Meta CEO मार्क जुकरबर्ग के AI वाले ड्रीम प्रोजेक्ट पर मधुमक्खियों की वजह से ग्रहण लगता हुआ दिख रहा है। जुकरबर्ग ने इसके पीछे की वजह बताई है। दुनिया के दिग्गज टेक्नोलॉजी कंपनियों में से एक Meta अपना AI डेटा सेंटर तैयार करने वाला था, लेकिन मधुमक्खियों की एक दुर्लभ प्रजाति ने इस प्रोजेक्ट का काम रोक दिया है। मार्क जुकरबर्ग का यह AI डेटा सेंटर उस जगह बनाया जाना था, जहां आसानी से न्यूक्लियर पावर मिल सके।
ठंडे बस्ते में AI ड्रीम प्रोजेक्ट
अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो जहां यह AI डेटा सेंटर तैयार किया जाना था वहां मधुमक्खियों की एक दुर्लभ प्रजाति पाई गई है, जिसकी वजह से यह ड्रीम प्रोजेक्ट अब ठंडे बस्ते में जाता हुआ दिख रहा है। मार्क जुकरबर्ग ने इस प्रोजेक्ट के लिए अमेरिका के एक न्यूक्लियर पावर एनर्जी ऑपरेटर के साथ डील करने वाले थे। पिछले सप्ताह आई रिपोर्ट में कंपनी से संबंधित कर्मचारी ने बताया कि दुर्लभ प्रजाति की मधुमक्खी की खोज होने से रेगुलेटरी परमिशन मिलना मुश्किल है। अगर, परमिशन मिल भी जाती है, कंपनी को कई सरकारी रेगुलेशन फॉलो करने होंगे, जो इस प्रोजेक्ट के काम में बाधा पैदा कर सकते हैं।
Meta तलाश रहा विकल्प
रिपोर्ट की मानें तो मार्क जुकरबर्ग ने अपने कर्मचारियों के साथ मीटिंग करते हुए कहा कि अगर यह डील आगे बढ़ पाती को Meta के पास भी एक न्यूक्लियर पावर से चलने वाला AI डेटा सेंटर होता। हालांकि, कंपनी अभी भी कोई और रास्ता खोजने के लिए तैयार है, ताकी यह ड्रीम प्रोजेक्ट हकीकत में बदल सके। जुकरबर्ग ने कर्मचारियों को कहा कि अब उन्हें और कोई जगह खोजना होगा, क्योंकि प्रतिद्वंदी कंपनियां न्यूक्लियर पावर में इन्वेस्ट कर रहे हैं।
Google, Microsoft दे रहे चुनौती
AI सेक्टर में Meta के लिए Google और Microsoft जैसी कंपनियां बड़ी प्रतिद्वंदी साबित हो सकती है। ये दोनों कंपनियां कई सालों से AI सेक्टर में काम कर रही हैं। गूगल ने तो यह ऐलान भी कर दिया है कि 2030 से कंपनी अपने डेटा सेंटर में बिजली के लिए न्यूक्लियर पावर प्लांट का यूज करेगी। इसके लिए परमाणु रिएक्टर तैयार किया जाएगा। गूगल ने इस प्रोजेक्ट के लिए स्टार्ट-अप कंपनी कैरोस पावर के साथ मिलकर काम शुरू कर दिया है। वहीं, Microsoft और Amazon ने भी परमाणु उर्जा से चलने वाले AI डेटा सेंटर के लिए तैयारियां कर ली हैं।
AI डेटा सेंटर
AI डेटा सेंटर में बड़े स्तर पर डेटा स्टोर किया जाता है, जिसका इस्तेमाल करके AI टूल फंक्शन करते हैं। AI डेटा सेंटर में बड़े-बड़े और जटिल इक्विपमेंट्स लगाए जाते हैं, जिसके लिए बड़ी मात्रा में बिजली की जरूरत होती है। इन डेटा सेंटर में अनवरत बिजली मिलती रहे, इसके लिए परमाणु उर्जा उपयुक्त माना जाता है। AI डेटा सेंटर में इस्तेमाल किए जाने वाले इक्विपमेंट्स में स्टोरेज सिस्टम के अलावा हाई परफॉर्मेंस सर्वर, नेटवर्किंग इंफ्रास्ट्रक्चर लगे होते हैं।
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