सरकार ने लैपटॉप, पर्सनल कम्प्यूटर और टैबलेट इंपोर्ट करने वाली कंपनियों को बड़ी राहत दी है। केन्द्र सरकार ने इस महीने आयात की सीमा को एक और साल के लिए बढ़ाने का फैसला किया है। हालांकि, सरकार का अभी भी मुख्य फोकस लोकल मैन्युफैक्चरिंग पर है। 2025 में कंपनियां बाहर से लैपटॉप, PC और टैबलेट को इंपोर्ट कर सकती हैं, लेकिन सरकार 6 महीने में इंपोर्ट में 5 प्रतिशत तक कमी लाने के लिए पॉलिसी ला सकती है। इससे पहले अगस्त 2023 में सरकार ने लैपटॉप, PC, टैबलेट आदि के फ्री इंपोर्ट पर बैन लगाने का फैसला किया था, जिसे बाद में लागू नहीं किया गया।
लोकल मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा
सरकार ने लोकल मैन्युफैक्चरिंग यानी मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने के लिए यह फैसला किया था। हालांकि, इंडस्ट्री के हितों का ख्याल रखते हुए इसे लागू नहीं किया गया। बाद में सरकार ने अक्टूबर 2023 में इंपोर्ट मैनेजमेंट सिस्टम लागू किया था, जिसके तहत आईटी हार्डवेयर कंपनियों को अपने इंपोर्ट से जुड़े आंकड़ों को रजिस्टर करना और उसका खुलासा करना अनिवार्य कर दिया गया।
इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स की मानें तो सरकार 2025 के मध्य में इसे लेकर एक बार फिर समीक्षा कर सकती है। ऐसा अनुमान है कि तब तक सभी ब्रांड भारत में लैपटॉप, पीसी और टैबलेट आदि का प्रोडक्शन शुरू कर देंगे। लोकल मैन्युफैक्चरिंग शुरू होने के बाद सरकार इंपोर्ट में धीरे-धीरे कमी लाने पर फोकस करेगी। लैपटॉप, पीसी और टैबलेट के ब्रांडवाइज डिमांड और डिस्ट्रिब्यूशन की समीक्षा करने के बाद इंपोर्ट में 5 प्रतिशत तक कटौती कर सकती है।
कंपनियों को पूरा मौका
ET की रिपोर्ट की मानें तो सरकार कम्प्यूटर, टैबलेट और लैपटॉप आदि बनाने वाली कंपनियों को इंपोर्ट कम करने का पूरा मौका दे रही है। साथ ही साथ लोकल मैन्युफैक्चरिंग पर फोकस करने के लिए दबाब भी बना रही है। सरकार ने लैपटॉप,पीसी और टैबलेट पर 0 प्रतिशत इंपोर्ट ड्यूटी का फायदा 1 जनवरी 2025 से लेकर 31 दिसंबर 2025 तक देने का फैसला किया है। बाजार में डिमांड और सप्लाई को एनालाइज करने के बाद इंपोर्ट पर लगने वाले प्रतिबंध को लागू कर सकती है, जिसका फायदा लोकल मैन्युफैक्चरिंग को होगा।
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