नई दिल्ली: शेख हसीना अब बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री हो चुकी हैं. बांग्लादेश में प्रदर्शन की वजह से ऐसा बवाल मचा कि शेख हसीना को अपनी कुर्सी गंवानी पड़ी. केवल कुर्सी ही नहीं छोड़नी पड़ी, उन्हें अपना देश छोड़कर भी भागना पड़ा. अब वह भारत की अस्थायी शरण में हैं. फिलहाल, हिंडन एयरबेस के सेफ हाउस में मौजूद शेख हसीना शरण के लिए अन्य देशों की ओर देख रही हैं. अब सवाल उठता है कि आखिर शेख हसीना का असली दुश्मन कौन है, जिलकी वजह से भागे-फिरने वाली नौबत आई? अगर एक शख्स का साथ मिला होता तो शेख हसीना की आज यह हालत नहीं होती. जी हां, बांग्लादेश के सेना प्रमुख वाकर-उज-जमान ही वह शख्स हैं, जिन्होंने तख्तापलट की साजिश रचकर शेख हसीना को कुर्सी से बेदखल कर दिया. उन्हें देश छोड़कर भागने को मजबूर कर दिया.
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, शेख हसीना के हिंसाग्रस्त बांग्लादेश छोड़कर भागने से एक दिन पहले ही बांग्लादेश के सेना प्रमुख वकार-उज-जमान ने एक बैठक की थी. इसमें उन्होंने अपने अधिकारियों को निर्देश दिया कि शेख हसीना द्वारा लगाए गए कर्फ्यू को लागू कराने के लिए विरोध-प्रदर्शन कर रहे लोगों पर गोली न चलाई जाए. हालात से वाकिफ एक भारतीय अधिकारी ने बताया कि शेख हसीना को अब सेना का समर्थन नहीं था.
आर्मी चीफ ने कर दिया खेला?
अधिकारी के मुताबिक, आर्मी चीफ जमान ने शेख हसीना के कार्यालय से भी संपर्क किया था. उन्होंने शेख हसीना को बताया कि उनके सैनिक उस लॉकडाउन को लागू नहीं कर पाएंगे, जिसकी उन्होंने मांग की थी. रविवार को हुई झड़पों के बाद देशव्यापी कर्फ्यू लगाया गया था, जिसमें कम से कम 91 लोगों की मौत हो गई थी और सैकड़ों लोग घायल हो गए थे. हालांकि, सेना प्रमुख ने अभी तक हसीना से समर्थन वापस लेने के अपने फैसले पर सार्वजनिक रूप से कोई सफाई नहीं दी है. सेना प्रमुख ने शेख हसीना का साथ क्यों नहीं दिया, अब तक यह साफ नहीं हो पाया है.
सेना में किस बात की बेचैनी?
आर्मी चीफ वकार-उज-जमान ने शेख हसीना का साथ क्यों छोड़ दिया, इस बारे में रिटायर्ड ब्रिगेडियर जनरल एम सखावत हुसैन ने कहा, ‘फ़ौज के अंदर बहुत बेचैनी थी.’ उन्होंने आगे कहा, ‘हो सकता है कि इसी वजह से आर्मी चीफ पर दबाव बना होगा, क्योंकि सेना के जवान बाहर हैं और वो देख रहे हैं कि क्या हो रहा है.’ इस बीच, सेना ने नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस को अंतरिम सरकार का प्रमुख नियुक्त कर दिया है. मुहम्मद यूनुस आज यानी गुरुवार को बांग्लादेश लौटेंगे. सेना और प्रदर्शनकारी चाहते हैं कि नोबेल पुरस्कार विजेता अंतरिम सरकार का नेतृत्व करें.
हसीना को बांग्लादेश से क्यों भागना पड़ा?
बता दें कि बांग्लादेश में रविवार को भयंकर हिंसा हुई थी. करीब 100 से अधिक लोग मारे गए थे. सोमवार को हालात इतने बिगड़ गए कि हसीना को उसी दिन देश छोड़कर भागना पड़ा. सोमवार को घातक विरोध प्रदर्शनों के बेकाबू हो जाने के बाद शेख हसीना ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था और बांग्लादेश से भाग गई थीं. प्रदर्शनकारी उनके इस्तीफे की मांग कर रहे थे. यह विरोध प्रदर्शन जून में सरकारी नौकरियों में आरक्षण को लेकर छात्रों के प्रदर्शन के तौर पर शुरू हुआ था और इसमें अब तक कम से कम 300 लोगों की जान जा चुकी है. हालांकि, अब समझ में आ रहा है कि यह पूरा प्रदर्शन कुर्सी की लड़ाई के लिए था.
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FIRST PUBLISHED : August 8, 2024, 07:14 IST