7 बहनों के इकलौते भाई का परिचित ने किया अपहरण, कर्ज चुकाने के लिए बनाया मोहरा


विष्णु शर्मा.

जयपुर. राजधानी जयपुर के सांगानेर सदर इलाके में 12 साल के दिलखुश मीणा के अपहरण की वारदात को पुलिस ने महज 8 घंटे में सुलझा लिया. सीसीटीवी फुटेज, परिजनों के संदेह, नाकाबंदी और स्थानीय लोगों से मिले इनपुट के आधार पर पुलिस ने अपहरण के मास्टर माइंड सचिन मीणा और उसके साथी अशोक मीणा को आगरा रोड पर बांसखो से गिरफ्तार कर लिया. उनकी निशानदेही पर बांसखो से ही बच्चे को एक बंद अंधेरे कमरे से बरामद कर लिया है. बच्चे को जिस कमरे में बंधक बनाकर रखा गया था वह दिलखुश के ही पिता का मकान था. उसे अपहरण के मास्टर माइंड सचिन मीणा ने कुछ समय पहले किराए पर लिया था.

थानाप्रभारी पूनम चौधरी के मुताबिक सचिन मीणा ने अपने परिचित श्रीराम मीणा के बेटे दिलखुश मीणा का अपहरण इसलिए किया गया था क्योंकि वे रेलवे में जॉब करते हैं. उनके 7 बेटियों के बाद इकलौता सबसे छोटा बेटा दिलखुश हैं. उसे विश्वास था कि बेटे को छुड़ाने के लिए श्रीराम मीणा से मोटी रकम आसानी से मिल जाएगी. लेकिन वह अपने मंसूबे में कामयाब हो पाता उससे पहले ही पुलिस ने आरोपी को कार नंबर के आधार पर धरदबोचा.

मास्टर माइंड सचिन मीणा कर्ज में डूबा हुआ है
प्रारंभिक पूछताछ में सामने आया कि अपहरण केस का मास्टर माइंड सचिन मीणा कर्ज में डूबा हुआ है. उसने कर्ज की वजह से मोटी फिरौती की रकम वसूलने के लिए दिलखुश का अपहरण किया था. वह दिलखुश के परिवार का नजदीकी परिचित है. थानाप्रभारी ने बताया कि मास्टरमाइंड सचिन मीणा ने दिलखुश के अपहरण के लिए दो दिन तक उसकी रैकी की. बच्चे को अगवा कर उसी के पिता से किराए पर लिए कमरे में बंधक बना लिया.

वारदात 20 अगस्त की शाम को हुई थी
अपहरण की यह वारदात 20 अगस्त की शाम को हुई थी. उस समय दिलखुश अपने गांव में घर के बाहर साथी के साथ खेल रहा था. उसी दौरान सचिन मीणा और उसका साथी अशोक मीणा कार लेकर वहां पहुंचे. उन्होंने दिलखुश का अपहरण कर लिया. बाद में उसे कार में बंधक बनाकर आगरा रोड पर ले गए. वहां बस्सी थाना इलाके में बांसखो पहुंचे. वहां बच्चे के रस्सी से हाथ पैर बांध दिए. उसकी आंखों पर पट्टी बांध दी और मुंह पर टेप चिपका दी. लेकिन पुलिस ने समय रहते पुलिस ने बच्चे को मुक्त करवाकर आरोपियों को धरदबोचा. इससे उसकी जान बच गई।

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