शरत चंद्र चट्टोपाध्याय के उपन्यास पर आधारित संजय लीला भंसाली की ‘देवदास’, भारतीय सिनेमा और शाहरुख खान के करियर की ऐतिहासिक फिल्मों में से एक है। हालांकि, ये बात और है कि शाहरुख खान पहले इस फिल्म को करने के लिए तैयार ही नहीं थे। जी हां, खुद किंग खान ने इस बात का खुलासा किया है। दरअसल, हाल ही में शाहरुख खान को ‘लोकार्नो फिल्म फेस्टिवल’ में ‘पार्डो अला कैरियरा’ अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। इस पुरस्कार से सम्मानित होने वाले शाहरुख पहले भारतीय हैं। इस कार्यक्रम में लोगों को शाहरुख खान स्टारर ‘देवदास’ भी दिखाई गई। ऐसे में किंग खान ने इस फिल्म से जुडा़ एक बेहद दिलचस्प किस्सा साझा किया।
देवदास को लेकर क्या बोले शाहरुख?
शाहरुख खान ने खुलासा किया कि कैसे वह इस फिल्म को करने के लिए राजी नहीं थे, इसके भंसाली ने उन्हें यह फिल्म करने और देवदास बनने के लिए मना लिया। क्योंकि, भंसाली को लगता था कि कि देवदास की भूमिका निभाने के लिए शाहरुख परफेक्ट हैं। हालांकि, सवाल ये है कि आखिर भंसाली ने ऐसा क्या कहा, जो ना-ना करते शाहरुख इस फिल्म के लिए मान गए।
शाहरुख ने देवदास करने से कर दिया था इनकार
देवदास के बारे में बताते हुए शाहरुख खान ने कहा- ‘इसे देश में कई बार बनाया गया है और यह एक ऐसे लड़के के बारे में है जो शराबी है, किसी लड़की को लेकर कमिटेड नहीं है और चला जाता है। मुझे जब ये फिल्म ऑफर हुई, मुझे उस उम्र में इसमें कोई सार नजर नहीं आया। कई साल पहले, जब संजय लीला भंसाली, जो मुझे लगता है कि हमारे समय के सबसे प्रतिभाशाली फिल्म निर्माताओं में से एक हैं, आए और उन्होंने कहा, मैं चाहता हूं कि आप देवदास करें। मैंने कहा, नहीं, वह हारा हुआ आदमी है, शराबी है। मैं देवदास बनने के लिए बहुत अच्छा हूं!’
शाहरुख को भंसाली ने कैसे मनाया?
शाहरुख इसके बारे में बात करते हुए आगे कहते हैं- ‘यह एक तरह से खत्म हो गया था और फिर जाने से पहले, उन्होंने बस एक बात कही, जो अभी भी मेरे साथ जुड़ी हुई है। उन्होंने कहा, ‘तुम्हारे साथ नहीं तो मैं यह फिल्म नहीं बनाऊंगा, क्योंकि तुम्हारी आंखें देवदास जैसी हैं।’ तो मैंने कहा, ठीक है। उन्होंने कहा, ‘मैं किसी को कास्ट नहीं करूंगा।’ और एक साल तक उन्होंने ऐसा नहीं किया। फिर हम दोबारा मिले और मैंने कहा, ‘ठीक है, अगर आपको मेरी जैसी आंखें नहीं मिलेंगी तो मैं फिल्म करूंगा।’
आगे क्या बोले शाहरुख?
शाहरुख ने यह भी कहा कि वह नहीं चाहते कि कोई देवदास की ओर ध्यान दे, भले ही अभिनय अच्छा था। “मुझे ऐसे किरदार निभाना पसंद नहीं है जो महिलाओं का अपमान करते हों। मुझमें इमानदारी रहेगी। मैं नहीं चाहता था कि उसे फिल्म में इस कारण से पसंद किया जाए कि, आप जानते हैं, एक महिला है जो उससे प्यार करती है, लेकिन वह उसके प्रति प्रतिबद्ध नहीं है। मैं चाहता था कि वह एक ऐसे व्यक्ति के रूप में सामने आएं जो थोड़ा रीढ़हीन व्यक्ति हो। यह कोई ऐसा व्यक्ति नहीं है जिसकी ओर आपको देखना चाहिए।”