पटना. बिहार की सियासत में अक्सर इस बात की चर्चा होती है कि जब सीएम नीतीश कुमार राजनीति से सन्यास लेंगे तो बिहार में उनकी जगह कौन लेगा? वैसे तो बिहार में नीतीश कुमार के विकल्प के रूप में कई नामों की चर्चा होती है. लेकिन, बिहार के तीन ऐसे युवा नेता हैं, जिन्हें समय-समय पर नीतीश कुमार का उत्तराधिकारी बताया जाता रहा है. दरअसल बिहार की राजनीति के तीन बड़े चेहरे तेजस्वी यादव, चिराग पासवान और प्रशांत किशोर ऐसे युवा नेता हैं, जिनको अक्सर लोग बिहार की राजनीति का भविष्य बताते हैं.
इस बारे में बिहार के जाने माने उद्योगपति सत्यजीत सिंह कहते हैं कि तीन युवा नेता बेहद प्रतिभावान है और उनमें बड़े नेता बनने के तमाम गुण भी मौजूद है. सत्यजीत सिंह कहते हैं कि तेजस्वी यादव लालू यादव और राबड़ी देवी के बेटे हैं. बिहार के दो-दो बार उप मुख्यमंत्री भी रह चुके है. उन्हें शासन चलाने का भी अनुभव है. वह युवा और बेहद आक्रामक भी हैं, जिनका युवाओं में क्रेज़ भी है. वह बिहार के लिए कुछ करना चाहते है. लेकिन, उनके साथ समस्या ये है कि उनके और उनके कुछ परिवार वालों के ऊपर जो मामले चल रहे है. इसकी वजह से उनके छवि पर थोड़ा असर पड़ जाता है जो नीतीश कुमार के मुकाबले में उन्हें रेस जीतने नहीं देता है.
‘चिराग को और अधिक मेहनत करने की जरूरत’
वहीं सत्यजीत सिंह चिराग पासवान के बारे में कहते हैं कि चिराग पासवान भी एक राजनीतिक घराने से आते हैं, जिनका फायदा उन्हें राजनीति में मिल रहा है. युवा है राजनीतिक तेवर भी है. फिलहाल केंद्र में मंत्री भी है जिसकी वजह से उनका राजनीतिक महत्व और बढ़ जाता है. लेकिन, अभी भी उनके ऊपर एक जाति विशेष के नेता का ठप्पा लगा हुआ है. इन्हें बिहार के लोगों के बीच अपने जनाधार को बढ़ाने के लिए और मेहनत करने की ज़रूरत है.
क्या कहते हैं राजनीतिक विशेषज्ञ
बिहार के जाने माने वरिष्ठ पत्रकार व राजनीति विशेषज्ञ अरुण पांडे कहते हैं कि प्रशांत किशोर बिहार की सियासत में तेजी से अपनी पहचान बना रहे हैं. देश-विदेश में काम करने के साथ साथ साथ बड़े-बड़े राजनीतिक दलों के लिए भी काम कर चुके हैं जिसका अनुभव इन्हें फायदा दे रहा है. बिहार के लिए कुछ अलग करने की चाहत और रोड मैप लेकर ये जनता के बीच जा रहे हैं जिसका असर भी दिख रहा है. लेकिन, प्रशांत किशोर भी जाति की राजनीति से अलग नहीं हट पा रहे है जिसके इर्द-गिर्द राजनीति घूमती है. कुछ अलग करने की चाहत के साथ साथ कुछ अलग हट कर रणनीति करनी होगी. तभी ये बिहार के बड़े खिलाड़ी के तौर पर उभर सकते हैं.
तेजस्वी क्यों नहीं बन पाते हैं सर्वमान्य नेता?
सामाजिक कार्यों में अपनी पहचान बनाने वाली शालिनी सिन्हा कहती हैं कि बिहार के ये तीन युवा नेता बेहद प्रतिभावान हैं, जिनसे लोगों को काफी उम्मीदें भी हैं. तेजस्वी यादव युवा और तेज तर्रार नेता हैं, जिनकी मजबूत राजनीतिक विरासत भी है. साथ ही जातीय राजनीति के लिहाज से भी मजबूत माने जाते हैं. बिहार के लिए कुछ करना भी चाहते हैं. लेकिन, तेजस्वी यादव के बारे में ऐसा माना जाता है कि वो खास की राजनीति से अलग नहीं हो पाते है जो इन्हें बिहार का सर्वमान्य नेता नहीं बनने देता है.
‘प्रशांत किशोर के लिए आसान नहीं राह’
वहीं शलिनी चिराग पासवान पर कहती हैं कि वह बेहद शालीन और शानदार नेता है जो युवाओं में बेहद लोकप्रिय हैं. बिहार के लिए कुछ करना चाहते हैं जिनके पास विजन भी है. केंद्र में मंत्री बनने के बाद इनका ग्लैमर युवाओं में और भी बढ़ गया है जिनके बारे में ये भी कहा जाता है कि सारी जातियों को लेकर चलने वाले है. लेकिन, इसके लिए उन्हें काफ़ी मेहनत करनी होगी और सर्वमान्य नेता बनना होगा. वहीं प्रशांत किशोर ने अभी-अभी राजनीति में कदम रखा है कुछ अलग करना चाहते हैं. वह मेहनत भी कर रहे है. लेकिन, बिहार की जातीय राजनीति में कितना सफल होते है यह देखना होगा. लेकिन, इनके पास कई राजनीतिक दलों के लिए काम करने का अनुभव है, जिसका फ़ायदा उन्हें मिल सकता है. लेकिन, बिहार की राजनीति में कदम जमाना आसान नहीं है इसके लिए कड़ी मेहनत करनी होगी.
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FIRST PUBLISHED : August 12, 2024, 17:27 IST