दुनिया की एक उभरती महाशक्ति भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर तीन दिन से एक मुल्क में डेरा डाले हुए हैं. यह मुल्क भारत के पड़ोस में है. बीते करीब 10 महीने से यह मुल्क चीन के प्रभाव में उड़ रहा था. इसके राष्ट्रपति को ऐसा लग रहा था कि वह चीन के इशारे पर दुनिया में धौंस जमा लेगा. लेकिन, चंद महीनों में इसका दिमाग ठिकाने लग गया. क्षेत्रफल में यह मुल्क मात्र 298 वर्ग किमी में फैला हुआ है. इससे दोगुना से ज्यादा क्षेत्र में तो अपना गाजियाबाद है. यहां की आबादी केवल पांच लाख है. लेकिन, चीन के दम पर यह भारत को आंख दिखा रहा था. लेकिन, बीते छह महीने में यहां की स्थिति बदतर गई है. तब जाकर उसका अल्क ठिकाने लग गया.
दरअसल, हम बात कर रहे हैं मालदीव की. बीते साल नवंबर में इस देश में राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू की सरकार बनी थी. उन्होंने चुनाव के दौरान भारत को खूब भला-बुरा कहा था. फिर जीत हुई तो सत्ता संभालने के पहले ही दिन उन्होंने भारत को आंख दिखाने की कोशिश की. फिर क्या था. उनको कुछ ही महीनों के भीतर भारत से पंगा लेने की कीमत समझ आ गई. वहां भारी आर्थिक संकट पैदा हो गया. उसके बाद उनको सच्चाई समझ में आई. फिर वह अंदर खाने भारत से गुहार लगाने लगे. मुइज्जू जून महीने में पीएम मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए. इससे बाद जयशंकर द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए मालदीव की तीन दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर हैं. द्वीपीय राष्ट्र के चीन समर्थक राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के नौ महीने पहले पदभार संभालने के बाद नई दिल्ली की ओर से यह पहली उच्चस्तरीय यात्रा है.
अपनों ने दी मुइज्जू को नसीहत
मालदीव के मुख्य विपक्षी दल मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (एमडीपी) ने राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू नीत सरकार द्वारा अपनी भारत नीति में अचानक किए गए बदलाव का स्वागत किया और कहा कि माले इस बात को लेकर हमेशा आश्वस्त रहा है कि देश पर जब भी संकट आएगा और वह मदद के लिए पुकारेगा तो नई दिल्ली सबसे पहले सहायता करेगा. एमडीपी के अध्यक्ष अब्दुल्ला शाहिद ने शनिवार को यहां भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात के बाद यह बात कही. एमडीपी अध्यक्ष ने कहा कि उनकी पार्टी की मांग है कि मुइज्जू सरकार से अपने अधिकारियों के कृत्यों, झूठ और गैर-जिम्मेदाराना बयानों के लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगे जिनकी वजह से मालदीव को विदेश और आर्थिक मोर्चे पर खासा नुकसान हुआ है.
भारत की तारीफ में जुटी मुइज्जू सरकार
पूर्व विदेश मंत्री शाहिद ने शनिवार देर रात एक्स पर पोस्ट कर कहा कि भारत के विदेश मंत्री जयशंकर का मालदीव में एमडीपी सचिवालय के अपने सहयोगियों के साथ स्वागत करने और मुलाकात में मुझे बेहद खुशी हुई. उन्होंने कहा कि मालदीव इस बात को लेकर हमेशा आश्वस्त रहा है कि जब भी मालदीव अंतरराष्ट्रीय 911 डायल करेगा तो सबसे पहले मदद करने वाला देश भारत होगा.
उन्होंने कहा, ‘मौजूदा सरकार की ओर से भारत के खिलाफ आक्रामक नारे लगाने, मजाक उड़ाने और भारत विरोधी भावनाओं को भड़काने के कारण मालदीव की अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठा को काफी नुकसान पहुंचा, आर्थिक क्षति हुई तथा कई अन्य अनावश्यक कठिनाइयां और चुनौतियों का सामना करना पड़ा.’
बदलने पर मजबूर हुई मुइज्जू सरकार
शाहिद ने कहा कि ऐसे में अब जब राष्ट्रपति मुइज्जू सरकार की मालदीव-भारत नीति में अचानक बदलाव आया है तो एमडीपी इसका स्वागत करती है. चीन के प्रति झुकाव के लिए जाने जाने वाले मुइज्जू के राष्ट्रपति का कार्यभार संभालने के बाद से भारत और मालदीव के बीच पिछले साल संबंध तनावपूर्ण हो गए थे. पद की शपथ लेने के कुछ ही घंटों के भीतर मुइज्जू ने अपने देश से भारतीय सैन्यकर्मियों को वापस बुलाने की मांग की थी.
राष्ट्रपति मुइज्जू ने शनिवार को भारत को ‘सबसे करीबी सहयोगियों में से एक’ बताया और दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक और घनिष्ठ संबंधों को मजबूत करने के लिए अपने सरकार की पूर्ण प्रतिबद्धता जाहिर की थी. शाहिद ने कहा, ‘‘एमडीपी को उम्मीद है कि यह बदलाव अस्थायी या दिखावा नहीं होगा, बल्कि मालदीव के लोगों के सर्वोत्तम हित में होगा.’’
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FIRST PUBLISHED : August 11, 2024, 18:41 IST