राष्ट्रपति मुर्मू की न्यूजीलैंड यात्रा के क्या हैं मायने, जानें भारत के साथ कैसे हैं द्विपक्षीय संबंध


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न्यूजीलैंड यात्रा पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू।

ऑकलैंडः राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू तीन देशों की अपनी यात्रा के दूसरे चरण में आज न्यूजीलैंड पहुंच गई हैं। उनके दौरे का उद्देश्य भारत और न्यूजीलैड के द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देना है। अपनी यात्रा के दौरान मुर्मू गवर्नर जनरल डेम सिंडी कीरो, प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लुक्सन और अन्य वरिष्ठ मंत्रियों से मुलाकात करेंगी। विदेश मंत्रालय ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि मुर्मू के न्यूजीलैंड पहुंचने पर कृषि, व्यापार, वानिकी, शिकार और मत्स्य पालन तथा सहायक विदेश मंत्री टॉड मैकक्ले ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। पोस्ट में कहा गया, ‘‘राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का न्यूजीलैंड पहुंचने पर जोरदार स्वागत हुआ।

ऑकलैंड में मंत्री टॉड मैकक्ले और (भारत की) उच्चायुक्त नीता भूषण ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया।’’ मैकक्ले ने ‘एक्स’ पर पोस्ट में कहा कि न्यूजीलैंड में राष्ट्रपति मुर्मू का स्वागत करना सम्मान की बात है। उन्होंने कहा, ‘‘यह यात्रा हमारे संबंधों को प्रगाढ़ करने और लोगों के परस्पर संपर्क एवं सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करने के लिए सरकार की विभिन्न पहल में से एक है।’’ राष्ट्रपति मुर्मू फिजी की राजकीय यात्रा संपन्न होने के बाद न्यूजीलैंड पहुंची हैं। उन्होंने फिजी और भारत के बीच संबंधों को आगे बढ़ाने तथा साझेदारी को मजबूत करने के लिए अपने समकक्ष के साथ व्यापक चर्चा की। राष्ट्रपति मुर्मू गवर्नर जनरल के निमंत्रण पर न्यूजीलैंड आई हैं। यह राष्ट्रपति का आठ साल बाद न्यूजीलैंड का दौरा है।

न्यूजीलैंड में हैं 3 लाख भारतीय 

गवर्नर जनरल कीरो के साथ द्विपक्षीय बैठकों के अलावा, राष्ट्रपति मुर्मू प्रधानमंत्री लक्सन, उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री विंस्टन पीटर्स से भी मिलेंगी। मुर्मू ऑकलैंड में एक सामुदायिक स्वागत समारोह में भी भाग लेंगी, जहां वह भारतीय प्रवासियों से बातचीत करेंगी। न्यूजीलैंड की आबादी 50 लाख है। यहां भारतीय प्रवासियों की संख्या लगभग 3,00,000 है। प्रवासी भारतीय समुदाय न्यूजीलैंड के समाज में बहुत अच्छी तरह से घुला-मिला है और दोनों देशों के बीच एक जीवंत सेतु के रूप में काम करता है। विदेश मंत्रालय के अनुसार, न्यूजीलैंड ने अपने द्विपक्षीय संबंधों के लिए भारत को विशेष फोकस वाले देश के रूप में रखा है।

भारत के प्रमुख रक्षा साझेदारों में है न्यूजीलैंड

न्यूजीलैंड भारत को रक्षा और सुरक्षा तथा समग्र द्विपक्षीय व्यापार, निवेश, लोगों के आपसी संपर्क के मामले में एक प्रमुख साझेदार के रूप में मान्यता देता है। इसलिए, यह यात्रा अपने आप में अत्यधिक महत्वपूर्ण होगी। विदेश मंत्रालय ने कहा कि शिक्षा दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों में एक बड़ी भूमिका निभाती है। न्यूजीलैंड में लगभग 8,000 भारतीय छात्र पढ़ाई कर रहे हैं। मंत्रालय ने कहा कि राष्ट्रपति वेलिंगटन में एक अंतरराष्ट्रीय शिक्षा सम्मेलन को संबोधित करेंगी, जहां भारत मुख्य अतिथि देश है। न्यूजीलैंड का दौरा संपन्न होने के बाद राष्ट्रपति मुर्मू तिमोर-लेस्ते की यात्रा करेंगी। (भाषा) 

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