बरखा मदान से लेकर विनोद खन्ना तक फिल्मी दुनिया में कई ऐसे सितारे हुए जिन्होंने अपनी आलीशान जीवनशैली और शोहरत भरी जिंगदी छोड़कर एक आम जिंदगी चुनी और आध्यात्म की राह पर निकल पड़े। किसी ने धर्म को चुना तो कई संन्यासी बन गया। ऐसी ही एक और हस्ती भी हैं, जिन्होंने मॉडलिंग की दुनिया में नाम कमाया, सफल बिजनेसवुमन बनीं और अब सब छोड़कर ब्रह्मचारिणी बन गई। ये कोई और नहीं बल्कि ‘आशिकी’ से स्टारडम हासिल करने वाले एक्टर राहुल रॉय की मुंहबोली बहन हैं।
मॉडल से बनीं ब्रह्मचारिणी
एक्टर राहुल रॉय की बहन पिया ग्रेसी रॉय खुद एक सेलिब्रिटी थी। पॉपुर मॉडल होने के साथ ही वो टैलेंट मैनेजमेंट फर्म चलाती थीं। सोशल मीडिया पर उनके 1.3 मिलियन से ज्यादा फॉलोअर्स हैं, लेकिन अब उन्होंने सब छोड़ दिया है और अलग ही जिंदगी जीने लगी हैं। ब्रह्मचारिणी बनने के बाद उनके भाई राहुल रॉय भी उनके शिष्य बन गए हैं और हर काम उनकी राय मानते हुए ही करते हैं। वो अक्सर अपने भाई के साथ नजर आती हैं और राहुल रॉय के हर फैसले में पूरा दख्ल रखती हैं। पिया ग्रेसी रॉय ने ब्रह्मचारिणी बनने के बाद अपना नाम भी बदल दिया है। अब वो हरि माँ प्रियंका हो गई हैं।
कई फील्ड में थी महारत हासिल
उनके इंस्टाग्राम प्रोफाइल के अनुसार एक मॉडल के रूप में उनका आखिरी पोस्ट 2020 में था। इससे पहले उन्होंने रोमर सेन से शादी की थी, जो एक ट्रैवल इन्फ्लुएंसर और ऑटोमोबाइल और होटल समीक्षक हैं। उन्होंने कथित तौर पर पिया ग्रेस के रूप में एक क्रिएटिव टैलेंट मैनेजमेंट फर्म, फेस क्राफ्ट भी चलाई, लेकिन अपनी रचनात्मक रुचियों को आगे बढ़ाने के लिए इसे छोड़ दिया। उनके इंस्टाग्राम बायो से यह भी पता चलता है कि वह एक गायिका भी हैं और मार्शल आर्ट में सीखी है। सोशल मीडिया पर उनका प्रेसेंस काफी मजबूत है।
हरि मां से खास है राहुल का रिश्ता
राहुल रॉय ने फिल्म ‘आशिकी’ से ब्लॉकबस्टर डेब्यू किया था और उस दौरा में शाहरुख खान और आमिर खान से भी बड़े स्टार बन गए थे। उन्होंने 11 दिनों में 47 फिल्में साइन कीं, हालांकि अपने ब्लॉकबस्टर डेब्यू के बाद भी वे पूरे करियर में सिर्फ एक ही सफल फिल्म दे पाए। राहुल और हरी मां ने हाल ही में महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे से मुलाकात की। वैसे जब राहुल को पैरालिसिस का अटैक आया था तो हरी मां उनके साथ थी और उनका ख्याल भी रखती थीं। राहुल ने बताया था कि वो दिन रात उनकी सेवा में लगी रहीं। एक्टर को ठीक करने का श्रेय वो हरि मां को ही देते हैं। दोनों सगे भाई-बहन न होते हुए भी साथ में हर पर्व मनाते हैं।