नई दिल्ली. प्रवर्तन निदेशालय (ED) जल्द ही कांग्रेस द्वारा संचालित नेशनल हेराल्ड अखबार के केस में मनी लॉन्ड्रिंग जांच के सिलसिले में लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी को पूछताछ के लिए बुला सकता है. इस घटनाक्रम से परिचित एक उच्च पदस्थ अधिकारी ने नाम जाहिर करने की शर्त पर बताया कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी से पूछताछ के एक नए दौर की जरूरत हो सकती है क्योंकि सेंट्रल एजेंसी इस मामले में हुई गड़बड़ियों के बारे में अपनी जांच पूरी करना चाहती है. नेशनल हेराल्ड केस में उसने पहले ही 751 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की है.
रायबरेली के सांसद राहुल गांधी से इससे पहले जून 2022 में चार बैठकों में ईडी ने लगभग 40 घंटे तक यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड (वाईआई) के रोजाना के कामकाज में उनकी भूमिका के बारे में पूछताछ की थी. इस कंपनी में वह अपनी मां सोनिया गांधी के साथ बहुसंख्यक हिस्सेदार हैं. राहुल गांधी और उनकी मां सोनिया गांधी से वाईआई द्वारा एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) के अधिग्रहण, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) द्वारा एजेएल को दिया गया 90.21 करोड़ रुपये के कर्ज, और मुंबई में एक संपत्ति के से संबंधित लेनदेन के बारे में पूछताछ की गई थी. जुलाई 2022 में तीन दिनों में लगभग 11 घंटे तक सोनिया गांधी से भी इस मामले में पूछताछ की गई थी.
ईडी के एक अधिकारी ने कहा कि “हम एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) की जांच पूरी करने और आरोप पत्र दर्ज करने की सोच रहे हैं, ताकि मामले की सुनवाई हो सके. इसलिए राहुल गांधी सहित सभी जुड़े लोगों को जल्द ही पूछताछ के बुलाया जा सकता है. बहरहाल यह साफ नहीं है कि जांच एजेंसी ईडी सोनिया गांधी को भी एक बार फिर पूछताछ के लिए बुलाने पर विचार कर रही है या नहीं. वहीं पिछले हफ्ते राहुल गांधी ने दावा किया था कि संसद के हाल ही में खत्म सत्र में केंद्रीय बजट पर चर्चा के दौरान उनके चक्रव्यूह भाषण के बाद ईडी उन पर छापा मारने की योजना बना रही है. उन्होंने कहा कि वह केंद्रीय जांच एजेंसी का खुले दिल से इंतजार करेंगे क्योंकि ईडी के अंदरूनी सूत्रों ने उन्हें बताया है कि छापेमारी की योजना बनाई जा रही है.
वहीं कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि ‘मैंने हमेशा एजेएल मामले में ईडी की भूमिका को विचित्र, वास्तव में अकल्पनीय माना है. जहां कभी कोई संपत्ति हस्तांतरित नहीं की गई, जहां अपराध की आय तो दूर, धन का कोई आवागमन नहीं हो सकता और न ही हो सकता है, जहां अंतिम शेयरधारक एक गैर-लाभकारी कंपनी है, यह न तो धन के आवागमन का, न ही संपत्ति के आवागमन का एक अजीब मामला है और इसलिए पीएमएलए कानून अपने आप में अनुपयुक्त है. अगर ईडी राहुल गांधी को परेशान करने या कॉफी पर बुलाना चाहता है, तो यह उनकी इच्छा है.’
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FIRST PUBLISHED : August 12, 2024, 09:35 IST