कोलकाता: 9 अगस्त की सुबह 9.30 बजे चेस्ट डिपार्टमेंट के पहले साल के पीजीटी डॉक्टर को एक बेसुध और अर्ध-नग्न बॉडी मिली. इसके बाद सुबह 10.10 बजे ताला पुलिस स्टेशन में पहली जनरल डायरी (जीडीई 542) दर्ज की गई. दोपहर करीब 3.40 बजे आरजी कर अस्पताल के एमएसवीपी (मेडिकल सुपरिटेंडेंट कम वाइस प्रिंसिपल) ने ताला पुलिस स्टेशन के प्रभारी अधिकारी (ओसी) को एक बंद लिफाफे में एक गोपनीय पत्र दिया. इसमें एक शव मिलने के बारे में एफआईआर दर्ज करने के लिए कहा गया था. शाम तक कोलकाता पुलिस की फोरेंसिक टीम ने घटनास्थल से 40 चीजें जब्त कर लीं. इसके बाद रात 11.45 बजे पीड़िता के माता-पिता ने रेप और हत्या की धाराएं जोड़ते हुए एक प्राथमिकी दर्ज कराई.
न्यूज18 ने जब कोलकाता पुलिस के अहम जांच दस्तावेजों और नोट्स को खंगाला, तो उस दिन यानी 9 अगस्त को जो हुआ उसकी चौंकाने वाली जानकारी सामने आई. दरअसल, उस दिन आरजी कर अस्पताल के सेमिनार हॉल के अंदर एक लेडी महिला डॉक्टर का शव मिला था. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में बात सामने आई कि हत्या से पहले लेडी डॉक्टर का रेप किया गया था. कोलकाता पुलिस ने जो टाइमलाइन दर्ज की है, उसके अनुसार, नजदीकी ताला पुलिस स्टेशन के अधिकारी दो खेप में घटनास्थल पर पहुंचे. पहली बार सुबह 10:10 बजे और दूसरी बार सुबह 10:30 बजे. तुरंत ही घटनास्थल (सीन ऑफ क्राइम) को सील कर दिया गया और किसी भी तरह की गड़बड़ी से बचाने के लिए उसे सुरक्षित कर लिया गया.
सबसे पहले कौन पहुंचा आरजी कर
एडिशनल कमिश्नर रैंक के एक अधिकारी और ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर रैंक के कुछ अधिकारियों सहित कई सीनियर अधिकारी, जांच विभाग के अधिकारी और फोरेंसिक टीम के साथ फुटप्रिंट और फिंगरप्रिंट विशेषज्ञ, एक फोटोग्राफर और एक वीडियोग्राफर सुबह 11 से 11:30 बजे के बीच घटनास्थल पर यानी आरजी कर अस्पताल पहुंचे. मृतक लेडी डॉक्टर के परिवार को असिस्टेंट सुपरिटेंडेंट ने सुबह करीब 10:52 बजे घटना की जानकारी दी और तुरंत अस्पताल पहुंचने को कहा. खुद पुलिस कमिश्नर दोपहर करीब 12:30 बजे घटनास्थल पर पहुंचे.
कब-कितने बजे क्या हुआ?
इन्वेस्टिगेशन नोट्स के मुताबिक, ड्यूटी पर तैनात आपातकालीन मेडिकल ऑफिसर (ईएमओ) ने दोपहर 12:44 बजे लेडी डॉक्टर को मृत घोषित कर दिया. इसके तुरंत बाद स्टेट फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (एफएसएल) की टीम घटनास्थल की जांच के लिए पहुंची. प्रक्रियात्मक देरी और पीड़िता के परिवार के विरोध के बावजूद न्यायिक प्रक्रिया आगे बढ़ी. पीड़िता के परिवार ने वीडियो रिकॉर्डिंग के तहत मजिस्ट्रेट जांच और पोस्टमॉर्टम की मांग की थी. दोपहर करीब 1 बजे फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (एफएलएस) के विशेषज्ञ पहुंचे और दोपहर 1:10 बजे अस्पताल प्रशासन के मार्गदर्शन में परिवार के सदस्य सेमिनार रूम में पहुंचे. ईएमओ ने दोपहर 1:47 बजे मेडिकल सर्टिफिकेट और डेथ सर्टिफिकेट तैयार किया और पीड़िता का शव पुलिस को सौंप दिया गया.
जांच अधिकारी ने क्या-क्या देखा
मजिस्ट्रेट को भेजी गई रिपोर्ट (डब्ल्यूबी फॉर्म नंबर 5370) में मामले की जांच कर रहे पुलिस अधिकारी ने कहा कि सूचना मिलने पर वह घटनास्थल पहुंचे और वहां पहुंचने के बाद उन्होंने एक महिला का शव अर्धनग्न अवस्था में बेहोशी की हालत में पाया. उन्होंने उसकी पहचान की. महिला को मृत घोषित कर दिया गया. उन्होंने रिपोर्ट में नोट किया कि मृतक के शरीर पर कुछ चोटों के निशान मिले हैं, जिसमें गुप्तांगों पर भी चोटें शामिल हैं. इसलिए यूडी मामला (यू/एस 194 बीएनएसएस// 174 सीआरपीसी) शुरू किया गया, ताकि बिना किसी देरी के जांच और पोस्टमॉर्टम की प्रक्रिया शुरू की जा सके
मजिस्ट्रेट के लिए लेटर
दोपहर करीब 3 बजे परिवार के सदस्यों और पीड़िता के सहयोगियों ने न्यायिक मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में और वीडियोग्राफी के तहत जांच और पोस्टमॉर्टम कराने की मौखिक मांग की. न्यायिक मजिस्ट्रेट की व्यवस्था के लिए एक अधिकारी को सियालदह कोर्ट भेजा गया. एसीजेएम सियालदह को एक न्यायिक मजिस्ट्रेट को प्रतिनियुक्त करने और पोस्टमॉर्टम जांच के दौरान मौजूद रहने के लिए एक मांग पत्र दिया गया था. अस्पताल ने प्राथमिकी दर्ज करने के लिए ताला पुलिस स्टेशन को एक गोपनीय पत्र भेजा, जो कि एक विशेष शिकायत के बजाय एक सामान्य सूचना थी.
कब पोस्टमॉर्टम और कब शव मुर्दाघर गया?
शाम 6:10 बजे से शाम 7:10 बजे तक किए गए पोस्टमॉर्टम को पूरी तरह से डॉक्यूमेंट में दर्ज किया गया. इसके बाद डॉक्टरों के भारी विरोध और हंगामे के बीच शव को मुर्दाघर ले जाया गया और रात 11:45 बजे परिवार की लिखित शिकायत के आधार पर एक प्राथमिकी (ताला पुलिस स्टेशन केस नंबर 52/2024 के तहत) दर्ज की गई, जिसमें रेप और हत्या का आरोप लगाया गया था. इस बीच डीडी की फोरेंसिक टीम और स्टेट फोरेंसिक लैब ने घटनास्थल की जांच की. खोजी कुत्तों के साथ एक डॉग स्क्वायड शाम करीब 8 बजे घटनास्थल पर पहुंचा.
40 चीजें जब्त
दस्तावेजों से पता चलता है कि जब जांच और पोस्टमॉर्टम चल रहा था, तब तक जांचकर्ताओं ने घटनास्थल (सीन ऑफ क्राइम) के सभी एंट्री और एग्जिट्स प्वाइंट्स की जांच शुरू कर दी थी और सीसीटीवी फुटेज की समीक्षा कर रहे थे. केस डिटेल्स के लिए ग्यारह लोगों से पूछताछ की गई, जिसमें पीड़िता के चार डॉक्टर सहयोगी भी शामिल थे, जो उस रात ड्यूटी पर थे. रात 8:30 से 10:45 बजे के बीच फोरेंसिक एक्सपर्ट्स ने वीडियोग्राफी के तहत क्राइम सीन से 40 चीजें जब्त कीं, जो स्थानीय लोगों ने देखीं. पोस्टमॉर्टम के बाद, शव परिवार को सौंप दिया गया, जिन्होंने रात करीब 11:45 बजे अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ बलात्कार और हत्या का आरोप लगाते हुए प्राथमिकी दर्ज कराई. इसके बाद ताला थाने में एफआईआर नंबर 52 दर्ज की गई.
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FIRST PUBLISHED : August 23, 2024, 07:46 IST