राज्यसभा चुनाव: बिहार में एनडीए ने बिछा दिया जाल, पर कैंडिडेट पर कन्फ्यूजन!


हाइलाइट्स

बिहार में राज्यसभा की दो सीट को लेकर सियासी हलचल तेज. एक पर तो उपेन्द्र कुशवाहा कन्फर्म तो दूसरे को लेकर अटकलें. शाहनवाज हुसैन और आरके सिंह को लेकर कयासबाजियां जारी.

पटना. राज्य सभा चुनाव का एलान जैसे ही चुनाव आयोग ने किया बिहार की सियासी फिजा में हलचल तेज हो गई. बिहार से खाली हुई दो सीटों पर कौन-कौन उम्मीदवार होंगे इसको लेकर कयासबाजियां शुरू हो गई हैं. एक नाम को लेकर तो बहुत ज्यादा संशय नहीं रहा जब बीजेपी के वरिष्ठ नेता और डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने घोषणा की थी कि उपेन्द्र कुशवाहा को एनडीए राज्यसभा भेजेगा. बता दें कि उपेंद्र कुशवाहा काराकाट से लोकसभा चुनाव हार गए थे. लेकिन, वहीं दूसरी सीट पर उम्मीदवार कौन होगा, इस पर तस्वीर साफ नहीं हुई है. हालांकि, कुछ नाम सियासी हलके में खूब चर्चा में हैं.

दरअसल, बिहार से राज्य सभा की दो सीट खाली हुई थी. राजद की राज्यसभा सांसद मीसा भारती के पाटलिपुत्र संसदीय सीट से लोकसभा चुनाव जीतने के बाद सीट खाली हुई, वहीं दूसरी सीट विवेक ठाकुर का नवादा से लोकसभा चुनाव जीतने के बाद राज्यसभा की सीट रिक्त हुई थी. इन्हीं दोनों सीटों के लिए बिहार में चुनाव होना है. अब उपेन्द्र कुशवाहा के अलावा एनडीए से दूसरे उम्मीदवार के नाम को लेकर चर्चा तेज है.

राज्यसभा के लिए संख्या समीकरण एनडीए के साथ
इससे पहले बता दें कि संख्या बल के लिहाज से फिलहाल विधानसभा में जो संख्या गणित है उससे साफ है कि एनडीए को दोनों सीट जीतने में कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए. फिलहाल बीजेपी के पास 78, जदयू 43, हम 1 और एक निर्दलीय विधायक शंकर सिंह ने समर्थन दे रखा है. वहीं दूसरी तरफ आरजेडी के विधायकों की संख्या देखें तो 77 है, क्योंकि उसके दो विधायक सुरेंद्र यादव जहानाबाद से सांसद हो गए हैं, वहीं दूसरे विधायक सुधाकर सिंह बक्सर से सांसद हो गए हैं. इसकी वजह से विधायकों की संख्या घटकर 75 रह गई है.

राजद के बागियों ने बढ़ाईं महागठबंधन की मुश्किलें
वहीं, आरजेडी के विधायकों की संख्या और कम हो गई है क्योंकि उसके तीन विधायक प्रह्लाद यादव, चेतन आनंद और नीलम देवी ने एनडीए को समर्थन दे रखा है जिसकी वजह से इनकी सदस्यता का मामला अभी विधान सभा अध्यक्ष के पास चल रहा है. हालांकि, इस पर फिलहाल अभी कुछ फैसला आने की संभावना नहीं है. वहीं, संगीता देवी और भरत बिंद के बारे में भी कहा जाता है कि वे एनडीए के प्रत्याशी को समर्थन कर सकते हैं. वहीं, कांग्रेस के एक विधायक मुरारी गौतम ने भी एनडीए को समर्थन दे रखा है. ऐसे में एनडीए के लिए राह आसान मानी जा रही है.

बिहार एनडीए के इन दोनों नामों को लेकर कयासबाजी
दूसरी ओर भाकपा माले के दो विधायक सांसद बन गए हैं जिसकी वजह से महागठबंधन के विधायकों की संख्या घट गई है. वहीं, एनडीए में राज्यसभा की दोनों सीट बीजेपी के कोटा में गई है, जिसमें एक पर उपेन्द्र कुशवाहा तय हैं, वहीं दूसरे नाम पर शाहनवाज हुसैन के नाम चर्चा है. शहनवाज हुसैन ने लोकसभा चुनाव में भी जमकर पसीना बहाया था और एनडीए उम्मीदवारों की जीत के लिए जमकर प्रचार किया था. शाहनवाज हुसैन साफ सुथरी छवि के नेता माने जाते हैं, जो नीतीश मंत्रिमंडल में भी मंत्री थे और फिलहाल किसी भी सदन के सदस्य नहीं हैं. एक तो छवि और दूसरे मुस्लिम होने का फायदा भी उन्हें मिल सकता है. इसके साथ ही नीतीश कुमार के भी नजदीकी भी माने जाते हैं.

क्या जातीय समीकरण को ध्यान में रखेगी भाजपा?
वहीं, ये भी चर्चा है कि एनडीए में बीजेपी किसी सवर्ण, खासकर राजपूत समाज से आने वाले आरके सिंह को भी राज्यसभा भेज सकती है. आरके सिंह आरा से लोकसभा चुनाव हार गए हैं, लेकिन उन्होंने केंद्रीय मंत्री रहते काफी बेहतर काम किया था और उनके अनुभव का फायदा बीजेपी उठा सकती है. वहीं, चर्चा ये भी है कि केंद्र में किसी भी राजपूत को मंत्री नहीं बनाया गया है जिसकी वजह से राजपूत नेताओं में नाराजगी बताई जा रही है, जिसे बीजेपी विधान सभा चुनाव में दूर करना चाहेगी. बहरहाल, तीन सितंबर को राज्यसभा का चुनाव होना है और उसी दिन शाम में परिणाम घोषित कर दिया जाएगा.

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