मालदीव में जब से मोहम्मद मुइज्जू की सरकार सत्ता में आई है, तब से भारत के साथ उसके रिश्ते लगातार खराब रहे हैं. तनातनी इतनी बढ़ गई थी कि दोनों देशों के बीच कूटनीतिक बातचीत भी ठीक से नहीं होती थी. लेकिन अब विदेश मंत्री एस जयशंकर 9-11 अगस्त तक मालदीव की यात्रा पर जा रहे हैं. विदेश मंत्रालय ने कहा, जयशंकर की यात्रा का मकसद भारत और मालदीव के बीच साझेदारी को और मजबूत करना है. इससे चीन की टेंशन बढ़नी तय है. उधर, पड़ोसी देश बांग्लादेश में बवाल के बाद जयशंकर का मालदीव जाना कूटनीतिक तौर पर काफी मायने रखता है.
विदेश मंत्रालय ने कहा, जयशंकर की यह यात्रा मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू की भारत यात्रा के बाद हो रही है. मोहम्मद मुइज्जू मोदी सरकार के शपथग्रहण में शामिल होने के लिए दिल्ली आए थे. विदेशमंत्री का दौरा इसलिए भी बेहद अहम है, क्योंकि तनातनी की वजह से जनवरी 2023 के बाद से वे मालदीव नहीं गए हैं. मंंत्रालय ने अपने बयान में कहा, मालदीव भारत का प्रमुख समुद्री पड़ोसी देश है. भारत की नेबरहुड फर्स्ट पॉलिसी (पड़ोसी पहले) और हमारे विजन ‘सागर’ के लिए यह बेहद अहम है. इस यात्रा का मकसद साझेदारी मजबूतर करना और द्विपक्षीय रिश्तों का आगे बढ़ाने के रास्ते तलाशना है.
चीन के चंगुल से कैसे निकले मुइज्जू
FIRST PUBLISHED : August 8, 2024, 20:33 IST