वंशवाद की विरोधी BJP क्या बदलेगी रणनीति? नेताओं के रिश्तेदार ठोंक रहे ताल


नई दिल्ली. वंशवाद की राजनीति का जोरदार विरोध करने के बावजूद भाजपा हरियाणा में अपने ‘एक परिवार, एक टिकट’ के फॉर्मूले से हटकर राज्य में अपने नेताओं के परिवार के सदस्यों को आगामी विधानसभा चुनाव में टिकट देने के लिए अपवाद बना सकती है. पार्टी के सूत्रों ने बताया कि अपने परिवार के सदस्यों के लिए विधानसभा टिकट की मांग कर रहे उसके कुछ वरिष्ठ नेताओं ने 1 अक्टूबर को होने वाले विधानसभा चुनावों में एक बार के अपवाद के तौर पर इस नीति को लागू करने के लिए पार्टी की टॉप लीडरशिप से संपर्क किया है, जबकि दूसरे अन्य नेता जमीनी मैदान पर अपनी ताकत दिखा रहे हैं.

हरियाणा में लगातार दो कार्यकालों के बाद सत्ता विरोधी लहर भाजपा के लिए सबसे बड़ी चुनौती है. इसलिए पार्टी ने यह साफ कर दिया है कि कई सीटों से नए चेहरे उतारे जाएंगे और बेकार लोगों को हटाया जाएगा. इससे अपने बच्चों या अन्य रिश्तेदारों के लिए टिकट की होड़ में लगे ‘राजनीतिक परिवारों’ की उम्मीदें बढ़ गई हैं. बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि पार्टी ‘एक परिवार, एक टिकट’ की अपनी नीति पर कायम रहने के साथ-साथ राज्य के असरदार राजनीतिक परिवारों को खुश रखने की चुनौती से जूझ रही है. सूत्र ने कहा कि ‘केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत की बेटी आरती राव ने पार्टी टिकट के साथ या बिना टिकट के भी चुनाव लड़ने का फैसला पहले ही कर दिया है.

कई नेता अपने रिश्तेदारों के लिए मांग रहे टिकट
हरियाणा के कई दूसरे स्थापित नेता भी ऐसी मांग कर रहे हैं. एक अन्य केंद्रीय मंत्री कृष्ण पाल गुज्जर अपने बेटे के लिए टिकट चाहते हैं, वहीं सांसद धर्मबीर सिंह भी चाहते हैं कि उनका बेटा विधानसभा चुनाव लड़े. पार्टी की राज्यसभा उम्मीदवार किरण चौधरी भी अपनी बेटी श्रुति के लिए टिकट चाहती हैं. इसके अलावा, सांसद नवीन जिंदल की मां सावित्री जिंदल भी टिकट मिलने की उम्मीद कर रही हैं.’ वह पूर्व मंत्री रह चुकी हैं. सूत्रों ने आगे कहा कि दो अन्य नेताओं ने भी एक भतीजे और एक बेटे के लिए टिकट मांगा है.

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ढील दे सकती है बीजेपी
इसके साथ ही और भी कई वरिष्ठ नेता हैं जो खुद चुनाव लड़ना चाहते हैं और अपने परिवार के किसी अन्य सदस्य के लिए भी टिकट चाहते हैं, भले ही वे वर्तमान में भाजपा में किसी पद पर नहीं हैं. वरिष्ठ नेताओं ने कहा कि भाजपा अपनी नीति में ढील देने और जीतने की क्षमता को प्राथमिकता देने पर सक्रिय रूप से विचार कर रही है. एक नेता ने कहा कि ‘चुनावी मौसम में यही एकमात्र मानदंड है और टिकट वितरण पर बहुत कुछ निर्भर करेगा. पार्टी हर सीट पर किए गए कई सर्वेक्षणों की रिपोर्ट को ध्यान में रखेगी और हर सीट पर फैसला लेगी. अगर परिवार का कोई सदस्य सीट जीत सकता है, तो टिकट से इनकार किए जाने की संभावना नहीं है.’

Tags: Assembly elections, BJP, Haryana BJP



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