विष्णु शर्मा.
जयपुर. राजस्थान में एसडीआरएफ के जवान इस साल मानसून सीजन में आसमान से बरस रहे पानी में बह रही जिंदगियों को बचाकर एक मिसाल कायम कर रहे हैं. इसके लिए एसडीआरएफ के ट्रेंड जवानों की रेस्क्यू टीमें कई जिलों में तूफानी बारिश में खतरनाक रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर दूसरों की जिंदगी बचाने के लिए अपनी जान की बाजी तक लगा रही हैं. इन जवानों ने 10 अगस्त तक 45 दिनों में करीब 90 रेस्क्यू ऑपरेशन किए. इनमें एसडीआरएफ के जवानों ने 272 जिंदगियों को बचाया.
एसडीआरएफ के कमांडेंट राजेंद्र सिंह सिसोदिया ने बताया कि इस साल 25 जून को मानसून के राजस्थान में प्रवेश करते ही एसडीआरएफ की 51 टीमों को प्रदेश के अलग अलग 28 जिलों में रवाना किया गया था. इनमें 550 से ज्यादा उच्च प्रशिक्षित जवानों को शामिल किया गया. एसडीआरएफ के कमांडेंट सिसोदिया के अनुसार प्रत्येक संभाग में एक एसडीआरएफ की रेस्क्यू टीम का कैंप है. इनमें से चार से पांच अलग अलग टीमों का गठन किया गया है. उन्हें फ्लड एरिया या रेस्क्यू स्पॉट पर तुरंत मूव किया जाता है.
रील्स बनाने का शौक पड़ रहा जान पर भारी
सिसोदिया के मुताबिक इस बार जल भराव वाले बांध, नदी और झरनों के आसपास काफी हादसे देखने को मिले हैं. इनमें पड़ताल के दौरान सामने आया कि सोशल मीडिया रील्स या लाइव अपडेट्स की वजह से कई लोगों ने अपनी जान गवां दी या फिर खतरे में डाल दी. उन्होंने लोगों से अपील की है कि पानी से भरे स्थानों से दूर रहें. रील्स के शौक के फेर में जान को जोखिम में नहीं डालें.
‘दामिनी’ और ‘सचेत’ मोबाइल ऐप की मदद से कर सकते हैं बचाव
सिसोदिया ने बताया कि मानसून के दौरान ‘दामिनी’ और ‘सचेत’ मोबाइल ऐप की मदद से आम आदमी मौसम के हाल जान सकता है. दोनों ही ऐप को मोबाइल में डाउनलोड कर समय-समय पर मौसम के अलर्ट जानकर किसी भी बड़ी आपदा से बच सकते हैं. राजस्थान में पिछले कई बरसों से पिछली बार के मानसून के अंदाज को देखते हुए एसडीआरएफ की टीमों का कैंप करवाया जा रहा था. लेकिन इस साल राजस्थान में मानसून सीजन में बारिश जिस तरह से करौली, जैसलमेर, टोंक, सवाईमाधोपुर और जयपुर जिले में बाढ़ के हाल पैदा किए उसने एसडीआरएफ टीमों के मूवमेंट को भी बदल दिया है.
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FIRST PUBLISHED : August 26, 2024, 10:36 IST