प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 21 अगस्त को पोलैंड और 23 अगस्त को यूक्रेन के दौरे पर जाएंगे. यहां यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से उनकी लंबी बातचीत होगी. यह दौरा ऐसे वक्त में हो रहा है, जब रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत को दुश्मन की तरह देखने वाले अजरबैजान में हैं. विदेश मंत्रालय से जब इस दौरे के मकसद के बारे में पूछा गया तो उन्होंने साफ कहा कि भारत का रूस और यूक्रेन के साथ स्वतंत्र रिश्ता है. यह एक दूसरे पर निर्भर नहीं है. ऐसे में माना जा रहा है कि कहीं यह रूसी राष्ट्रपति के अजरबैजान दौरे का जवाब तो नहीं?
विदेश मंत्रालय ने बताया कि पीएम मोदी 21 और 22 अगस्त को पोलैंड दौरे पर रहेंगे. वहां पीएम डोनाल्ड टस्क के साथ उनकी बातचीत होगी. यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के निमंत्रण पर पीएम मोदी 23 अगस्त को यूक्रेन का दौरा करेंगे. यह एक महत्वपूर्ण दौरा होगा. यह पहली बार है जब कोई भारतीय प्रधानमंत्री यूक्रेन की यात्रा पर जा रहा है. विदेश मंत्रालय के सचिव तन्मय लाल ने कहा, दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय बातचीत होगी. लेकिन यूक्रेन युद्ध पर भी गंभीरता से चर्चा होने की संभावना है. कुछ कारणों की वजह से हम अभी सभी कार्यक्रमों के बारे में नहीं बता रहे हैं.
क्या भारत वहां सीजफायर कराएगा?
जब उनसे पूछा गया कि क्या भारत वहां सीजफायर को लेकर कोई संदेश देने वाला है. इस पर तन्मय लाल ने कहा, हम हमेशा से कहते रहे हैं कि बातचीत और कूटनीति ही एक मात्र रास्ता है, जिससे उस इलाके में शांति आ सकती है. भारत और यूक्रेन के नेतृत्व के बीच क्या बातचीत होगी, हम पहले से कुछ नहीं कह सकते. यूक्रेन के यूनिवर्सिटी में अभी 2100 छात्र हैं, और इनमें से 1000 से कुछ ज्यादा यूक्रेन में हैं. भारतीय दूतावास लगातार इन छात्रों से संपर्क में है.
यूक्रेन ने कब्जाए रूस के कई इलाके
पीएम मोदी की यूक्रेन यात्रा ऐसे वक्त में हो रही है, जब यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध और तेज हो गया है. यूक्रेन रूस की सीमा में कई गांवों पर कब्जा कर लिया है. रूस के कुर्स्क इलाके पर आक्रमण से राष्ट्रपति पुतिन बेहद गुस्से में हैं और उन्होंने बदला लेने का ऐलान किया है. लाल ने कहा, यह ऐतिहासिक यात्रा यूक्रेन में चल रहे संघर्ष की पृष्ठभूमि में हो रही है, जो चर्चा का एक हिस्सा होगा. भारत ने लगातार समझौते तक पहुंचने और बातचीत करने के लिए कूटनीति और संवाद की वकालत की है. यह एक महत्वपूर्ण यात्रा है जो विभिन्न क्षेत्रों में हमारे संबंधों को और मजबूत करेगी.
तब नाराज हो गए थे जेलेंस्की
इससे पहले पीएम मोदी जब रूस के दौरे पर गए थे, और पुतिन को गले लगाया था, तब जेलेंस्की ने काफी नाराजगी दिखाई थी. पीएम मोदी ने बार-बार सीजफायर की अपील की है, लेकिन कभी रूस के हवाई हमले की निंदा नहीं की. यहां तक कि भारत रूस से जुड़े किसी भी प्रस्ताव पर संयुक्त राष्ट्र में दूरी बनाता रहा है. हालांकि, पीएम मोदी पुतिन के सामने कह चुके हैं कि संघर्ष का समाधान युद्ध से नहीं बल्कि शांति और बातचीत से ही संभव है. उन्होंने कहा था, चाहे युद्ध हो या आतंकवाद, मानवता में विश्वास रखने वाला कोई भी व्यक्ति मौतों से परेशान होता है, खासकर तब जब मासूम बच्चे मरते हैं. एक मित्र के रूप में मैंने हमेशा कहा है कि भविष्य की पीढ़ियों के लिए शांति जरूरी है. लेकिन मैं यह भी जानता हूं कि बंदूकों, बमों और गोलियों से शांति नहीं आ सकती.
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FIRST PUBLISHED : August 19, 2024, 19:47 IST