राजस्थान विधानसभा ये क्यों हो रहा है? कभी पूरी रह नहीं पाती विधायकों की संख्या


जयपुर. राजस्थान विधानसभा के सदस्य सलूंबर विधायक अमृतलाल मीणा का बुधवार रात को हार्ट अटैक से निधन हो गया है. इससे एक बार फिर से राजस्थान विधानसभा में एक सीट खाली हो गई है. हालांकि इस बार लोकसभा चुनाव में पांच विधायक पहले ही सांसद बन चुके हैं. लिहाजा वो सीटें खाली हैं लेकिन अब एक विधायक के निधन से एक और सीट खाली हो गई है. करीब 24 साल पहले बने राजस्थान विधानसभा के सभी 200 सदस्यों की संख्या कभी पूरे पांच साल तक बरकरार नहीं रह पाती है.

विधानसभा चुनाव में चुने गए सभी 200 सदस्य कभी भी लगातार पांच साल तक एक साथ नए भवन में नहीं बैठ पाते हैं. या तो किसी न किसी विधायक का निधन हो जाता है या फिर कोई न कोई विधायक जेल चला जाता है या फिर सांसद बन जाता है. कुल मिलाकर कोई न कोई सीट विधानसभा में खाली रहती है. विधानसभा के नए भवन के अस्तित्व में आने के बाद से लगातार यह सिलसिला चलता जा रहा है. इसे संयोग कहें या दुर्योग इससे इस भवन को लेकर जुड़ी धारणा दिन प्रतिदिन मजबूत होती जा रही है कि क्या है भुतहा है या फिर कोई और कारण है.

आहूजा ने इसे गंगाजल से धोने की मांग कर डाली थी
2001 में नए भवन में शिफ्ट हुई इस विधानसभा हो रहे इन घटनाक्रमों को लेकर पूर्व में बीजेपी के कट्टर हिन्दूवादी नेता एवं पूर्व विधायक ज्ञानदेव आहूजा ने बरसों पहले इसे गंगाजल से धोने की मांग तक कर डाली थी. वहीं बार-बार विधानसभा भवन में पूजा पाठ करवाने की बात भी गाहे बगाहे उठती रही है. ज्योतिनगर में साल 2000 में यह विधानसभा भवन बना था. बताया जाता है कि निर्माण के दौरान यहां करीब आधा दर्जन मजदूरों की अलग-अलग कारणों से मौत हो गई थी. विधानसभा का भवन करीब 17 एकड़ में फैला है.

इन विधायकों की विधायक रहते हुए हो चुका है निधन
इस विधानसभा में विधायक रहते हुए कई जनप्रतिनिधियों का निधन हुआ है. इसकी शुरुआत मंत्री रहे भीमसेन चौधरी और लूणकरणसर विधायक भीखा भाई के निधन से हुई थी. उसके बाद यह सिलसिला लगातार चल रहा है. विधायक किशन मोटवानी, जगत सिंह, रामसिंह विश्नोई, अरूण सिंह, नाथूराम अहारी, कीर्ति कुमारी, धर्मपाल चौधरी, कल्याण सिंह, गजेन्द्र सिंह शक्तावत, मास्टर भंवरलाल मेघवाल, कैलाश त्रिवेदी और किरण माहेश्वरी इस फेहरिस्त में शमिल हैं. अब नया नाम अमृतलाल मीणा का जुड़ गया है.

कई मंत्रियों और विधायकों को जेल जाना पड़ा था
वहीं इस विधानसभा भवन में आने के बाद कई विधायकों को और मंत्रियों को विभिन्न मामलों में जेल जाना पड़ा. इनमें राजेंद्र राठौड़ को दारा सिंह को एनकाउंटर केस में, मंत्री महिपाल मदेरणा और विधायक मलखान सिंह को भंवरी देवी हत्याकांड में जेल जाना पड़ा. उसके बाद मंत्री रहे बाबूलाल नागर रेप केस में जेल जाना पड़ा. विधायक बाबूलाल कुशवाह को भी एक केस में जेल जाना पड़ा था.

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