मरीन इलेक्ट्रिकल को मिला अमेरिका से बड़ा करार, रॉकेट की तरह भागे शेयर


हाइलाइट्स

मरीन इलेक्ट्रिकल्‍स और अमेरिकी कंपनी कमिंस में करार हुआ है. कंपनी के शेयर महीने भर में 180.55 फीसदी की बढ़त ले चुके हैं. 3 महीने में इस स्‍टॉक ने 341 फीसदी का रिटर्न दिया है.

नई दिल्‍ली. भारतीय कंपनी मरीन इलेक्ट्रिकल ने अमेरिका की एमएनसी कंपनी कमिंस की भारतीय इकाई कमिंस इंडिया के साथ बड़ा कारोबारी करार किया है. इसके तहत मरीन नेवी के शिप के पंप को बनाने का काम करेगी. इस करार से मरीन को अच्छा खासा फायदा होने की उम्मीद है और करार के दूसरे दिन यानी गुरुवार को ही कंपनी के शेयरों में 1.70 फीसदी का उछाल दिखा है. आपको जानकर हैरानी होगी कि मरीन इलेक्ट्रिकल्‍स के स्‍टॉक महीनेभर में ही करीब 200 फीसदी का रिटर्न दे चुके हैं.

मरीन इलेक्ट्रिकल्‍स ने एनएसई को दी गई सूचना में कहा कि यह एमओयू निजी शिप मालिकों के अलावा विशेष रूप से भारतीय नौसेना के लिए विशिष्ट क्षेत्रों में आपूर्ति, कमीशनिंग और बिक्री के बाद सेवाओं, डीजल जनरेटर सेट या पारंपरिक अथवा डीजल-इलेक्ट्रिक कॉन्फ़िगरेशन के साथ एकीकृत प्रोपल्शन और बिजली उत्पादन सॉल्यूशन की सुविधा प्रदान करेगा. मरीन इलेक्ट्रिकल की सब्सिडयरी नरहरि ने एनएसई को बताया कि वह इस समय विस्तार की योजना बना रहा है. नरहरि इंजीनियरिंग वर्क्स 1MW की रेंज तक नेवल और मरीन दोनों मोटरों के निर्माण के लिए अपनी विनिर्माण सुविधा का विस्तार करने की प्रक्रिया में है और पालघर में निर्माणाधीन अपनी नई विनिर्माण सुविधा में उसी रेंज के लिए नेवल और मरीन एप्लिकेशन अल्टरनेटर का निर्माण भी शुरू कर रहा है.

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60 साल पुरानी है कंपनी
नरहरि इंजीनियरिंग वर्क्स 1964 से नौसेना इंजीनियरिंग मानकों को पूरा करने वाले कस्टम मेड शॉक ग्रेडेड मोटर्स का निर्माण कर रही है. नरहरि इंजीनियरिंग वर्क्स 300 किलोवाट की रेटिंग तक नौसेना के जहाजों पर लगाए जाने के लिए उपयुक्त प्रत्येक एप्लिकेशन के लिए मोटर बनाती है. मरीन इलेक्ट्रिकल पंप के क्षेत्र में लंबे समय से काम कर रही है. इसकी प्रतिद्वंदी कंपनी किर्लोस्कर का पहले कमिंस से टाईअप था, जो अब मरीन के साथ हो गया है.

आईएनएस विक्रांत के बनाए उपकरण
आपको बता दें कि मरीन इलेक्ट्रिकल ही इंडियन नेवी के सारे शिप के पावर डिस्ट्रीब्यूशन, पैनल और रडार की आपूर्ति करती है. आईएनएस विक्रांत का भी काम इसी कंपनी ने किया है. चाहे वह ऑर्डर भले ही गार्डन रीच, कोचीन या गोवा शिपयार्ड अथवा एलएंडटी जैसी कंपनियों को मिलते हैं. इंडियन नेवी के अप्रूव वेंडर यही कंपनी है. हाल में कंपनी ने विदेशों में स्थिति मजबूत करने के लिए यूरोप और यूएई में आफिस खोला है.

निवेशकों की भी चांदी
मरीन इलेक्ट्रिकल्‍स का कारोबार बढ़ने से निवेशकों को भी बड़ा मुनाफा हो रहा. इस कंपनी के शेयर महीने भर में 180.55 फीसदी का उछाल प्राप्‍त कर चुके हैं, जबकि 3 महीने में इस स्‍टॉक ने 341 फीसदी का रिटर्न दिया है. इसका मतलब हुआ कि अगर किसी ने मई में 1 लाख के शेयर खरीदे थे तो अब तक 4.41 लाख रुपये बन चुके हैं.

Tags: Business news, Share allotment, Share market



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