नई दिल्ली (LKG Fees in India). एक एवरेज मिडिल क्लास फैमिली की जरूरतें लिमिटेड होती हैं- घर, खाना, शिक्षा. ये तीनों जरूरतें पूरी हो जाएं, तब वह शौक और सेविंग पर आते हैं. लेकिन आज-कल स्कूलों की बढ़ती फीस ने क्वॉलिटी एजुकेशन पर सवाल खड़े कर दिए हैं. लोगों के लिए शिक्षा अफोर्ड कर पाना मुश्किल होता जा रहा है. एक सोशल मीडिया यूजर ने पोस्ट में लिखा है कि हैदराबाद में एलकेजी की फीस 2.3 लाख से 3.7 लाख रुपये हो गई है.
एलकेजी यानी लोअर किंडरगार्टेन. प्ले स्कूल के बाद बच्चे इसी क्लास में पढ़ाई करते हैं यानी यह फंडामेंटल स्टेज में शामिल है. इसकी फीस 3 लाख से ऊपर होना शिक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है. किसी भी एवरेज मिडिल क्लास फैमिली के लिए बच्चे की इतनी फीस भर पाना आसान नहीं है. परिवार में दो बच्चे हों तो यह मुश्किल और भी ज्यादा बढ़ जाती है. अविरल भटनागर नामक सोशल मीडिया यूजर ने एलकेजी फीस पर एक पोस्ट लिखकर इसे असली महंगाई बताया है.
स्कूल फीस पर फिर छिड़ी बहस
स्कूल फीस लंबे समय से बहस का मुद्दा बनी हुई है. कई लोग हर साल फीस वृद्धि पर अपनी परेशानी जाहिर कर चुके हैं. अविरल भटनागर की इस पोस्ट को 2 लाख से ज्यादा सोशल मीडिया यूजर्स देख चुके हैं. अविरल भटनागर ने एलकेजी फीस में इतनी बढ़त की तुलना रियल एस्टेट से की है. उनका कहना है कि लोग रियल एस्टेट में वृद्धि की बात करते हैं, जबकि असली इन्फ्लेशन तो स्कूल फीस में है. उनके इस पोस्ट को 600 से ज्यादा यूजर्स ने रीट्वीट किया है.
Education has become increasingly unaffordable. A good part of it due to urban real estate (and even real estate around small towns) becoming extremely expensive; that affects education, health care and of course, housing and retail as well.
A lot of corruption money from… https://t.co/UWaCUtjQTo
— Sridhar Vembu (@svembu) August 16, 2024
30 सालों में कितनी बढ़ी फीस?
अविरल भटनागर ने इस पोस्ट में स्कूल का नाम नहीं बताया है. बस शहर का नाम बताया है. उससे पता चलता है कि वह हैदराबाद के किसी स्कूल की बात कर रहे हैं. उन्होंने लिखा कि पिछले 30 सालों में स्कूल फीस 9 गुना और कॉलेज फीस 20 गुना तक बढ़ गई है. उन्होंने तर्क दिया कि शिक्षा अब सस्ती नहीं रह गई है और हर कोई इसे अफोर्ड नहीं कर सकता है. अविरल ने अपने पोस्ट के साथ एक गूगल डॉक्यूमेंट भी शेयर किया है. उसमें उन्होंने 30 सालों के खर्च की तुलना की है.
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क्यों बढ़ रही है फीस?
जोहो के सीईओ श्रीधर वेंबू ने इस पोस्ट को रीट्वीट किया है (Zoho CEO). उनका मानना है कि रियल एस्टेट की बढ़ती कीमतों का असर एजुकेशन सिस्टम पर पड़ रहा है. उन्होंने यह भी लिखा कि वह स्कूली शिक्षा को किफायती बनाने के लिए इसमें निवेश कर रहे हैं (उनके स्कूल मुफ्त हैं) लेकिन वह इसे केवल ग्रामीण क्षेत्रों में ही कर सकते हैं, जहां जमीन सस्ती है. अन्य जगहों पर स्कूल बनाने के लिए निवेश करना मुश्किल है.
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Tags: Price Hike, School Admission, School education
FIRST PUBLISHED : August 16, 2024, 12:49 IST