SIM Card खरीदने के नियम में बदलाव हो गया है। अब Airtel, Jio, BSNL या Vodafone-Idea का नया सिम खरीदने के लिए यूजर्स को ज्यादा टेंशन लेने की जरूरत नहीं है। दूरसंचार विभाग (DoT) ने इसे अब पूरी तरह से पेपरलेस बना दिया है। अगर, आप अब नया सिम कार्ड खरीदना चाह रहे हैं या फिर ऑपरेटर बदलने का मन बना रहे हैं तो आपको अब टेलीकॉम कंपनियों के ऑफिस के चक्कर नहीं लगाने होंगे। आप खुद ही अपने सिम कार्ड के लिए जरूरी डॉक्यूमेंट को वेरिफाई कर सकेंगे।
दूरसंचार विभाग (DoT) ने अपने आधिकारिक X हैंडल से सिम कार्ड के नए नियम की घोषणा की है। साथ ही, यूजर्स को नया सिम कार्ड खरीदने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखने के लिए कहा है। दूरसंचार विभाग का यह नया नियम यूजर्स के निजी डॉक्यूमेंट के साथ की जाने वाले फर्जीवाड़े को रोकने के लिए है। साथ ही, डिजिटल इंडिया के तहत पूरी तरह से पेपरलेस व्यवस्था लागू करने के लिए होगा।
SIM Card का नया नियम
- दूरसंचार विभाग ने अपने पोस्ट में बताया कि बड़ा टेलीकॉम रिफॉर्म करते हुए अब यूजर्स के लिए e-KYC (नो योर कस्टमर) के साथ-साथ सेल्फ KYC लाया गया है।
- प्रीपेड से पोस्टपेड में अपना नंबर बदलने के लिए भी यूजर्स को टेलीकॉम ऑपरेटर्स के पास नहीं जाना होगा। यूजर्स अब इसके लिए OTP यानी वन टाइम पासवर्ड पर बेस्ड सर्विस का लाभ ले सकेंगे।
- बिना कोई फोटोकॉपी या डॉक्यूमेंट शेयर किए आप नया सिम कार्ड खरीद सकेंगे।
- दूरसंचार विभाग की यह पूरी तरह से डिजिटल प्रक्रिया यूजर्स के डॉक्यूमेंट के गलत इस्तेमाल पर रोक लगाएगी। अब किसी के नाम पर फर्जी सिम जारी नहीं किया जा सकेगा।
क्या है आधार बेस्ड e-KYC और सेल्फ- KYC?
DoT ने KYC रिफॉर्म में आधार बेस्ड e-KYC, सेल्फ KYC और OTP बेस्ड सर्विस स्विच की सुविधा शुरू की है। यूजर्स अब नया सिम कार्ड खरीदने के लिए केवल आधार कार्ड का इस्तेमाल कर सकेंगे। टेलीकॉम कंपनियां यूजर्स के डॉक्यूमेंट को आधार बेस्ड पेपरलेस वेरिफिकेशन फीचर का इस्तेमाल करेंगे। इसके लिए केवल 1 रुपये (GST के साथ) का खर्च आएगा।
यही नहीं, दूरसंचार विभाग ने यूजर्स को अपना KYC ऑनलाइन वेरिफाई करने के लिए सेल्फ KYC की भी सुविधा शुरू की है। यूजर्स DigiLocker का इस्तेमाल करके खुद से अपना KYC वेरिफाई कर सकेंगे। अगर, कोई यूजर अपना नंबर प्रीपेड से पोस्टपेड में या फिर पोस्टपेड से प्रीपेड में स्विच करना चाहते हैं तो उन्हें टेलीकॉम ऑपरेटर के ऑफिस नहीं जाना होगा। वो OTP बेस्ड वेरिफिकेशन प्रोसेस के जरिए कनेक्शन को स्विच कर पाएंगे।
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