बिहार में बनेगी पहली सुरंग, वह भी पूरे 5 किलोमीटर की, किस जिले को तोहफा


हाइलाइट्स

वाराणसी-कोलकाता एक्‍सप्रेसवे 690 किलोमीटर लंबा होगा. इस एक्‍सप्रेसवे पर कैमूर जिले में 5 किलोमीटर की टनल बनेगी. इस एक्‍सप्रेसवे से बिहार के 4 जिलों को सीधे तौर पर फायदा होगा.

नई दिल्‍ली. देश में सड़क और एक्‍सप्रेसवे पर हो रहे विकास कार्यों का फायदा लगभग हर राज्‍य को मिल रहा है. सरकार का मकसद अच्‍छी सड़कें बनाने के साथ दूरी को घटाना भी है. इस कड़ी में जहां भी जरूरत होती है ओवरब्रिज और टनल का निर्माण भी जोरों पर है. पहाड़ी राज्‍यों में सरकार ने दर्जनभर से ज्‍यादा टनल का निर्माण कर लिया है और अब नंबर है बिहार का. इस राज्‍य को भी अपनी पहली रोड टनल जल्‍द मिलने वाली है, वह भी पूरे 5 किलोमीटर लंबी. किस जिले में इसका निर्माण होगा और कहां तक यह सड़क लेकर जाएगी, इसकी पूरी जानकारी हम इस स्‍टोरी में देंगे.

राष्‍ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NAHI) ने बिहार में इस पहली टनल के निर्माण को हरी झंडी दे दी है, जो देश के टॉप-10 सबसे लंबी सड़क सुरंग में शुमार होगा. इसका निर्माण वाराणसी-कोलकाता एक्‍सप्रेसवे (Varanasi-Kolkata Expressway) पर किया जाना है. 6 लेन का यह एक्‍सप्रेसवे कुल 610 किलोमीटर का होगा. इसकी कुल लागत करीब 35,000 करोड़ रुपये बताई जाती है. एक्‍सप्रेसवे का निर्माण भी लगभग शुरू हो चुका है. एनएचएआई ने तो इसका नाम भी रख दिया है NH319B.

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कहां बनेगी यह टनल
610 किलोमीटर लंबे एक्‍सप्रेसवे का 160 किलोमीटर का हिस्‍सा बिहार से गुजरेगा. यह एक्‍सप्रेसवे वाराणासी में बने रिंग रोड से निकलकर चंदौली जिले के बॉर्डर से बिहार में प्रवेश करेगा और गया जिले को पार करते हुए झारखंड में चला जाएगा. 5 किलोमीटर लंबी यह सुरंग बिहार के कैमूर जिला स्थित कैमूर पहाड़ी में बनाई जाएगी, जो सोन नदी को पार करके सासाराम से औरंगाबाद में प्रवेश करेगा.

बिहार के 4 जिलों को फायदा
वाराणसी-कोलकाता एक्‍सप्रेसवे बिहार के 4 जिलों से निकलेगा और झारखंड के भी इतने ही जिलों को फायदा होगा. फिर यह पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले के जरिये प्रवेश करेगा. इस एक्‍सप्रेसवे के पूरा होने के बाद वाराणसी से कोलकाता तक की दूरी महज 7 घंटे में पूरी की जा सकेगी. अभी इस दूरी को पूरा करने में 14 घंटे का समय लगता है. इसका फायदा बिहार के कारोबारियों को भी मिलेगा, क्‍योंकि गया जिले में बन रहे लॉजिस्टिक्‍स पार्क को भी इससे जोड़ा जाएगा.

देश की 6वीं सबसे लंबी सड़क सुरंग
अभी देश की सबसे लंबी सुरंग जम्‍मू-कश्‍मीर की चेनानी-नाशरी (श्‍यामा प्रसाद मुखर्जी) है, जो 4000 फीट की ऊंचाई पर बनी है और इसकी लंबाई 9.34 किलोमीटर है. इसके बाद मनाली से लेह को जोड़ने वाली अटल टनल का नंबर आता है, जो 9.02 किलोमीटर लंबी है. श्रीनगर और जम्‍मू के बीच बन रही बनिहाल काजीगुंड टनल 8.45 किलोमीटर लंबी है. इस लिहाज से कैमूर में बनने वाली टनल देश की 6वीं सबसे लंबी टनल होगी.

Tags: Atal tunnel, Business news, Expressway New Proposal



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