मुंबई की लड़की ने बनाई ऐसी फिल्म, बराक ओबामा के दिल को भाई कहानी, 23 अवॉर्ड जीत दुनियाभर में काटा गदर


All We Imagine As Light movie review

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‘ऑल वी इमेजिन एज लाइट’

साल 2024 में कई बेहतरीन फिल्में आईं और बॉक्स ऑफिस पर भी खूब गदर काटा। पुष्पा से लेकर सिंघम और भूल भुलैया जैसी फिल्मों ने जमकर कमाई की और साल 2024 में प्रोड्यूसर्स को मोटा पैसा कमाकर दिया। लेकिन इसी साल नवंबर के महीने में एक फिल्म रिलीज हुई। मुंबई की एक लड़की की बनाई ये फिल्म 22 नवंबर को सिनेमाघरों में रिलीज हुई और कब उतर गई किसी को पता नहीं चला। लेकिन जब इस फिल्म ने फिल्म फेस्टिवल्स में एंट्री ली तो दुनिया हिला डाली। अब  ये फिल्म अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा की साल 2024 की सबसे बेहतरीन फिल्मों की लिस्ट में टॉप पर रही है। बराक ओबामा ने इस साल की सबसे शानदार फिल्मों की एक लिस्ट शेयर की है। जिसमें इस फिल्म का नाम टॉप पर है। इस फिल्म का नाम है ‘ऑल वी इमेजिन एज लाइट’ और इसे बनाया है मुंबई की डायरेक्टर ‘पायल कपाड़िया’ ने। 

क्या है फिल्म की कहानी?

फिल्म की कहानी 2 नर्सों की जिंदगी के इर्द-गिर्द घूमती है। ये दोनों नर्स एक सरकारी अस्पताल में काम करती हैं। इनमें से एक शादी-शुदा है और उसका पति विदेश चला जाता है। इसके बाद से उसकी पति से बात नहीं होती है। वहीं दूसरी नर्स का एक मुस्लिम बॉयफ्रेंड है। लेकिन वो जानती है कि उसके घरवाले कभी भी उसकी शादी एक मुस्लिम से करने के लिए राजी नहीं होगे। दोनों की जिंदगी एक कविता की तरह फिल्म की कहानी में बहती नजर आती है। इसी दौरान अचानक से बड़ी नर्स के पति का मैसेज आता है जिसमें वो उससे मिलने की बात करता है। इसके बाद दोनों मिलने का प्लान बनाते हैं और अकेले में मिलने की जगह ढूंढते रहते हैं। फिल्म की कहानी दरअसल पब्लिक प्लेस के क्षरण पर केंद्रित है। तरक्की करते शहरों में लोगों की जगह कैसे छिन जाती है और आम आदमी को कैसे इसकी कीमत चुकानी पड़ती है इसका फिल्म संदेश देती है। फिल्म को लोगों ने खूब पसंद किया है। 

फिल्म फेस्टिवल्स में चला कहानी का सिक्का

डायरेक्टर पायल कपाड़िया की फिल्म ‘ऑल वी इमेजिन एज लाइट’ भले ही बॉक्स ऑफिस पर कोई सुर्खियां नहीं बटोर पाई हो, लेकिन इस फिल्म ने अवॉर्ड्स की दुनिया में खूब धूम मचाई है। ऑस्कर के बाद फिल्मी दुनिया के दूसरे सबसे बड़े अवॉर्ड कान्स में इस फिल्म ने ग्रांड प्राइज ऑफ फेस्टिवल का अवॉर्ड जीता था। इसके बाद शिकागो में बेस्ट फॉरेन फिल्म का खिताब अपने नाम किया। इसके बाद डेनवर में बेस्ट फीचर फिल्म का अवॉर्ड जीता। गोल्डन ग्लोब अवॉर्ड में फिल्म के 2 नॉमिनेशन रहे। इसके बाद गोथम अवॉर्ड भी अपने नाम किया। पूरी दुनिया के अवॉर्ड फेस्टिवल्स में फिल्म ने 33 से ज्यादा नॉमिनेशन हासिल किए और 21 से ज्यादा खिताब अपने नाम किए। 

कौन हैं डिंपल कपाड़िया?

डिंपल कपाड़िया बॉलीवुड की मेनस्ट्रीम डायरेक्टर नहीं हैं। बल्कि एक इंडिपेंडेट और चेतना संपन्न डायरेक्टर हैं। जो अपने सिनेमा से समाज को गहरा संदेश देने में विश्वास रखती है। डिंपल कपाड़िया का जन्म 1986 में मुंबई में हुआ था। यहीं से स्कूलिंग की पढ़ाई करने के बाद डिंपल ने पुणे के इंडियन फिल्म इंस्टीट्यूट में जाने का फैसला लिया। लेकिन एडिटिंग विभाग में उनका चयन नहीं हो पाया। इसके बाद पायल ने 2007 में सोफिया कॉलेज से मास कम्यूनिकेशन की पढ़ाई की और काम करने लगीं। इसके बाद 2012 में फिल्म इंस्टीट्यूट के डायरेक्शन कोर्स में दाखिला लिया। यहां करीब 5 साल तक फिल्मों की बारीकी सीखी और कई प्रोजेक्ट्स भी बनाए। कपाड़िया का नाम फिल्म इंस्टीट्यूट के चेयरमेन गजेंद्र वर्मा की नियुक्ति के दौरान सामने आया। पायल ने यहां एक विरोध प्रदर्शन लीड किया और 139 दिनों तक चलता रहा। पायल को इस कॉन्ट्रोवर्सी के दौरान जेल भी जाना पड़ा। पायल अब तक कुल 6 फिल्में डायरेक्ट कर चुकी हैं। 

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