CBI arrests ED official: सीबीआई ने जिस अधिकारी को रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया है, वह ईडी में सहायक निदेशक के पद पर तैनात हैं और उनका नाम संदीप सिंह यादव बताया जा रहा है. सीबीआई की ओर से इस अधिकारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की तैयारी भी की जा रही है. संदीप सिंह यादव पर आरोप है कि उन्होंने दिल्ली के एक ज्वैलर से 20 लाख रुपये की रिश्वत की मांग की थी. इस शिकायत के बाद ज्वैलर ने सीबीआई में इसकी सूचना दी थी, जिसके बाद सीबीआई ने योजना बनाकर ईडी के अधिकारी को रंगे हाथों पैसे लेते हुए पकड़ा. बताया जा रहा है कि संदीप सिंह यादव को पिछले साल मई में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) में सहायक निदेशक के रूप में नियुक्त किया गया था. उस समय संदीप के अलावा केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) और केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) के तहत काम करने वाले तीस अन्य अधिकारियों को भी ईडी में शामिल किया गया था.
ED में कौन-कौन से पद होते हैं?
प्रवर्तन निदेशालय (ED) का निदेशक एक आईएएस अधिकारी होता है, जो एडमिनिस्ट्रेटिव सेक्रेटरी भारत सरकार के रैंक का अधिकारी होता है. इसके अलावा, ईडी में कुछ स्पेशल डायरेक्टर्स, एडिशनल डायरेक्टर्स, ज्वाइंट डायरेक्टर्स, डिप्टी डायरेक्टर्स भी होते हैं। इसी तरह असिस्टेंट डायरेक्टर्स और एनफोर्समेंट ऑफिसर्स भी होते हैं. संदीप सिंह यादव का पद असिस्टेंट डायरेक्टर का है.
कैसे मिलती है नौकरी?
प्रवर्तन निदेशालय (ED) में समय-समय पर असिस्टेंट इंफोर्समेंट ऑफिसर (AEO) की भर्तियां होती रहती हैं। यह ग्रुप बी का पद होता है. एईओ की भर्तियों के लिए स्टाफ सेलेक्शन कमीशन यानी कर्मचारी चयन आयोग (SSC) की ओर से कंबाइंड ग्रेजुएट लेवल एग्जाम का आयोजन किया जाता है. एईओ पर चयनित होने के बाद, तीन साल के अंदर चयनित उम्मीदवारों को असिस्टेंट इंफोर्समेंट ऑफिसर के पद पर तैनाती मिल जाती है. इसके बाद, इंफोर्समेंट ऑफिसर, असिस्टेंट डायरेक्टर ऑफ ईडी, डिप्टी डायरेक्टर ऑफ ईडी, ज्वाइंट डायरेक्टर ऑफ ईडी, एडिशनल डायरेक्टर ऑफ ईडी और स्पेशल डायरेक्टर के पदों पर प्रमोशन मिलता जाता है.
मनी लांड्रिंग से बचाने के लिए की थी डील
सीबीआई की जांच में यह सामने आया है कि आरोपी ईडी अधिकारी संदीप सिंह यादव, सहायक निदेशक के पद पर कार्यरत हैं और उन्होंने ज्वैलर से मनी लांड्रिंग के एक मामले में 20 लाख रुपये की डील की थी. इतना ही नहीं, उन्होंने ज्वैलर के बेटे को कड़ी सजा दिलाने के नाम पर डराया-धमकाया भी था. इस मामले से बचाने के लिए उन्होंने ज्वैलर के परिवार से 20 लाख रुपये की मांग की थी और इसे देने के लिए लाजपत नगर बुलाया था. इसकी सूचना सीबीआई को दे दी गई, जिसके बाद सीबीआई ने उन्हें रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया.
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FIRST PUBLISHED : August 9, 2024, 11:31 IST