Swadeshi Kamikaze drones: यूक्रेन और रूस युद्ध से लेकर हमास और इजरायल के बीच हो रहे संघर्ष में जिन कामिकेज़ ड्रोन का इस्तेमाल किया जाता है, भारत ने उन ड्रोन्स को अपनी खुद की लैब में तैयार कर लिया है. रिपोर्ट के मुताबिक, ये ऐसे ड्रोन हैं जिनकी रेंज एक हजार किलोमीटर तक है यानी ये दुश्मन के घर में हजार किलोमीटर तक घुसकर भेद सकते हैं. ततैया की तरह से दुश्मन के ठिकाने के आसपास मंडराकर ये अपना काम कर देंगे. डिफेंस के क्षेत्र में भारत का ये एक बड़ा कदम है.
इनके बारे में अब तक मिली जानकारी के मुताबिक, ये सेल्फ डेस्ट्रक्टिव हैं यानी आत्म-विनाशकारी ड्रोन हैं. भारत के नेशनल एयरोस्पेस लेबोरेटरीज (एनएएल) ने देसी ‘कामिकेज़’ ड्रोन विकसित किया है जो पूरी तरह से स्वदेशी निर्मित है और इसमें भारत में ही तैयार इंजन का इस्तेमाल होगा जो 1,000 किमी की रेंज देता है.
टारगेट के चारों ओर घूमकर कर देंगे विस्फोट
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एनएएल के निदेशक अभय पशिलकर ने इन ड्रोन पर होने वाली रिसर्च को लीड किया है. उनके मुताबिक, इस तरह के ड्रोन ने युद्ध लड़ने के तरीके में नए एंगल जोड़े हैं. ये कम लागत वाले और ज्यादा अफेक्टिव, बिना इंसान के हवाई वाहन हैं जो एक निश्चित ऊंचाई पर उड़ते हैं. विस्फोटक चार्ज के साथ अपने टारगेट के चारों ओर घूमते हैं और लक्ष्य पर लगते ही विस्फोटकों को विस्फोट कर देते हैं.
कामिकेज़ कमांड सेंटर से होते हैं कंट्रोल
कामिकेज़ ड्रोन एक कमांड सेंटर से नियंत्रित किए जाते हैं. इन ड्रोन में 30 एचपी वांकेल इंजन के जरिए ये 100-120 किलोग्राम वजन ले जा सकते हैं. इस वजन में 30-40 किलोग्राम विस्फोटक भी होगा. बता दें एनएएल 1959 में स्थापित की गई थी. भारत के वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) के अंडर राष्ट्रीय एयरोस्पेस प्रयोगशाला (एनएएल) देश के सिविल स्पेस में इकलौती सरकारी एयरोस्पेस अनुसंधान और विकास के लिए लेबोरेट्री है.
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FIRST PUBLISHED : August 16, 2024, 08:42 IST