लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री ने विकसित भारत के अपने विजन को साफ कर दिया. उनके पूरे भाषण से साफ हो गया कि सरकार नौजवानों, किसानों,महिलाओं और कमजोरों को साथ लेकर विकसित भारत के निर्माण में लगी रहेगी. प्रधानमंत्री ने शब्दों के जरिए ही इसका रोडमैप भी खीच दिया. उन्होंने कहा कि भारत इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के साथ मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में दुनिया का बहुत बड़ा हब बनेगा. उन्होने अपने भाषण में जिस शब्दावली का प्रयोग किया वो देश के चारों कोने में रहने वालों के समझ में आने वाली थी. भाषण के जरिए वे लोगों से संवाद करने में भी सफल रहे.
ये भी कहा जा सकता है कि बातचीत की शब्दावली के प्रयोग से प्रधानमंत्री की बातें अधिक से अधिक लोगों तक पहुंची. मिसाल के तौर पर उन्होंने मोबाइल निर्माण के क्षेत्र में भारत की सफलता को कुछ शब्दों में व्यक्त करने में सफल रहे. उन्होंने कहा – ” पहले हम मोबाइल इंपोर्ट करते थे. अब हमने देश में मोबाइल मैनिफैक्चरिंग का एक इकोसिस्टम बनाया है. अब हम यहां से एक्सपोर्ट कर रहे हैं…. हम मैनिफैक्चरिंग हब बने.” इससे पूरी बात साफ हो गई.
रिफॉर्म जारी रहेगा
उन्होंने पहले की व्यवस्था पर प्रहार करते हुए कहा कि पहले -” स्टेटस-को का माहौल था.” अपने आप में इस शब्दावली ने प्रभावी तरीके से उनके भावों की व्याख्या कर दी. वे दरअसल उस स्थिति की बात करना चाहते थे जब ये सोचने की एक मानसिकता बन गई थी कि अब कुछ हो नहीं सकता. पीएम मोदी ने दावा किया कि उनकी सरकार ने इस स्टेटस को की स्थिति को उन्होंने तोड़ा है. उन्होंने ये भी कहा कि पहले सपनों को महत्व नहीं दिया जा रहा था. उनकी सरकार ने रिफार्म के जरिए उनके सपनों को पूरा किया है.
रिफॉर्म की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि रिफार्म के लिए उनकी प्रतिबद्धता पिंक पेपर के लिए नहीं है. वाहवाही लेने के लिए नहीं है. क्लबों में डिवेट करने वाले इंटरलिचुअल्स के लिए नहीं है. ये प्रतिबद्धता देश को मजबूती देने के इरादे से है. नेशन फर्स्ट का भाव हो. इसके जरिए मेरे भारत को महान बनाना इसका उद्देश्य है. इसके जरिए ग्रोथ और बदलाव होना है. उन्होंने बैकिंक सेक्टर की मिसाल देते हुए कहा कि बैंकिंग सेक्टर का विस्तार नहीं हो रहा था, विश्वास नहीं था. संकट के दौर से बैंक गुजर रहे थे.
बैंकिंग सेक्टर से विकास
अपने विजन को और स्पष्ट करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि बैंकिंग सेक्टर में रिफार्म किया गया तो इसका फायदा समाज के हर वर्ग को मिला. बैंकों ने फॉर्मर इकोनॉमी का आधार तैयार किया. कैसे बैंकों ने किसानों से लेकर मध्यम वर्ग और उद्योगों तक की जरूरतों को पूरा किया. उन्होंने भाषण में डिफेंस सेक्टर में सरकार की पहल का भी उल्लेख किया. पीएम मोदी ने इसके जरिए ये समझाने की कोशिश की भारत मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में आने वाले वक्त में एक बड़े हब के तौर पर उभरने जा रहा है. उन्होंने ये भी कहा कि उनसे मिलने की कोशिश करने वाले बहुत सारे लोग भारत में निवेश के लिए ही मिलना चाहते हैं. दरअसल, प्रधानमंत्री ने इसके जरिए अपनी सरकार के विजन और उससे हुए फायदों को अच्छे से समझाया.
सीधे लाभार्थी तक पहुंची सरकार
मोदी सरकार ने किसी भी तरह का फायदा सीधा लाभार्थी को देने की योजना पर ठीक से काम किया. अपनी योजना का भी उन्होंने अच्छे से उल्लेख किया. पीएम मोदी ने कहा कि देश को आजादी तो मिली लेकिन दुर्भाग्य से माई-बाप कल्चर शुरु हो गया. उनका संकेत था कि लोगों को अपने अधिकार हासिल करने के लिए भी सिफारिश लगानी पड़ रही थी. जबकि मोदी सरकार ने लाभार्थियों तक सरकार को पहुंचाया. लाभार्थियों को उनके घरों तक सरकार की मदद पहुंचाई. लोगों को गैस, चूल्हा, पानी-बिजली के लिए कहीं जाना नहीं पड़ता.
नौजवानों को प्राथमिकता
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में खास तौर से नौजवानों, किसानों, समाज के पिछड़े वर्गों और आदिवासियों के कल्याण की योजनाओं का खास तौर से जिक्र किया. उन्होंने जिस भी योजना का उल्लेख किया उसमें नौजवानों का हिस्सा जरूर रहा. प्रधानमंत्री मोदी ने साफ किया कि आगे भी सरकार जो कार्यक्रम चलाएगी उसका सीधा फायदा नौजवानों को मिलेगा. उन्होंने कहा कि वे चाहते हैं – “एक लाख ऐसे नौजवान राजनीति में आए जिनके पीढ़ियों तक कोई रिश्तेदार राजनीति में न रहे हों. वे ग्राम सभा से लेकर ऊपर तक की राजनीति में जब आएंगे तो धर्म, जाति और परिवारवाद से मुक्ति मिलेगी.” उन्होंने ये भी कहा कि जो बच्चे अब 18-20 साल के हैं उन्होंने पिछले दस सालों में बहुत कुछ बदलते हुए अपनी आंखों से देखा है. प्रधानमंत्री ने ये भी साफ किया कि भारत शिक्षा के क्षेत्र में और केंद्रों के विकास की योजना जारी रखेगा. उन्होंने नालंदा के विकास का जिक्र करते हुए कहा कि आने वाले समय में छात्रों को पढ़ाई के लिए विदेश भेज कर लाखों करोड़ो रुपये नहीं खर्चने होंगे.
स्पेस सेक्टर से रोजगार
प्रधानमंत्री ने भारत के विकास की चर्चा करते हुए ये भी कहा कि अब भारत स्पेस सेक्टर में बहुत आगे काम कर रहा है. अब प्राइवेट रॉकेट और प्राइवेट सेटेलाइट भी भेजे जाएंगे. इससे बहुत सारे लोगों को रोजगार मिलेगा. दुनिया भी इस क्षेत्र में भारत की प्रगति को देख रही है.
प्रधानमंत्री ने ये भी साफ कर दिया कि सरकार वन नेशन वन इलेक्शन पर आगे भी काम करेगी. उन्होंने ये भी कहा कि अब देश में एक सेक्यूलर सिविल कोड लागू होगा. अब तक कम्यूनल सिविल कोड चला था. उसे बदला जाएगा. उन्होंने यूनिफॉर्म सिविल पर सुप्रीम कोर्ट की राय पर भी चर्चा की.
प्रभाव से सरकार का हटना, अभाव में मदद करना
जनता को इज ऑफ लिविंग के लिए सरकार के प्रयासों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार लोगों के आसान जीवन के लिए उन क्षेत्रों से हट रही है जहां प्रभाव (सराकार का ) हो रहा है. जबकि जहां अभाव हो वहां सरकार रहेगी. उन्होंने लोगों की सरकारी कठिनाई कम करने के लिए कानूनों में की गई तब्दीली का भी जिक्र किया. उन्होंने याद दिलाया कि सरकार ने डेढ हजार कानूनों को खत्म किया या उनमें बदलाव किया है.
प्रधानमंत्री ने साफ कर दिया कि सरकार देश में इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में काम करना जारी रखेगी. उन्होंने देश में बनाई गई एक्सप्रेसवे, संपर्क सड़कों, पुलों, रेलवे और गरीब लोगों के लिए बनाए जाने वाले मकानों का भी जिक्र किया. उन्होंने विकास के जरिए 2047 में विकसित भारत के संकल्प को पूरा करने का आश्वासन भी बार बार दिया. उन्होंने ये भी कहा जब विकास का सेचुरेशन हो जाएगा तो जातिवाद जैसी समस्याएं खुद खत्म हो जाएगी.
महिलाओं,ट्रांसजेंडर, दिव्यांगों का कल्याण
प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में महिलाओं, ट्रांसजेंडरों और दिव्यांगों के कल्याण के लिए शुरु की गई योजनाओं का भी जिक्र किया. साथ ही ये भी साफ किया कि इनके लिए सरकार आगे भी काम करती रहेगी. उन्होंने खासतौर से महिलाओं के लिए मैटरिनिटी लीव को बढ़ाने का जिक्र भी किया और बताया कि इससे सरकार के मम भाव की झलक मिलती है. उन्होंने पश्चिम बंगाल में हुई रेप की घटना की ओर संकेत करते हुए कहा कि इस तरह के अपराधियों को जब सजा दिलाई जाती है तो उसका प्रचार अधिक की जानी चाहिए. इससे लोगों में इस तरह के अपराध को लेकर डर पैदा होगा.
लाल किले की प्राचीर से अब से पहले दूसरे प्रधानमंत्रियों के जो भाषण होते थे वे या तो हिंदी में होते थे या अंग्रेजी में. बातचीत की भाषा का प्रयोग कर पीएम मोदी ने निश्चित तौर पर अपना संवाद अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाया. साथ ही जन प्रतिनिधियों से भी अपील की कि वे सरकार को लगातार जनता की कठिनाई बताते रहे. इससे सरकार को पता चल पाएगा कि कहां लोगों को दिक्कत हो रही है.
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FIRST PUBLISHED : August 15, 2024, 11:53 IST