विनेश फोगाट को नहीं मेडल गंवाने का मलाल, जोरदार स्वागत ने कर दिया इमोशनल


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विनेश फोगाट के साथ भारतीय रेसलर्स

भारतीय पहलवान विनेश फोगाट का शनिवार को नई दिल्ली में उनके घर लौटने पर भव्य स्वागत किया गया। हजारों की संख्या में प्रशंसक और समर्थक इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (IGI एयरपोर्ट) के बाहर इकट्ठे हुए और उनके साथ अपनी एकजुटता दिखाई। यह स्वागत विनेश के लिए खास इसलिए था क्योंकि उन्होंने हाल ही में पेरिस ओलंपिक में शानदार प्रदर्शन किया था, लेकिन उनके गोल्ड मेडल मैच से ठीक पहले उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया। जिसके कारण वह मेडल नहीं जीत सकी, लेकिन अब उन्हें इस मेडल को गंवाने का गम नहीं रहा है।

विनेश फोगाट मेडल से चूकी

6 अगस्त को विनेश फोगाट ने इतिहास रचते हुए ओलंपिक के फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान बनकर देश का मान बढ़ाया था। हालांकि, अगले ही दिन, 50 किलो ग्राम फ्रीस्टाइल कुश्ती के फाइनल से पहले, वजन चेक के दौरान उनका वजन 100 ग्राम अधिक पाया गया। इस वजह से उन्हें फाइनल से बाहर कर दिया गया और उनका पदक जीतने का सपना टूट गया। इस फैसले के बाद विनेश ने संन्यास की घोषणा कर दी, लेकिन बाद में उन्होंने इस फैसले को चुनौती देने का निर्णय लिया और संयुक्त रजत पदक के लिए कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट (CAS) में अपील की। हालांकि, इस अपील को बुधवार को खारिज कर दिया गया।

भावुक हुईं विनेश

शनिवार को दिल्ली एयरपोर्ट पर अपने फैंस से मिले जबरदस्त समर्थन को देखकर विनेश भावुक हो गईं। उनके समर्थकों ने उन्हें भारी मालाओं से लाद दिया। इसके बाद वह खुली जीप में सवार होकर हरियाणा के अपने पैतृक गांव बलाली के लिए रवाना हुईं। रास्ते में, विनेश ने दिल्ली के द्वारका में एक मंदिर में प्रार्थना की और फिर बलाली की ओर अपनी यात्रा जारी रखी। उनके साथ उनके फैंस का एक बड़ा समूह भी था, जो उनके प्रति अपनी एकजुटता दिखा रहा था।

अपने गांव पहुंचने पर विनेश ने अपने समर्थकों का धन्यवाद करते हुए कहा कि भले ही उन्हें स्वर्ण पदक नहीं मिला, लेकिन अपने लोगों से मिला प्यार और सम्मान उनके लिए 1,000 स्वर्ण पदकों से भी अधिक महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि यह प्यार उन्हें आगे बढ़ने की ताकत देता है। हालांकि, अयोग्य ठहराए जाने के बाद विनेश ने यह भी कहा कि वह अब अपने भविष्य को लेकर अनिश्चित हैं, लेकिन उनमें अभी भी कुश्ती का जुनून बाकी है। उन्होंने कहा कि अलग परिस्थितियों में वह 2032 तक प्रतिस्पर्धा कर सकती हैं, लेकिन अब चीजें शायद पहले जैसी नहीं रहेंगी।

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