शेख हसीना का भारतीय चीजों पर आया दिल, गाजियाबाद से ऐसा क्या खरीदा, कम पड़ गए पैसे, और फिर…


ढाका. बांग्लादेश में सरकार विरोधी प्रदर्शनों के बाद प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देकर भारत आईं शेख हसीना सोमवार को हिंडन एयरबेस पहुंची थीं. बाद में उन्हें कड़ी सुरक्षा के तहत दिल्ली में एक सुरक्षित स्थान पर भेज दिया गया था. हसीना के साथ उनकी बहन शेख रेहाना भी हैं. पिछले दो दिन से वह भारत में हैं. हसीना के बेटे सजीब वाजेद जॉय के मुताबिक, ‘थोड़े और समय के लिए’ दिल्ली में रहेंगी. हसीना 2 बैग और 4 सूटकेस लेकर भारत आई थीं. इसी बीच, सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने मंगलवार को अपनी बहन के साथ हिंडन एयरफोर्स स्टेशन पर बने शॉपिंग कांप्लेक्स से शॉपिंग की. उन्‍होंने अपनी बहन के लिए कपड़े खरीदे. सूत्र यह भी बता रहे हैं कि बांग्‍लादेश की पूर्व पीएम ने 30,000 रुपये की खरीदारी की. उन्‍होंने भारतीय नोट कम पड़ने पर बांग्लादेशी नोट दिए और पूरा पेमेंट किया.

इधर, जर्मनी के मीडिया संस्थान डॉयशे वेले को दिए साक्षात्कार के दौरान शेख हसीना के बेटे जॉय ने कहा कि किसी तीसरे देश से शरण मांगने की बात सिर्फ अफवाह है. उन्होंने अभी इस बारे में कोई निर्णय नहीं लिया है. वह कुछ और समय के लिए दिल्ली में ही रहेंगी। मेरी बहन उनके साथ हैं। लिहाजा वह अकेली नहीं हैं.’ हसीना की बेटी सायमा वाजेद विश्व स्वास्थ्य संगठन की दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र की क्षेत्रीय निदेशक हैं, जिसका मुख्यालय नई दिल्ली में है.

ब्रिटेन द्वारा शरण दिए जाने में टालमटोल के बाद हसीना की लंदन यात्रा की योजना अधर में लटक गई है. रेहाना की बेटी ट्यूलिप सिद्दीकी ब्रिटिश संसद की सदस्य हैं.

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बांग्लादेश में मौजूदा अस्थिरता पर बात करने वाले जॉय से यह भी पूछा गया कि क्या उनकी राजनीति में आने की कोई योजना है, तो उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा, ‘अभी ऐसी कोई योजना नहीं है। यह तीसरी बार है जब हमारे परिवार के खिलाफ तख्तापलट किया गया है.’

उन्होंने कहा कि हसीना को छोड़कर उनके परिवार के सभी सदस्य पहले से ही लंबे समय से विदेश में रह रहे थे और शेख रेहाना या परिवार के किसी अन्य सदस्य के राजनीति में आने की संभावना नहीं है.

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इधर, बांग्लादेश के सेना प्रमुख जनरल वकार-उज-जमां ने कहा कि नोबेल पुरस्कार से सम्मानित प्रोफेसर मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार गुरुवार को शपथ ग्रहण करेगी.

बीएसएफ ने सीमा पर कड़ी कर दी सुरक्षा
जलपाईगुड़ी जिले का दक्षिण बेरूबारी इलाका बांग्लादेश की सीमा से सटा हुआ है. 16 किमी के क्षेत्र में कोई कांटेदार तार की बाड़ नहीं है, इसलिए बीएसएफ ने बांग्लादेश में मौजूदा स्थिति में सुरक्षा कड़ी कर दी है. कई बांग्लादेशी परिवार सीमा के दूसरी ओर दक्षिण बेरुबारी में धरधरा पारा के पास जीरो पॉइंट पर आश्रय की उम्मीद में एकत्र हुए हैं. खबर है कि वे भारत में घुसने की कोशिश कर रहे हैं.

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