कौन हैं केशव महतो कमलेश जिनपर कांग्रेस ने झारखंड में खेला दांव, जानिये बायोडाटा


हाइलाइट्स

कांग्रेस ने खेला OBC कार्ड, केशव महतो कमलेश बने प्रदेश अध्यक्षराजेश ठाकुर की जगह केशव महतो कमलेश को झारखंड की कमान.रामेश्वर उरांव को बनाया गया झारखंड कांग्रेस विधायक दल का नेता.

रांची. झारखंड कांग्रेस में बड़ा फेरबदल हो गया है. केशव महतो कमलेश झारखंड कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष बनाए गए हैं. वही कांग्रेस कोटे से वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव नेता विधायक दल बनाए गए है. कांग्रेस महासचिव के सी वेणुगोपाल ने इसको लेकर आधिकारिक पत्र जारी कर दिया है. वहीं, कांग्रेस पार्टी ने हेमंत कैबिनेट में मंत्री रामेश्वर उरांव को विधानसभा में विधायक दल का नेता बनाया है. कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल की तरफ से इस संबंध में पत्र जारी कर दिया गया है. झारखंड में केशव महतो कमलेश की इस जिम्मेदारी को आगामी विधानसभा चुनाव के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है.

राजनीति के जानका बता रहे हैं कि कांग्रेस ने सोच-समझकर कदम उठाया है और ओबीसी दांव खेला है. राज्य में महतो (कुर्मी) जाति को साधने की रणनीति के हिसाब से कांग्रेस ने ये कदम उठाया है. झारखंड में OBC की आबादी 42 प्रतिशत कहा जाता है. ऐसे में एक बड़े वोट बैंक को कांग्रेस ने अपने पाले में करने के लिहाज से ये राजनीतिक रणनीति अपनाई है. केशव महतो कमलेश व्यवहार कुशल, सादा जीवन व्यतीत करने वाले नेता के तौर पर जाने-पहचाने जाते है. इनके सामने कांग्रेस और गठबंधन के पक्ष में OBC वोट को गोलबंद करने की सबसे बड़ी चुनौती होगी.

आदिवासी-ओबीसी मिलकर कर सकते हैं उलटफेर
बता दें कि राज्य में सबसे बड़ी आबादी आदिवासियों की है जो कुल जनसंख्या का लगभग 26 प्रतिशत हैं. वहीं, लगभग 14-15 प्रतिशत आबादी कुर्मी यानी महतो समाज की है, जिस बिरादरी से केशव महतो आते हैं. इसके साथ ही संपूर्ण ओबीसी वर्ग का प्रतिनिधित्व 42 प्रतिशत हो जाता है. ऐसे में पार्टी की तरफ से जहां आदिवासी मंत्री रामेश्वर उरांव को विधायक दल का नेता बनाना और कुर्मी (ओबीसी) को पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनाकर सियासी संतुलन साधने की कोशिश की गई है. आगे एक नजर डालते हैं केशव महतो को लेकर अन्य जानकारियों पर.

केशव महतो कमलेश के बारे में जानिये
केशव महतो कमलेश पुराने कांग्रेसी हैं. पहली बार 1985 में केशव महतो कमलेश सिल्ली विधानसभा सीट से विधायक चुने गए थे. 1989 में वो बिहार सरकार में मंत्री भी बनाए गए थे. दूसरी बार 1995 में केशव महतो कमलेश को सिल्ली की जनता ने जीत का सेहरा पहनाया था. साल 2000 के चुनाव में केशव महतो कमलेश को चुनावी मात दे कर पहली बार आजसू विधायक सुदेश महतो विधानसभा पहुंचे थे. रामेश्वर उरांव की कमिटी में ये प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष के पद पर आसीन थे. वर्तमान में राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के सदस्य भी थे.

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