कम था. 12000 में इस मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस कोर्स पूरा हो जाता था.

इस मेडिकल कॉलेज के अंतगर्त आने वाले अस्पताल एलएनजेपी भी विवादों में अक्सर बना रहता है. इसमें पिछले कुछ सालों से सीबीआई और एसीबी किसी न किसी वजह से आती रही है. लोक नायक अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर को लेकर भी अस्पताल के डॉक्टरों में काफी रोष है. मेडिकल डायरेक्टर का टर्म पूरा होने के बाद भी वह लगातार बने हुए हैं. इस अस्पातल के कई विभाग अभी भी अपनी पूरी क्षमता के साथ काम नहीं कर पा रहे हैं. यहां तक मरीजों को आए दिन परेशानी होती रहती है. एक बेड पर तीन-तीन मरीजों को रखा जाता है.

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एमएएमसी की रैंकिंग क्यों नहीं सुधर रही?
कॉलेज अस्पताल के एक सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर की मानें तो कॉलेज में पीजी सीट की संख्या में पिछले तीन-चार सालों कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है. कॉलेज में कोई नया कोर्स शुरू नहीं हुआ है. नए कोर्स में ब्रॉड स्पेशलिटी या सुपर स्पेशलिटी जैसे कोर्स बिल्कुल नहीं हैं. पिछले कई सालों से रिसर्च-पब्लिकेशन प्रमोट करने में कॉलेज विफल रही है. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या दिल्ली सरकार सपोर्ट नहीं कर रही है या फिर कॉलेज ही रैंकिंग सुधारने की कोशिश नहीं कर रही है. इसके अलावा कॉलेज में फैकेल्टी की संख्या भी पूरी नहीं है. फिलहाल ये मेडिकल कॉलेज रैंकिंग की टॉप 25 वाली सूची में है.

हर साल जारी की जाने वाली एनआईआरएफ रैंकिंग विभिन्न मानदंडों के आधार पर भारत में उच्च शिक्षा संस्थानों का मूल्यांकन और रैंकिंग करती है. मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज के गिरते रैंकिंग पर न्यूज 18 हिंदी की कई बार की कोशिशों के बाद भी कॉलेज की डीन डॉ पूनम पसरिचा नारंग से बात नहीं हो सकी.

Tags: Aiims delhi, College education, Medical department



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