देश में गोल्ड लोन का बाजार मार्च, 2024 तक 7.1 लाख करोड़ था. पीडब्ल्यूसी का दावा है कि 5 साल में इसका बाजार दोगुना हो जाएगा. देश में गोल्ड लोन का कारोबार हर साल 14 फीसदी बढ़ रहा है.
नई दिल्ली. सोने की चमक तो हर किसी को पसंद आती है, लेकिन क्या आपको पता है कि सोना मुश्किलों का सबसे बड़ा साथी बनकर उभर रहा है. आलम ये है कि इमरजेंसी में सबसे पहले लोगों को गोल्ड ही याद आता है. अगर आंकड़े देखें तो आप खुद चौंक उठेंगे कि गोल्ड ने कितने लोगों को मुश्किलों से उबारा और लाखों करोड़ का फंड दिलाया है. पीडब्ल्यूसी इंडिया की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि सख्त नियमों के कारण वृद्धि में नरमी के बावजूद भारत का गोल्ड लोन बाजार अगले 5 साल में दोगुना हो जाएगा.
पीडब्ल्यूसी इंडिया की ओर से देश के गोल्ड लोन बाजार पर जारी इस रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष 2023-24 में इस लोन बुक में जबरदस्त तेजी आई है. इस दौरान कुल गोल्ड लोन 7.1 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया है. रिपोर्ट कहती है कि पांच साल में 14.85 प्रतिशत की सालाना वृद्धि दर के साथ सोने के बदले कर्ज का बाजार 2028-29 तक 14.19 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच जाने की संभावना है.
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आरबीआई की सख्ती से नरमी
रिपोर्ट में कहा गया है कि आरबीआई ने गोल्ड लोन को लेकर सख्ती शुरू कर दी है, जिससे अगले 2 साल तक इसमें नरमी दिख सकती है. पीडब्ल्यूसी ने कहा, अगले दो वर्षों में सोने के बदले कर्ज के बाजार में मध्यम वृद्धि देखने को मिलेगी, क्योंकि सोने के बदले कर्ज देने वाले ऋणदाताओं को कर्ज एवं मूल्य (एलटीवी) रखरखाव और नीलामी से संबंधित प्रक्रियाओं के संबंध में नियामक अधिकारियों से बढ़ती जांच का सामना करना पड़ रहा है.
ठप हो गई दूसरी सबसे बड़ी कंपनी
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘इस बाजार की दूसरी सबसे बड़ी कंपनी के निष्क्रिय होने से चालू वित्त वर्ष में बाजार की वृद्धि पर असर पड़ेगा.’ इसके अलावा, नकद वितरण पर गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) को रिजर्व बैंक की सलाह, जो नकद वितरण की राशि को 20,000 रुपये तक सीमित करती है, ग्राहकों को असंगठित क्षेत्र पर भरोसा करने के लिए प्रेरित कर सकती है.
लोन देने वाली कंपनियों को करने होंगे बदलाव
पीडब्ल्यूसी ने कहा कि बढ़ी हुई नियामक जांच और संशोधित दिशानिर्देशों के कारण प्रमुख एनबीएफसी के शेयर की कीमतों में गिरावट आई है. सोने के बदले कर्ज देने वाले ऋणदाताओं से इस अवधि का उपयोग यह सुनिश्चित करने की अपेक्षा की जाती है कि वे सभी विनियामक दिशानिर्देशों का अनुपालन कर रहे हैं. साथ ही डिजिटलीकरण के पहल के माध्यम से अपने मध्य और बैक ऑफिस को अनुकूलित करने के लिए कई उपाय कर रहे हैं.
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FIRST PUBLISHED : August 22, 2024, 18:01 IST