बोकारो में AK 47 से किसे करना था टारगेट, विदेशी पिस्टल से कौन-कौन बनता निशाना?


हाइलाइट्स

विकास सिंह और अमित मुखिया गिरोह के हथियारों का जखीरा बरामद. एके 47, विदेशी पिस्तौल, भरी हुई मैगजीन सहित सैकड़ों गोलियां बरामद.

मृत्युंजय कुमार/बोकारो. बीते 18 जुलाई को वर्चस्व को लेकर जिला बदर अपराधी शंकर रवानी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस मामले में बोकारो पुलिस ने पटना के कुख्यात अपराधी विकास सिंह और अमित मुखिया गिरोह के हथियारों का जाखीरा बरामद किया है. बोकारो एसपी पूज्य प्रकाश के अनुसार, इन हथियारों की बरामदगी राजू दुबे के कहने पर साजिशकर्ता अशोक सम्राट के समधी संजय सिंह के ड्राइवर बिरेन्द्र यादव की निशानदेही पर की गई है. खास बात यह है कि इसमें एके 47 राइफल के साथ ही विदेशी पिस्टल और भारी मात्रा में कारतूस बरामद किये गए हैं.

बता दें कि इस मामले की जांच के लिए गठित एसआईटी टीम ने एक AK-47, एक भरी हुई मैगजीन, 2 खाली मैगजीन, 92 राउंड गोली, एक कार्बाइन दो मैगजीन रिकवर की है. इसके साथ ही 4 पिस्टल, जिसमें दो पिस्टल विदेशी थी, इसकी भी बरामदगी की है. बताया जा रहा है कि विदेशी पिस्टलों में एक चेक रिपब्लिक और दूसरा इटली मेड था. एक पुलिस का 9 एमएम पिस्टल, एक सिक्सर, 6.9MM की 100 राउंड और 0.38 की 60 राउंड गोली बरामदगी भी की गई है. वहीं, हत्या में इस्तेमाल स्विफ्ट डिजायर को भी बरामद किया गया है.

बोकारो में बड़ी वारदात को देना था अंजाम
एसपी पूज्य प्रकाश ने बताया कि इन विदेशी और ऑटोमेटिक हथियार से बोकारो में बड़े अपराध को अंजाम देने की तैयारी थी. पुलिस इस मामले के अनुसंधान में लगी है कि कौन-कौन लोग टारगेट में थे. एसपी ने बताया कि एक पुलिस के जो हथियार मिले हैं वे संभवत: बिहार पुलिस के हैं. इसकी जांच की जा रही है. एसपी ने बताया कि इस गिरोह के सभी हथियारों को पुलिस ने बरामद कर लिया है. जानकारी के मुताबिक, पुलिस का जो हथियार मिला है वह हथियार विकास सिंह बिहार पुलिस से छीन कर भागा था. बरामद AK-47 का इस्तेमाल विकास सिंह गिरोह के शिपुल महतो ने भोला राय की हत्या में इस्तेमाल किया गया था.

शंकर रवानी हत्याकांड और बिहार से जुड़ा मामला!
वहीं, इस केस की तफ्तीश में जिस प्रकार से विदेशी हथियार बरामद हुए हैं, ऐसे में पुलिस केंद्रीय एजेंसियों से संपर्क स्थापित करने की बात कह रही है. एसपी पूज्य प्रकाश की मानें तो नवंबर महीने में ही सभी हथियार बोकारो आ चुके थे. हथियार आने के बाद शंकर रवानी को गोली मारी गई, लेकिन वह बच गया. उसके बाद सभी अपराधी जुलाई में बोकारो पहुंचे ,जहां उन्होंने रेकी शुरू कर दी. इसके बाद विगत 18 जुलाई को शंकर रवानी के तारापीठ से पूजा कर लौट के बाद उसकी बोकारो में ही गोली मारकर हत्या कर दी गई.

Tags: AK 47, Bokaro news, Jharkhand news



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