नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. यह मामला भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में दर्ज किया गया है. यह मामला 2021-22 की दिल्ली आबकारी नीति के तहत दर्ज किया गया है.
जस्टिस बी आर गवई और के वी विश्वनाथन की पीठ के समक्ष सिसोदिया की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि राजनेता को सुप्रीम कोर्ट के पहले के आदेश के अनुसार जमानत दी जानी चाहिए. इस आदेश में कहा गया था कि अगर सुनवाई में देरी होती है तो वह जमानत मांग सकते हैं. 30 अक्टूबर के आदेश का हवाला देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज कर दी थी, लेकिन आश्वासन दिया था कि अगर 6-8 महीने में सुनवाई पूरी नहीं होती है तो वह नई याचिका दायर करने के लिए स्वतंत्र होंगे.
हमने कोई देरी नहीं की: सिंंघवी
सिंघवी ने कहा कि सुनवाई अभी शुरू होनी है. हालांकि, सीबीआई और ईडी की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस वी राजू ने सुनवाई में देरी के लिए सिसोदिया को दोषी ठहराया और पीठ को बताया कि आप नेता ने ट्रायल कोर्ट में कई आवेदन दायर किए थे, जिसके कारण कार्यवाही में देरी हुई. सिंघवी ने उनकी दलील का विरोध किया और कहा कि बेकार की याचिका नहीं थी और डॉक्यूमेंट पाने के लिए याचिका दायर की गई थे, जिसकी अदालत ने अनुमति दी थी.
पीठ ने एएसजी से पूछा कि क्या ट्रायल कोर्ट ने अपने किसी आदेश में यह देखा है कि आवेदन परेशान करने वाले थे और उनका उद्देश्य सुनवाई में देरी करना था. यह देखते हुए कि ट्रायल कोर्ट के किसी भी आदेश में ऐसा कोई अवलोकन नहीं था. सुप्रीम कोर्ट की बेंच एएसजी की दलील से सहमत नहीं दिखी.
क्या कहा था सिसोदिया ने?
सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने अपने अक्टूबर के आदेश में कहा था कि अभियोजन पक्ष की ओर से बार में दिए गए आश्वासन के मद्देनजर कि वे अगले छह से आठ महीनों के भीतर उचित कदम उठाकर मुकदमे को समाप्त कर देंगे, हम अपीलकर्ता मनीष सिसोदिया को परिस्थितियों में बदलाव के मामले में जमानत के लिए एक नया आवेदन दायर करने की स्वतंत्रता देते हैं. यदि मुकदमा लंबा खिंचता है और अगले तीन महीनों में धीमी गति से आगे बढ़ता है.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि यदि उपरोक्त परिस्थितियों में जमानत के लिए कोई आवेदन दायर किया जाता है, तो वर्तमान निर्णय सहित पहले के जमानत आवेदन की बर्खास्तगी से प्रभावित हुए बिना ट्रायल कोर्ट द्वारा योग्यता के आधार पर उस पर विचार किया जाएगा.
Tags: Abhishek Manu Singhvi, Delhi liquor scam, Manish sisodia
FIRST PUBLISHED : August 7, 2024, 18:14 IST
Hey people!!!!!
Good mood and good luck to everyone!!!!!