नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज 78वें स्वतंत्रता दिवस लाल किला के प्राचीर से रिकॉर्ड 11वीं बाद देश को संबोधित किया. उनके भाषण का के केंद्र विकसित भारत @2047 रहा. इस दौरान उन्होंने महिलाओं के हर सेक्टर में भागीदारी, यूनिफॉर्म सिविल कोड, डिजायन इन इंडिया, इंडस्ट्रियल हब, देश के सामने चुनौतियों के बारे में बात की. उन्होंने विकसित भारत के लिए देश भर से आइ सुझाव की लिस्ट भी लाल किले से सुना दी. पीएम ने ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ के साथ-साथ राजनीति में परिवारवाद और जातिवाद समाप्त करने और 1 लाख ऐसे युवाओं को राजनीति में लाने की बात कही, जिनका कोई राजनीतिक बैकग्राउंड न हो. पीएम मोदी ने किसानों की उन्नति के बारे में बात की. उन्होंने कहा, ‘भारत के किसानों का अनाज दुनिया के हर डाइनिंग टेबल पर पहुंचाना है.’
लोगों के जीवन में सरकार का दखल कम हो, इस दिशा में भी हमने काम किया है. हमने देशवासियों के लिए 1,500 से ज्यादा कानूनों को खत्म कर दिया, ताकि कानूनों के जंजाल में देशवासियों को फंसना न पड़े.
नई शिक्षा नीति के अंतर्गत हम देश में ऐसी शिक्षा व्यवस्था विकसित करना चाहते हैं कि मेरे देश के नौजवानों को विदेश न जाना पड़े, मध्यमवर्गीय परिवारों को लाखों-करोड़ रुपये खर्च न करने पड़ें. हम यहां ऐसे संस्थानों का निर्माण करना चाहते हैं जहां विदेशों से लोग भारत आएं.
अभी-अभी हमने बिहार में नालंदा विश्वविद्यालय का पुनर्निर्माण किया है. नालंदा विश्वविद्यालय ने फिर एक बार काम करना शुरू कर दिया है. लेकिन, हमें शिक्षा के क्षेत्र में फिर एक बार सदियों पुराने उस नालंदा स्पिरिट को जगाना होगा, उस नालंदा स्पिरिट को जीना होगा, हमें उस नालंदा स्पिरिट को लेकर बड़े विश्वास के साथ विश्व के ज्ञान की परंपराओं को नई चेतना देने का काम करना होगा.
बीते वर्षों में ‘Women Led Development’ मॉडल पर हमने काम किया है. Innovation हो, Entrepreneurship हो, हर क्षेत्र में महिलाओं के कदम बढ़ते जा रहे हैं, महिलाएं नेतृत्व दे रही हैं. हमारी वायुसेना हो, आर्मी हो, नौसेना हो या हमारा स्पेस सेक्टर हो, हर जगह हम महिलाओं का दमखम देख रहे हैं.
हमें गंभीरता से सोचना होगा. हमारी माताओं, बहनों, बेटियों के प्रति जो अत्याचार हो रहे हैं, उसके प्रति जन सामान्य का आक्रोश है. इसे देश को, समाज को, हमारी राज्य सरकारों को गंभीरता से लेना होगा. महिलाओं के खिलाफ अपराधों की जल्द से जल्द जांच हो. राक्षसी कृत्य करने वालों को जल्द से जल्द कड़ी सजा हो, ये समाज में विश्वास पैदा करने के लिए जरूरी है.
चुनौतियां हैं, भीतर भी हैं और बाहर भी हैं. मैं ऐसी शक्तियों को कहना चाहता हूं कि भारत का विकास किसी के लिए संकट लेकर नहीं आता. जब हम विश्व में समृद्ध थे, तब भी हमने विश्व को कभी युद्ध में नहीं झोंका। हम बुद्ध का देश हैं, युद्ध हमारी राह नहीं है.
हमारा हर देशवासी भ्रष्टाचार के दीमक से परेशान रहा है, इसलिए हमने व्यापक रूप से भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग छेड़ी है. मैं जानता हूं, इसकी कीमत मुझे और मेरी प्रतिष्ठा को चुकानी पड़ती है। लेकिन राष्ट्र से बड़ी मेरी प्रतिष्ठा नहीं हो सकती और राष्ट्र के सपनों से बड़ा मेरा सपना नहीं हो.
सभी राजनीतिक दलों ने अपने विचार रखे हैं. मैं लाल किले से तिरंगे को साक्षी रखते हुए देश के राजनीतिक दलों से आग्रह करता हूं. संविधान को समझने वाले लोगों से आग्रह करता हूं कि भारत की तरक्की के लिए, भारत के संसाधनों का सर्वाधिक उपयोग जन सामान्य के लिए हो सके, इसके लिए वन नेशन वन इलेक्शन के लिए हमें आगे आना चाहिए.
वन नेशन वन इलेक्शन’ के लिए देश को आगे आना होगा. बार-बार आने वाले चुनाव इस देश की प्रगति में रुकावट उत्पन्न करते हैं. आज कोई भी योजनाओं को चुनाव के साथ जोड़ना आसान हो गया है क्योंकि हर 3 महीने 6 महीने बाद चुनाव होते हैं. हर काम को चुनाव के रंग से रंग दिया गया है इसलिए देश ने व्यापक चर्चा की है.
यूनिफॉर्म सिविल कोड को पर पीएम ने कहा हमारे देश में सुप्रीम कोर्ट ने बार-बार यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर चर्चा की है. अनेक बार आदेश दिए हैं. क्योंकि देश का एक बहुत बड़ा वर्ग मानता है और उसमें सच्चाई भी है कि जिस सिविल कोड को लेकर के हम जी रहे हैं वह सिविल कोड एक प्रकार का कम्युनल सिविल कोड है. भेदभाव करने वाला सिविल कोड है.
FIRST PUBLISHED : August 15, 2024, 11:06 IST