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कक्कड़ की इसी किताब में लिखा गया है कि तब आईआईएम से संबंधित कोई भी फैसला विक्रम बगैर कमला की सलाह के नहीं लेते थे. आईआईएम अहमदाबाद पर प्रकाशित एक पुस्तक में जहां उसके सही विकास के लिए कमला चौधरी के योगदान को सराहा गया.वहीं विक्रम साराभाई की बेटी मल्लिका इससे उलट सोचती हैं. उन्होंने कुछ साल पहले एक इंटरव्यू में कहा, हां, पापा की इंटीमेंट रिलेशनशिप लंबे समय तक कमला से थी, लेकिन वो कमला को आईआईएम में रखने को सही नहीं मानतीं, इससे पापा इस इंस्टीट्यूट को जैसा बनाना चाहते थे, वो वैसा नहीं बन पाया.