केजरीवाल की ग‍िरफ्तारी के बाद ही… स‍िंघवी की दलीलों को चुन-चुनकर HC ने क‍िया खार‍िज, जज ने फैसले में क्‍यों क‍िया पंजाब का ज‍िक्र?


नई दिल्ली. द‍िल्‍ली हाईकोर्ट ने अरव‍िंद केजरीवाल की जामनत याच‍िका को खार‍िज कर द‍िया. हाईकोर्ट ने कहा क‍ि गवाहों पर उनका नियंत्रण और प्रभाव प्रथम दृष्टया इस तथ्य से पता चलता है कि द‍िल्‍ली के मुख्‍यमंत्री अरव‍िंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद ही कई लोगों ने गवाह बनने का साहस जुटा पाए. दिल्ली हाईकोर्ट ने शराब घोटाले मामले से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को सही मना है.

द‍िल्‍ली हाईकोर्ट ने कहा क‍ि यह स्थापित होता है क‍ि याचिकाकर्ता के खिलाफ साक्ष्य इक्‍ट्ठा करना उसकी गिरफ्तारी के बाद जरूरी साक्ष्य एकत्र करने के बाद बंद हो गया. जस्‍ट‍िस नीना बंसल कृष्णा ने 48 पन्नों के फैसले में कहा है क‍ि अरव‍िंद केजरीवाल की ग‍िरफ्तारी में किसी भी तरह की दुर्भावना नहीं पाई जा सकती है. हाईकोर्ट ने फैसले में कहा था क‍ि ‘अपराध’ का यह जाल पंजाब तक फैला हुआ है, लेकिन केजरीवाल द्वारा अपने पद का इस्तेमाल किए जाने वाले प्रभाव के कारण महत्वपूर्ण गवाह आगे नहीं आए.

स‍िंघवी की अरेस्‍ट वाली दलील
केजरीवाल के वकील अभ‍िषेक मनु स‍िंघवी ने दलील दी थी क‍ि अगस्त 2022 में सीबीआई द्वारा एफआईआर दर्ज की गई थी और दो साल तक जांच चली. गिरफ्तारी के समय कोई नया सबूत या आधार नहीं था, जो इस साल जून में उनकी गिरफ्तारी को सही ठहरा सके. स‍िंघवी ने कहा था क‍ि उनके क्‍लाइंट को सीबीआई ने ‘इंश्‍योरेंस अरेस्‍ट’ क‍िया है ताकि ईडी द्वारा दर्ज किए गए मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा उन्हें जमानत दिए जाने के बाद जेल से उनकी रिहाई को रोका जा सके.

स‍िंघवी की दलील पर क्‍या बोला हाईकोर्ट?
हालांकि, जस्‍ट‍िस कृष्णा ने कहा कि मुख्यमंत्री के रूप में उनके पद का सम्मान करते हुए, पुलिस ने ‘संदेह और सावधानी’ के साथ काम किया और अन्य संदिग्ध आरोपियों से साक्ष्य एकत्र करना शुरू किया. इसके परिणामस्वरूप, कई व्यक्तियों से जुड़ी साजिश के पूरे जाल का पता लगाने के लिए पूरे भारत में व्यापक जांच की गई. इसलिए, एफआईआर दर्ज होने के बाद याचिकाकर्ता के खिलाफ तुरंत कार्रवाई न करने के कारणों को सीबीआई ने अच्छी तरह से समझाया है. उन्होंने कहा क‍ि यह तर्क कि उसे गिरफ्तार करने का कोई अवसर नहीं था, मान्य नहीं है.

केजरीवाल के वकील स‍िंघवी ने दलील दी थी क‍ि जेल में आरोपी से पूछताछ के लिए ट्रायल कोर्ट से कोई अनुमति नहीं ली गई थी. हाईकोर्ट ने सीबीआई की दलीलों पर ध्यान दिया कि केजरीवाल की हिरासत में पूछताछ की आवश्यकता थी ताकि उन्हें आबकारी नीति के निर्माण और कार्यान्वयन के बारे में आरोपियों/संदिग्धों के बीच रची गई बड़ी साजिश का पता लगाने और गलत तरीके से अर्जित धन का पता लगाने के लिए सबूतों के साथ सामना कराया जा सके. इस बीच, एक अलग आदेश में हाईकोर्ट ने केजरीवाल को सीबीआई मामले में जमानत के लिए निचली अदालत में याचिका दायर करने की अनुमति दे दी.

Tags: Abhishek Manu Singhvi, Arvind kejriwal, Delhi liquor scam



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